अपडेटेड 16 January 2024 at 23:59 IST

हिंदुओं के साथ मुस्लिमों के भी आस्था का केंद्र होगी अयोध्या, रामनगरी में बनेगी सबसे बड़ी मस्जिद

Ayodhya News: अयोध्या में सबसे बड़ी मस्जिद बनने जा रही है। अब रामनगरी हिंदुओं के साथ-साथ मुस्लिमों के भी आस्था का केंद्र बनेगी।

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रामनगरी में बनेगी सबसे बड़ी मस्जिद | Image: PTI

Ayodhya News: रामनगरी अब हिंदुओं के साथ-साथ मुस्लिमों के भी आस्था का केंद्र बनने जा रही है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के बाद सबसे बड़ी मस्जिद भी बनने वाली है। बताया जा रहा है कि ये मस्जिद ताजमहल से भी अधिक खूबसूरत होगी।

स्टोरी की खास बातें

  • अयोध्या में बनेगी सबसे बड़ी मस्जिद
  • ताजमहल से भी ज्यादा खूबसूरत होगी मस्जिद
  • जानिए मस्जिद के बारे में सबकुछ

ताजमहल से भी ज्यादा खूबसूरत होगी मस्जिद

राम मंदिर के साथ-साथ अयोध्या में मस्जिद भी खास होगी। ये मस्जिद ताज महल से भी ज्यादा खूबसूरत होगी और दिल्ली की जामा मस्जिद से भी ज्यादा बड़ी होगी। जानकारी मिल रही है कि 5 मीनार वाली ये देश की पहली मस्जिद होगी, जो राम मंदिर से 22 किमी दूर धन्नीपुर में बनेगी। इसका नाम मो. बिन अब्दुल्ला मस्जिद होगा।

इस मस्जिद में अजान के वक्त खास वॉटर शो भी होगा, मतलब राम मंदिर की तरह मस्जिद भी सैलानियों को लुभाएगी और अयोध्या में तेजी से पर्यटन और रोजगार बढ़ाएगी।
बताया जा रहा है कि राम मंदिर बनने के कुछ महीने बाद ही इसकी शुरुआत होगी। इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने इसकी तैयारी तेज कर दी है।  पिछले दिनों इस मस्जिद का भव्य मॉडल सामने आया था और बताया गया था कि यहां दुनिया की सबसे बड़ी कुरान रखी जाएगी। मक्का के बड़े इमाम अयोध्या में इस मस्जिद की नींव रखेंगे और फिर यहां बड़ी संख्या से दूसरे देश के लोग भी आएंगे।

अयोध्या विवाद की पूरी कहानी

अयोध्या में मंदिर-मस्जिद को लेकर 550 साल का विवाद था। दुनिया में इतना पुराना विवाद शायद कहीं और नहीं हुआ और ना ही शांति से विवाद का कहीं समधान हुआ। दावा था 1528 में मंदिर के ढांचे को गिराकर मस्जिद बनी। दोनों पक्ष लगातार अपने दावे में दलील और सबूत देते रहे। 3 अदालतों में 134 साल तक मामले की सुनवाई चली और 102 साल तक फैजाबाद जिला अदालत में मामला चला। 23 साल तक इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस पर सुनवाई हुई, फिर 9 साल तक सुप्रीम कोर्ट में बहस चली।

भूगर्भ शास्त्रियों से लेकर वैज्ञानिकों तक की मदद ली गई और अंत में तथ्य और प्रमाण के आधार पर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया और अयोध्या में विवादित जमीन हिंदू पक्ष को देने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि मुस्लिम पक्ष को दूसरी जगह जमीन दी जाए। अब 22 जनवरी को इस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। आपको बता दें कि जब पीएम मोदी मंदर के गर्भगृह में पूजा में शामिल होंगे तो इकबाल अंसारी भी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे, जो अयोध्या में मस्जिद का दावा करने वाले मुस्लिम पक्षकार थे।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 16 January 2024 at 22:54 IST