अपडेटेड 22 July 2025 at 23:29 IST

बिहार में SIR पर सियासी बवाल के बीच चुनाव आयोग ने जारी किए आंकड़े, 52 लाख मतदाताओं के कट जाएंगे नाम! BJP और विपक्ष ने क्या कहा?

चुनाव आयोग के मुताबिक, 22 जुलाई 2025 तक 97.30% मौजूदा मतदाताओं ने 1 अगस्त, 2025 को प्रकाशित होने वाली मसौदा मतदाता सूची में शामिल होने के लिए अपना गणना फॉर्म जमा कर दिया है, केवल 2.70% मतदाता ही फॉर्म भरने के लिए बाकी हैं।

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PK, Giriraj singh, Tejashwi Yadav on SIR | Image: ANI

बिहार में जारी मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर चुनाव आयोग ने बड़ा अपडेट जारी किया है। चुनाव आयोग के मुताबिक, 22 जुलाई 2025 तक 97.30% मौजूदा मतदाताओं ने 1 अगस्त, 2025 को प्रकाशित होने वाली मसौदा मतदाता सूची में शामिल होने के लिए अपना गणना फॉर्म जमा कर दिया है, केवल 2.70% मतदाता ही फॉर्म भरने के लिए बाकी हैं।

चुनाव आयोग के मुताबिक, 21 जुलाई, 2025 तक घर-घर जाकर किए गए सर्वेक्षण के दौरान 52.30 लाख से ज्यादा मतदाता अपने पते पर नहीं पाए गए जिनमें लगभग 18.66 लाख मतदाता मृत पाए गए, 26 लाख स्थायी रूप से ट्रांसफर हो गए, लगभग 7.5 लाख मतदाता कई जगहों पर पंजीकृत पाए गए और लगभग 11,484 का पता नहीं चल पाया।

52 लाख मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से हटेगा- चुनाव आयोग

आयोग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 18 लाख मतदाता मृत पाए गए हैं, जिनका नाम मतदाता सूची में शामिल था। जांच में 26 लाख वोटर की पहचान की गई है जो बिहार या अन्य विधानसभा क्षेत्र में जा चुके हैं। इसके अलावा 7 लाख वोटर ऐसे हैं जो दो जगह पर रजिस्टर्ड हैं जो कि साफ तौर पर नियमों का उल्लंघन है। इन्हीं कारण से करीब 52 लाख मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से हटाए जाएंगे।

30 सितंबर जारी की जाएगी फाइनल लिस्ट

फाइनल लिस्ट में कोई भी मतदाता ना छूटे इसके लिए चुनाव आयोग ने कई बड़े कदम उठाए हैं। जिन मतदाताओं का नाम ट्रांसफर या दोहरी पंजीकरण के रूप में चिन्हित किया गया है, उनकी सूची राजनीतिक दलों और उनके बूथ लेवल एजेंट के साथ शेयर कर दी गई है। यह कदम 25 जुलाई तक इन मतदाताओं की स्थिति की पुष्टि करने के लिए उठाया गया है। इसके अलावा एक अगस्त को प्रारंभिक मतदाता सूची सामने आने के बाद 1 सितंबर तक दावे और आपत्तियों को दर्ज करने का वक्त दिया जाएगा। इसके बाद फाइनल वोटर लिस्ट 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित की जाएगी।

विपक्ष कर रहा है 'SIR' का विरोध

बिहार चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा किए जा रहे हैं पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है। विपक्ष इसे वोटरों को उनके अधिकार छीनने की साजिश बता रहा है।

भाजपा के इशारे पर लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास- तेजस्वी यादव

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा लोकतंत्र की जननी बिहार है और वही से चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास कर रही है। हम लोग चाहते हैं कि बिहार विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा हो लेकिन सरकार के लोग भाग रहे हैं, आखिर क्या कारण है कि सरकार SIR के मुद्दे पर भाग रही है, डर किस बात का है? कौन इस देश का नागरिक है कौन नहीं यह तो गृह मंत्रालय तय करेगा। चुनाव आयोग का काम निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराना है न कि किसी पार्टी का प्रकोष्ठ बनकर किसी पार्टी के लिए काम करना है। इसपर हम चर्चा चाहते हैं।

तेजस्वी को रोहिंग्याओं, बांग्लादेशियों की चिंता है- गिरिराज सिंह

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि क्या वे संविधान में विश्वास करते हैं, क्या मतदाता सूची का पुनरीक्षण जब 2003 में हुआ था तब प्रधानमंत्री मोदी देश के प्रधानमंत्री थे, तब भी तो यह हुआ था। तेजस्वी यादव अपनी बात स्पष्ट रूप से रखनी चाहिए। उन्हें किसी और चीज की चिंता है, उन्हें रोहिंग्याओं, बांग्लादेशियों की चिंता है कि उनका क्या होगा इसलिए वे डरे हुए हैं।

चुनाव आयोग को  किसी की नागरिकता तय करने का अधिकार नहीं-  प्रशांत किशोर

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि पहले दिन से ही इसके(SIR) खिलाफ हैं। हम कहते आ रहे हैं कि चुनाव आयोग ने समाज के उन लोगों के नाम हटाने का प्रयास किया है जो सत्ताधारी दल के खिलाफ हैं, जो प्रवासी मजदूर हैं, जो गरीब हैं, जो व्यवस्था से नाखुश हैं। चुनाव आयोग को किसी की नागरिकता तय करने का अधिकार नहीं है। अगर चुनाव आयोग आपका नाम हटा रहा है, तो आपको इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए। सरकार चाहे जितनी भी कोशिश कर ले, नवंबर में नीतीश कुमार, NDA को सत्ता से जाने से कोई नहीं रोक सकता।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 22 July 2025 at 22:41 IST