अपडेटेड 27 December 2024 at 12:04 IST

तलाक के जमाने में इस मोहब्बत को सलाम, जब कैंसर से टूट रहे थे विवेक तो ढाल बनी सृजना; रुलाएगी फिर सिखाएगी ये लव स्‍टोरी

विवाह दो आत्माओं के मिलन का महापर्व है। विवाह का मतलब दो लोगों का एक हो जाना है। या यूं कहें कि दो लोगों का एक दूसरे में विलीन हो जाना। अपूर्ण का पूर्ण हो जाना।

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तलाक के जमाने में इस मोहब्बत को सलाम, जब कैंसर से टूट रहे थे विवेक तो ढाल बनी सृजना; रुलाएगी फिर सिखाएगी ये लव स्‍टोरी | Image: Instagram

Bibek Pangeni and Srijana Subedi Love Story: विवाह दो आत्माओं के मिलन का महापर्व है। विवाह का मतलब दो लोगों का एक हो जाना है। या यूं कहें कि दो लोगों का एक दूसरे में विलीन हो जाना। अपूर्ण का पूर्ण हो जाना। कहा भी जाता है कि वैवाहिक जीवन दो पहिए की गाड़ी है। जिसमें पति-पत्नी दो पहिए हैं। दोनों को एक दूसरे का सहारा बनकर रिश्‍ता आगे बढ़ाना होता है। प्रेम, शादी और साथ की एक ऐसी ही कहानी इन दिनों चर्चा में है।

इस कहानी ने प्‍यार का असली मतलब समझाया है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें कोई स्वार्थ नहीं बल्कि समपर्ण है। और इससे भी बड़ी चीज ये कि तलाक की दुनिया में इस कपल ने सच्ची मोहब्बत की बानगी पेश की है। हम बात कर रहे हैं इंस्टाग्राम की फेमस नेपाली इन्फ्लुएंसर विवेक पंगेनी और उनकी पत्नी सृजना सुवेदी की। हालांकि इस कहानी का अंत रुला देने वाला रहा। विवेक का 19 दिसंबर को निधन हो गया। वह कैंसर से पीड़ित थे।

प्‍यार जितना सच्चा, तकलीफें उतनी ही...

विवेक (36) जब सृजना से मिले थे तब उनकी उम्र करीब 26 साल थी। कुछ समय बाद दोनों ने शादी कर ली। सब सही चल रहा था। सारे सपने पूरे हो रहे थे। दोनों की कमिस्‍ट्री ऐसी थी कि रील डालते ही लाखों क्‍लिक। सबकुछ एक दम परफेक्ट। लेकिन कहते हैं कि प्रेम जितना सच्चा होता है तकलीफें उतनी ही ज्यादा देखने को मिलती है।

दरअसल, विवेक यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया में फिजिक्स और एस्ट्रोनॉमी के PhD छात्र थे। 2022 में पता चला कि उन्‍हें चौथे स्टेज का ब्रेन ट्यूमर है। बस यही से प्‍यार में समपर्ण का स्‍टेज शुरू हुआ। सृजना को जब विवेक की बीमारी का पता चला तो वो सबकुछ छोड़कर उसकी सेवा में लग गईं। उन्‍होंने विवेक का साथ नहीं छोड़ा और हिम्मत के साथ खड़ी रहीं। इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि पति के कीमोथेरेपी के समय सृजना ने अपने भी बाल काट लिए ताकि उन्हें सामान्य महसूस करा सकें। भले ही कपल पर दुखों का पहाड़ टूट रहा था लेकिन सृजना ने दर्द को दिल में समेट उनका ख्याल रखा।

कुछ प्रेम कहानियां अधूरी होकर भी पूरी होती हैं…

सृजना को डॉक्‍टरों ने जब बताया कि विवेक के पास सिर्फ 6 महीने हैं, तो उन्‍होंने आखिरी दम तक उनका ख्‍याल रखा। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था और 19 दिसंबर को महज 36 साल की उम्र में विवेक कैंसर से जंग हार गए और उनका अमेरिका के एक अस्पताल में निधन हो गया। अब भले ही विवेक इस दुनिया में ना हो लेकिन इस कपल ने दुनिया को बता दिया कि सच्चा प्यार क्या होता है। कहते हैं ना कुछ प्रेम कहानियां अधूरी होकर भी पूरी होती हैं…ये बिल्‍कुल वैसी ही थी।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 27 December 2024 at 12:04 IST