अपडेटेड 14 January 2025 at 14:16 IST

बिहार में चूड़ा-दही पॉलिटिक्स के जरिए होगा खेला? CM नीतीश कुमार पर टिकी निगाहें, क्या है पुराना रिकॉर्ड

राबड़ी देवी के आवास पर हो रहे चूड़ा-दही भोज पर सबके नजरें टिकी है। दरअसल,CM नीतीश को लेकर कयासों का बाजार गर्म हो गया है।

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Nitish kumar & Lalu Yadav | Image: PTI/ANI

14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व पूरे उत्तर भारत में धूम-धाम से मनाया जाता है। ये एक ऐसा त्योहार है जो अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है। उत्तर भारत में इसे मकर संक्रांति कहा जाता है। मकर संक्रांति पर बिहार में राजनीतिक दलों की ओर से चूड़ा-दही भोज का आयोजन किया जाता है। इस भोज के जरिए सियासी संदेश भी दिए जाते हैं और कई बार इस सियासी भोज के बाद बड़ा खेला भी हो जाता है। यही वजह है कि अक्सर मकर संक्रांति के वक्त सबकी नजरें बिहार की राजनीति पर टिकी होती हैं कि इस बार क्या खिचड़ी मकर संक्रांति पर पकती है।


बिहार के पूर्व सीएम राबड़ी देवी के 10 सर्कुलर रोड स्थित आवास पर हर साल चूड़ा-दही भोज का आयोजन किया जाता है। इस भोज के लिए कई राजनीतिक दलों को निमंत्रण भी भेजा जाता है। मगर RJD धीरे-धीरे इसका दायरा समेटते जा रही हैं। इस बार भी राबड़ी आवास पर मकर संक्रांति के दिन दही-चूड भोज का आयोजन किया गया है। मगर कुछ चुनिंदा नेताओं को हो निमंत्रण दिया है। इसके साथ लोजपा(रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान पार्टी कार्यालय पर चूड़ा-दही भोज का आयोजन किया है। वहीं, 15 जनवरी को पशुपति पारस के आवास कौटिल्य नगर में भी मकर संक्रांति पर भोज होगा।

राबड़ी देवी के आवास पर चूड़ा-दही भोज 

राबड़ी देवी के आवास पर हो रहे चूड़ा-दही भोज पर सबके नजरें टिकी है। दरअसल,CM नीतीश को लेकर कयासों का बाजार गर्म है। इस साल मकर संक्रांति पर बिहार में राजनीतिक दलों के दही-चूड़ा भोज पर पूरे देश की नजरें टिकी है। इसकी वजह इस साल बिहार में होना वाला विधानसभा चुनाव है। नए साल पर लालू यादव के एक बयान के बाद से ही ये चर्चा जोरों पर है कि क्या नीतीश चुनाव से पहले फिर पलटी मारगें? पुराने रिकॉर्ड को देखें तो साल 2024 में मकर संक्रांति के बाद ही बड़ा खेला हो गया था।

जब लालू ने लगाया था नीतीश को दही का तिलक

नीतीश कुमार के पुराने रिकॉर्ड की बात करें तो साल 2015 में लालू प्रसाद के आवास पर मकर संक्रांति के भोज में मुख्यमंत्री नीतीश 20 साल बाद शामिल हुए थे। इसी भोज में लालू यादव ने उन्हें दही का तिलक लगाकर फिर से मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की थी और कुछ दिन बाद नीतीश NDA से अलग होकर महागठबंधन में शामिल हो गए थे। साल 2024 में भी नीतीश कुमार राबड़ी आवास पर चूड़ा- -दही भोज में शामिल हुए थे। मगर इसके बाद बड़ा खेला हो गया था।

 

 

2024 में पैदल राबड़ी आवास पहुंचे थे नीतीश

15 जनवरी को नीतीश कुमार ने मकर संक्राति पर चूड़ा-दही खाने राबड़ी आवास पर पैदल चलते हुए गए थे। उस वक्त भी नीतीश के पलटी मारने की चर्चा जोरों पर थी क्योंकि JDU-RJD में तनातनी किसी से छिपी नहीं थी। हुआ भी यही। 15 को नीतीश ने राबड़ी आवास पर दही-चूड़ा तो खाया मगर 28 जनवरी को उन्होंने लालू यादव का साथ छोड़ने का ऐलान कर दिया। नीतीश एक बार फिर NDA में वापसी कर ली और BJP के साथ मिलकर सरकार बनाई।

क्या फिर होगा बिहार की राजनीति में खेला?

इस बार भी राबड़ी आवास पर 14 जनवरी मंकर संक्रांति पर भोज का आयोजन किया गया है। इस साल बिहार विधानसभा चुनाव भी है और एक बार फिर सीएम नीतीश को लेकर सियासी गलियारों में अलग-अलग चर्चाएं शुरू हो गई है। ऐसे में सबकी नजरें इस पर टिकी है कि क्या नीतीश साल 2025 में चूडा-दही खाने राबड़ी आवास जाएंगे ?

 

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Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 14 January 2025 at 14:10 IST