अपडेटेड 28 February 2025 at 17:06 IST

Avalanche In Badrinath: चमोली हादसे के बाद एक्शन में CM धामी, कंट्रोल रूम में संभाला मोर्चा, अबतक क्या-क्या हुआ?

Chamoli News: रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए उत्तराखंड सरकार ने एयरफोर्स की मदद मांगी है। CM पुष्कर सिंह धामी कंट्रोल रूम में खुद मोर्चा संभाले हुए हैं।

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चमोली हादसे के बाद एक्शन में CM धामी | Image: Video Grab

Badrinath Avalanche: उत्तराखंड में बीते दो दिन से हो रही बर्फबारी और बारिश तबाही लेकर आई है। शुक्रवार की दोपहर बद्रीनाथ धाम के आगे सीमावर्ती माणा गांव में ग्लेशियर टूटने से 57 मजदूर बर्फ में दब गए। हादसे के बाद शुरू हुए रेस्क्यू अभियान में अभी तक 16 मजदूरों को निकाला गया है और 41 अभी भी फंसे हुए हैं। रेस्क्यू किए गए मजदूरों को माणा गांव के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

उत्तराखंड सरकार ने रेस्क्यू के लिए एयरफोर्स की मदद मांगी है। हिमस्खलन में सीमा सड़क संगठन (BRO) के मजदूर फंसे हैं। चमोली के जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी ने बताया कि हिमस्खलन के कारण माणा और बद्रीनाथ के बीच सीमा सड़क संगठन का एक शिविर दब गया है। माणा भारत-तिब्बत सीमा पर 3,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अंतिम गांव है। हिमपात और बारिश के जारी रहने के बीच NDRF और SDRF की टीमें लोगों को बचाने में लगी हैं।

कंट्रोल रूम में CM धामी

हादसे के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कंट्रोल रूम में खुद मोर्चा संभाल लिया है। देहरादून में CM धामी ने आपदा कंट्रोल ऑफिस में अधिकारियों संग बैठक कर हिमस्खलन की जानकारी ली और स्थिति की गहन समीक्षा की। इस बैठक में सीएम धामी के साथ मुख्य सचिव, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे और आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के अलावा भारत तिब्बत सीमा पुलिस के अधिकारी भी मौजूद रहे। सीएम ने कहा कि एक-एक मजदूर को सुरक्षित निकाला जाएगा। बचाव अभियान में भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और अन्य विभागों की मदद ली जा रही है।

नहीं मिल पा रही हेलीकॉप्टर सेवाएं

प्रदेश की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि सड़क निर्माण कार्य में लगे मजदूरों की सड़क किनारे बनी झोपड़ियों पर हुए हिमस्खलन से 57 मजदूर बर्फ के नीचे दब गए थे। हालांकि, इनमें से 16 को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। उन्होंने बताया कि दबे 41 अन्य मजूदरों को निकालने का कार्य जारी है। मुख्य सचिव ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस, सेना, सीमा सड़क संगठन, ITBP, राज्य आपदा प्रतिवादन बल और आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे तथा बचाव और राहत कार्य शुरू किया।

मुख्य सचिव के अनुसार खराब मौसम और लगातार गिर रही बर्फ के कारण बचाव कार्य में मुश्किल आ रही है। खराब मौसम के कारण बचाव कार्य में हेलीकॉप्टर सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं।

हिमस्खलन की थी चेतावनी

बतादें, चंडीगढ़ स्थित रक्षा भूसूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान (DGRE) ने गुरुवार शाम 5 बजे चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में 2,400 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित स्थानों पर 24 घंटे की अवधि के लिए हिमस्खलन की चेतावनी जारी की थी। देहरादून स्थित मौसम विभाग ने शुक्रवार सुबह इन जिलों में 3,500 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई पर स्थित स्थानों पर भारी बारिश और बर्फबारी का अनुमान जताया था।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 28 February 2025 at 16:29 IST