अपडेटेड 17 February 2025 at 15:35 IST

गजबे है अलग भौकाल है; ना जाम की टेंशन, ना टोल टैक्स देना... बिहार के 7 युवक जुगाड़ करके ऐसे पहुंचे गए प्रयागराज महाकुंभ

बिहार के बक्सर जिले के कम्हरिया गांव के 7 लोगों ने प्रयागराज महाकुंभ तक पहुंचने के लिए एक अपरंपरागत तरीका खोजा। उन्होंने मोटर से चलने वाली नाव का इस्तेमाल किया।

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बिहार के 7 युवक नदी के रास्ते महाकुंभ पहुंचे. | Image: Video Grab

Maha Kumbh: प्रयागराज महाकुंभ जाने के लिए लोगों की भीड़ रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर घंटों इंतजार कर रही है। इतने लोग प्रयागराज के लिए निकल रहे हैं कि अलग-अलग रेलवे स्टेशनों पर लाइन में नंबर नहीं आ रहे हैं। ट्रेनों में खड़े होकर घंटों सफर करने की मजबूरी है। सड़कों पर घंटों लंबे जाम की तस्वीरें देखी जा चुकी हैं। इसी बीच में एक तस्वीर ऐसी भी सामने आई है, जिसे देखकर बिहार के लोगों के लिए यही कहा जा सकता है कि 'गजबे है अलग भौकाल है।' वो इसलिए कि बिहार 7 लोग अपने जुगाड़ू काम से बिना टोल टैक्स दिए, बिना किसी जाम और झंझट के प्रयागराज महाकुंभ पहुंच गए हैं।

बिहार के बक्सर जिले के कम्हरिया गांव के 7 लोगों ने प्रयागराज महाकुंभ तक पहुंचने के लिए एक अपरंपरागत तरीका खोजा। उन्होंने मोटर से चलने वाली नाव का इस्तेमाल किया। बताया जा रहा है कि इन 7 लोगों ने अपने गांव से प्रयागराज महाकुंभ तक राउंड ट्रिप यात्रा की। दिलचस्प ये है कि प्रयागराज को जोड़ने वाले सड़क मार्गों पर भारी ट्रैफिक जाम की तस्वीरें देखने के बाद मोटर चालित नाव से प्रयागराज आने का फैसला किया। 11 फरवरी को यात्रा शुरू करते हुए उन्होंने दिन-रात गंगा में नाव चलाई। ये लोग 13 फरवरी को प्रयागराज पहुंचे और शनिवार को अपने गांव लौट आए।

गूगल मैप की मदद से नदी में चलकर प्रयागराज पहुंचे

एक और दिलचस्प तथ्य के तौर पर कुछ रिपोर्ट्स से सामने आया है कि जैसे लोग सड़कों से रास्ता तलाशने के लिए गूगल मैप का इस्तेमाल करते हैं, ठीक वैसे ही इन लोगों ने मोटर नाव से प्रयागराज तक पहुंचने के लिए गूगल मैप की सहायता ली। फर्क सिर्फ इतना था कि गूगल ने उन्हें रात के अंधेरे में नदी के सभी घुमाव दिखाए, जिससे उन्हें गंगा नदी में सफलतापूर्वक नेविगेट करने में मदद मिली। उन्होंने सुरक्षा एहतियात के तौर पर गैस सिलेंडर स्टोव, बुनियादी खाद्य आपूर्ति और अतिरिक्त इंजन लिया। उन्होंने सुनिश्चित किया कि उनके पास सब कुछ है।

मोटर नाव से 84 घंटे में 550 KM का सफर

इन लोगों ने मोटरबोट पर गैस सिलेंडर, चूल्हा और खाने का पूरा इंतजाम था। रात में सर्दी को देखते हुए ये लोग रजाई-गद्दे रखे थे। मोटर नाव के लिए 20 लीटर पेट्रोल भी लिया। दो लोग नाव चलाते थे, जबकि बाकी पांच आराम करते थे। बक्सर से प्रयागराज तक करीब 550 किलोमीटर का सफर इन लोगों ने 84 घंटे में पूरा किया। बताया जाता है कि ये सभी पेशेवर नाविक हैं और अपने-अपने जिलों में नाव चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 17 February 2025 at 15:35 IST