अपडेटेड 12 May 2025 at 14:11 IST

मेरी वर्दी बोले मेरा हाल तो... पटना पहुंचा BSF शहीद जवान का पार्थिव शरीर; तिरंगे में लिपटे पिता को देख फूट-फूटकर रोने लगा बेटा

LoC पर वीरगति को प्राप्त हुए BSF के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज का पार्थिव शरीर आज राजधानी पटना पहुंचा।

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BSF सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज का पार्थिव शरीर पहुंचा पटना | Image: ANI

जम्मू-कश्मीर के आरएस पुरा सेक्टर में 10 मई को पाकिस्तान की ओर से सीमा पार से की गई गोलाबारी में अपनी ड्यूटी के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए BSF के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज का पार्थिव शरीर सोमवार को राजधानी पटना लाया गया। एयरपोर्ट पर शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक आवास छपरा के लिए रवाना किया गया। इससे पहले एयरपोर्ट पर शहीद को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए बिहार सरकार के मंत्री समेत  RJD नेता तेजस्वी यादव पहुंचे।

 

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के सीजफायर के घोषणा के तीन घंटे बाद ही शनिवार की देर शाम पाकिस्तान की तरफ से हुई गोलीबारी में बिहार के छपरा निवासी BSF के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज शहीद हो गए थे। सोमवार को उनका पार्थिव शरीर जम्मू से बिहार पहुंचा। बिहार के मंत्री नितिन नवीन, बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, RJD नेता तेजस्वी यादव और अन्य नेताओं ने शहीद को श्रद्धांजलि देने एयरपोर्ट पहुंचे।

पिता की शहादत पर गर्व है- इमरान

वीरगति को प्राप्त हुए BSF के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज के बेटे इमरान अपने पिता को तिरंगा में लिपटा देख भावुक हो गए और फूट-फूटकर रोने लगे। पिता की शहादत पर बेटे ने कहा- हम बस इतना ही कहना चाहेंगे कि हमें अपने पिता पर गर्व है (I M Proud of My Father)। हम उन सभी शहीदों को नमन करते हैं जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वोच्य बलिदान दिया।

शहीद को दी गई अंतिम श्रद्धांजलि

मोहम्मद इम्तियाज के शहादत पर बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा, हमने देश का एक जवान खो दिया है, छपरा निवासी मोहम्मद इम्तियाज की शहादत को देश कभी नहीं भूलेगा। हम और पूरा देश उनके परिवार के साथ खड़ा है... हम इस वीर सपूत को नमन करते हैं और हम उनके परिवार के साथ खड़े हैं।

मोहम्मद इम्तियाज के गांव में छाई मायूसी

मोहम्मद इम्तियाज बिहार के छपरा जिले के नारायणपुर गांव के निवासी थे। एक तरफ उनकी शहादत पर पूरा गांव गर्व महसूस कर रहा है तो दूसरी तरफ परिवार में मायूसी भी छाई हुई है। पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। वो आखिरी बार ईद पर घर आए थे। गांव के लोग बताते हैं कि वो काफी मिलनसार इंसान थे। जब भी वो गांव आते थे सभी से मिलते-जुलते थे, उनके शहादत पर पूरा गांव हमेशा याद रखेगा।  
 

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Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 12 May 2025 at 12:46 IST