अपडेटेड 10 December 2024 at 20:24 IST

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना कलेक्ट्रेट के नए भवन का उद्घाटन किया

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवनिर्मित ‘‘पटना कलेक्ट्रेट’’ (जिला समाहरणालय) के बहुमंजिला आधुनिक भवन का मंगलवार को उद्घाटन किया।

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Chief Minister Nitish Kumar inaugurated the new building of Patna Collectorate | Image: X-@NitishKumar

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवनिर्मित ‘‘पटना कलेक्ट्रेट’’ (जिला समाहरणालय) के बहुमंजिला आधुनिक भवन का मंगलवार को उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने उद्घाटन के बाद इस बहुमंजिला आधुनिक भवन के परिसर एवं ‘बेसमेंट’ का मुआयना किया। इस अवसर नवनिर्मित समाहरणालय भवन के बेसमेंट, भूतल से लेकर पांचवे तल तक उपलब्ध कराई गई सुविधाओं एवं पदाधिकारियों के बैठने के लिए की गयी व्यवस्थाओं के संबंध में अधिकारियों ने ‘‘मॉडल’’ के माध्यम से मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी।

नवनिर्मित पटना समाहरणालय परिसर के एक हिस्से में मुख्य प्रवेश द्वार के समीप, पटना समाहरणालय के पुराने भवन के अंश (8 खंभों) को संरक्षित करने वाले क्षेत्र का मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाहरणालय भवन के पुराने हिस्से को काफी बेहतर ढंग से संजोया गया है। पटना समाहरणालय में आनेवाले लोग इस खुले क्षेत्र में हरियाली के बीच आराम से बैठकर अपना कुछ समय व्यतीत कर सकेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह के नए कार्यालय कक्ष में पहुंचकर उन्हें कुर्सी पर बैठाया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब आप सभी इस नवनिर्मित समाहरणालय भवन के अपने-अपने कार्यालयों में बैठकर लोगों की समस्याओं का निपटारा करें। इसके बन जाने से लोगों को भी काफी सहूलियत मिलेगी। एक ही जगह प्रशासनिक कार्य निष्पादित होने से लोगों को भागदौड़ से निजात मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने समाहरणालय भवन का किया मुआयना

मुख्यमंत्री ने समाहरणालय भवन के ऊपरी तल पर जाकर आस-पास के इलाकों का भी मुआयना किया। मुख्यमंत्री ने समाहरणालय भवन के पांचवें तल पर स्थित मुख्य सभागार में समीक्षात्मक बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष भवन निर्माण विभाग द्वारा नवनिर्मित समाहरणालय भवन के संबंध में तैयार की गई लघु फिल्म प्रदर्शित की गई। इस अवसर पर नए समाहरणालय भवन के निर्माण में अहम योगदान देनेवाले पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह सहित अन्य पदाधिकारियों/कर्मियों को मुख्यमंत्री ने प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।

बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने दावा किया कि इस तरह का समाहरणालय भवन देश में कही नहीं है। बैठक के दौरान नवनिर्मित पटना समाहरणालय भवन का रख-रखाव ठीक ढंग से किए जाने को लेकर अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका काफी सुंदर तरीके से निर्माण हुआ है। यहां सौर ऊर्जा की व्यवस्था होने से काफी फायदा होगा, इससे बिजली की बचत होगी। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और भवन निर्माण मंत्री जयंत राज, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

उल्लेखनीय है कि कुमार ने वर्ष 2017 में नए समाहरणालय भवन का निर्माण कराये जाने को लेकर स्थल निरीक्षण किया था जिसके बाद वर्ष 2018 में इसको लेकर स्वीकृति प्रदान की गई और वर्ष 2020 में पटना समाहरणालय भवन का शिलान्यास किया गया। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 186 करोड़ 42 लाख रुपए से भवन निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई।

कोरोना महामारी और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्माण कार्य पर रोक लगाए जाने के कारण इसका निर्माण कार्य वर्ष 2022 में प्रारम्भ हुआ। इसके बाद करीब डेढ़ साल के अंदर समाहरणालय भवन का निर्माण कार्य पूरा किया गया। इस नए समाहरणालय भवन में बेसमेंट, भूतल के अलावा पांच तल हैं जहां 205 वाहनों को रखने की क्षमता वाले खुले पार्किंग स्थान के अलावा 240 वाहनों के लिए बेसमेंट पार्किंग की सुविधा भी उपलब्ध है।

पुराने पटना समाहरणालय की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में पटना उच्च न्यायालय के द्वारा याचिका सुनवाई के क्रम में की गयी अनुशंसा के आलोक में पुराने भवन के अंश (8 खंभों) को लोहे के फ्रेम मे संरक्षित रखा गया है। डच वास्तुकला के प्रतीक ये खंभे ईंट से बने हैं जिन्हें यहां प्रदर्शित किया गया है।

नीतीश कुमार सरकार द्वारा इस नए परिसर के लिए पुराने पटना कलेक्ट्रेट को ध्वस्त करने का प्रस्ताव रखे जाने पर भारत में तत्कालीन डच राजदूत अल्फोंसस स्टोलिंगा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उनसे ऐतिहासिक पटना कलेक्ट्रेट को ‘‘साझा विरासत’’ के रूप में संरक्षित करने और इसे राज्य पुरातत्व विभाग के तहत सूचीबद्ध करने की अपील की थी।

विरासत निकाय ‘‘इनटेक’’ ने 2019 में इस मामले को पटना उच्च न्यायालय और अंततः 2020 में सर्वोच्च न्यायालय में ले जाकर अधिकारियों को एक अलग स्थान पर नया कलेक्ट्रेट बनाने का सुझाव दिया था।

इनटेक की याचिका पर शीर्ष अदालत ने 18 सितंबर, 2020 को पुराने कलेक्ट्रेट के विध्वंस पर रोक लगाने का आदेश दिया था, जिससे विरासत प्रेमियों को कुछ राहत मिली थी।

हालांकि, उनकी यह खुशी ज्यादा दिन नहीं टिकी क्योंकि 13 मई, 2022 को शीर्ष अदालत की एक खंडपीठ ने संरक्षण की याचिका को खारिज कर दिया, जिससे इसके विध्वंस का रास्ता साफ हो गया और 1938 में बनी जिला बोर्ड, पटना की इमारत को ध्वस्त करने की शुरुआत हो गई। रिचर्ड एटनबरो द्वारा निर्देशित ऑस्कर विजेता फिल्म ‘‘गांधी’’ (1982) के कुछ प्रमुख दृश्य पुराने पटना कलेक्ट्रेट परिसर में फिल्माए गए थे, जिसमें रिकॉर्ड रूम और ब्रिटिश काल की ‘‘डीएम ऑफिस बिल्डिंग’’ दिखाई गई थी।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 10 December 2024 at 20:24 IST