अपडेटेड 16 January 2024 at 19:09 IST
कौन हैं Pran Pratishtha समारोह के मुख्य आचार्य? शिवाजी महाराज से भी है संबंध
Ayodhya News: Ganeshwar Shastri सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगे और काशी के Laxmikant Dixit मुख्य आचार्य होंगे।
Ayodhya News: वर्षों के इंतजार के बाद आखिरकार रामलला अपने राजमहल पधार रहे हैं। उनके स्वागत के लिए अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। आपको बता दें कि रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त पौष शुक्ल कूर्म द्वादशी, विक्रम संवत 2080, यानी सोमवार, 22 जनवरी, 2024 को है। सभी शास्त्रीय परंपराओं का पालन करते हुए प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में संपन्न किया जाएगा।
वहीं, समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन करने वाले 121 आचार्य होंगे। इनमें गणेशवर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगे और काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे।
स्टोरी की खास बातें
- कौन हैं प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य आचार्य?
- गणेशवर शास्त्री द्रविड़ कौन हैं?
- काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे
गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ कौन हैं?
आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ देश के बड़े ज्योतिषाचार्य कहे जाते हैं। वो ज्योतिष और धर्म शास्त्रों के विद्वान हैं। 9 दिसंबर 1958 को काशी के रामनगर में जन्मे गणेश्वर शास्त्री के पिता राजराजेश्वर शास्त्री को पंडितराज की उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है। आपको बता दें कि उन्हें पद्मभूषण भी मिल चुका है। साथ ही उन्हें पुराण, इतिहास, धर्म शास्त्र सहित कई विषयों के आधिकारिक विद्वान की भी मान्यता मिल चुकी है। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहुर्त आचार्य गणेश्वर शास्त्री ने ही निकाला था। कई रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया जा चुका है कि इस वक्त उनसे बड़ा ज्योतिषाचार्य देशभर में कोई नहीं है।
काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित होंगे मुख्य आचार्य
काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मुख्य आचार्य होंगे। ट्रस्ट की ओर से उन्हें मुख्य पुजारी चुना गया है। उनके साथ इस समारोह का हिस्सा 4 और पुजारी बनेंगे जो प्राण प्रतिष्ठा के शुभ कार्य को पूरा कराएंगे। लक्ष्मीकांत दीक्षित का दावा है कि उनके पूर्वजों का छत्रपति शिवाजी महाराज से भी संबंध हैं। उनके पूर्वज पंडित गागा भट्ट ने शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक कराया था।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 16 January 2024 at 18:14 IST