अपडेटेड 8 October 2024 at 22:15 IST
विज्ञापन पर आयुष मंत्रालय की नकेल, कंपनियां अब नहीं कर पाएंगी 'चमत्कारी' प्रभाव का दावा करने वाला एड
केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि रोगों के उपचार के लिए 'चमत्कारी या अलौकिक प्रभाव' का दावा करने वाली आयुर्वेद, सिद्धा, यूनानी और होम्योपैथी दवाओं का विज्ञापन अवैध है।
Ayush Ministry On Advertising Companies: केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि रोगों के उपचार के लिए 'चमत्कारी या अलौकिक प्रभाव' का दावा करने वाली आयुर्वेद, सिद्धा, यूनानी और होम्योपैथी दवाओं का विज्ञापन अवैध है। मंत्रालय ने कहा कि गुमराह करने के साथ ही ऐसे विज्ञापन सार्वजनिक स्वास्थ्य को 'खतरे में डाल सकते हैं'। एक सार्वजनिक नोटिस में मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी आयुर्वेदिक, सिद्धा, यूनानी और होम्योपैथिक (एएसयू एंड एच) कंपनी या उसकी दवा को न तो प्रमाणित या अनुमोदित करता है और न ही किसी एएसयू एंड एच निर्माता या कंपनी को बिक्री के लिए इसे बनाने का लाइसेंस देता है।
इसके अलावा औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 और उसके अंतर्गत नियमों के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार, किसी भी एएसयू एंड एच औषधि की बिक्री के लिए इसे बनाने का लाइसेंस संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा प्रदान किया जाता है।
मंत्रालय ने कहा, 'रोगों के उपचार के लिए चमत्कारी या अलौकिक प्रभावों का दावा करने वाली दवाओं का विज्ञापन करना अवैध है। ऐसे विज्ञापन असत्यापित या झूठे दावों को बढ़ावा देकर सार्वजनिक स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकते हैं।'
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 8 October 2024 at 22:15 IST