अपडेटेड 26 May 2025 at 13:24 IST
भारत के गगनयान मिशन का हिस्सा और ISRO अंतरिक्ष यात्री... कौन हैं शुभांशु शुक्ला? जो पहली बार जाएंगे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन
भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला इस वक्त अमेरिका के फ्लोरिडा में क्वारंटीन में हैं। वह Ax-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करने वाले हैं।
भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला इस वक्त अमेरिका के फ्लोरिडा में क्वारंटीन में हैं। वह Ax-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करने वाले हैं। यह मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि 40 साल से ज्यादा समय बाद इन सभी देशों की यह पहली सरकार प्रायोजित अंतरिक्ष यात्रा होगी।
Ax-4 मिशन की लॉन्चिंग 8 जून 2025 या उससे पहले फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से होगी। इस मिशन को Axiom Space, SpaceX और NASA मिलकर अंजाम दे रहे हैं।
चालक दल में कौन-कौन शामिल?
पेगी व्हिट्सन (कमांडर) – अमेरिका की अनुभवी महिला अंतरिक्ष यात्री।
शुभांशु शुक्ला (पायलट) – भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और ISRO के अंतरिक्ष यात्री।
स्लावोस्ज उज्नानस्की (मिशन विशेषज्ञ) – पोलैंड से ESA के अंतरिक्ष यात्री।
टिबर कापु (मिशन विशेषज्ञ) – हंगरी से हैं और हंगेरियन स्पेस ऑफिस का प्रतिनिधित्व करते हैं।
मिशन का उद्देश्य
Ax-4 टीम ISS पर दो से तीन सप्ताह तक रहेगी और इस दौरान करीब 60 वैज्ञानिक प्रयोग करेंगी। इन प्रयोगों का उद्देश्य रहेगा- माइक्रोग्रैविटी के प्रभावों का अध्ययन, नई तकनीकों का परीक्षण, पृथ्वी का अवलोकन, शैक्षणिक और तकनीकी डेमो। इन तरह के प्रयोगों में भारत, पोलैंड, हंगरी, सऊदी अरब, ब्राजील, नाइजीरिया, यूएई सहित 31 देशों की भागीदारी है।
क्वारंटीन क्यों किया जाता है?
Ax-4 टीम ने 26 मई 2025 से क्वारंटीन अवधि शुरू की। क्वारंटीन का मकसद है यह सुनिश्चित करना कि कोई भी अंतरिक्ष यात्री किसी बीमारी से ग्रसित न हो, जिससे मिशन और बाकी यात्रियों पर असर न पड़े। यह एक मानक प्रक्रिया है, जो हर मानव अंतरिक्ष मिशन में अपनाई जाती है।
विदाई समारोह और परंपरा
Axiom Space की ओर से सभी अंतरिक्ष यात्रियों को एक विदाई समारोह में सम्मानित किया गया। यह परंपरा चालक दल के प्रति सम्मान और शुभकामनाएं देने के लिए होती है, ताकि वे प्रेरणा और आत्मविश्वास के साथ मिशन की ओर बढ़ सकें। Ax-4 मिशन सिर्फ वैज्ञानिक प्रयोगों का ही हिस्सा नहीं है, बल्कि यह वैश्विक सहयोग, भारत की अंतरिक्ष यात्रा में नई उपलब्धि और भविष्य की अंतरिक्ष तकनीक का भी संकेत है। शुभांशु शुक्ला के इस मिशन में शामिल होने से भारत का नाम एक बार फिर अंतरिक्ष की ऊंचाइयों तक पहुंच रहा है।
कौन हैं शुभांशु शुक्ला ?
शुभांशु शुक्ला 2006 में वायुसेना में शामिल हुए थे, अब तक सुखोई-30, मिग-21, मिग-29 जैसे लड़ाकू विमानों को 2000 घंटे से ज्यादा उड़ा चुके हैं। उन्हें ISRO ने मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम (HSP) के लिए प्राइम एस्ट्रोनॉट के रूप में चयनित किया था। गगनयान के लिए भी वे प्रमुख उम्मीदवार माने जा रहे हैं।
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 26 May 2025 at 13:24 IST