अपडेटेड 5 August 2024 at 14:37 IST

आशा किरण आश्रय गृह में मौतों का मामला: अदालत ने पानी की गुणवत्ता की जांच करने का आदेश दिया

दिल्ली उच्च न्यायालय ने आशा किरण आश्रय गृह में मौतों का मामले की सुनवाई करते हुए पानी की गुणवत्ता की जांच करने का आदेश दिया है।

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Delhi Shelter Home | Image: PTI

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि विक्षिप्त लोगों के लिए शहर की सरकार द्वारा संचालित आशा किरण आश्रय गृह में रह रहे 14 लोगों की हाल में हुई मौत एक ‘‘अजब संयोग’’ है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि “लगभग सभी मृतक” टीबी से पीड़ित थे। पीठ ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को आश्रय गृह में पानी की गुणवत्ता और सीवर पाइपलाइन की स्थिति की जांच करने तथा इस संबंध में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

पीठ ने समाज कल्याण विभाग के सचिव को भी छह अगस्त को आश्रय गृह का दौरा करने और एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। उसने जोर देकर कहा कि मामले में “सुधारात्मक उपाय” किए जाने की जरूरत है और अगर आश्रय गृह में क्षमता से ज्यादा लोग रहे हैं, तो प्राधिकारी कुछ लोगों को दूसरे प्रतिष्ठानों में स्थानांतरित करेंगे।

जुलाई में आशा किरण आश्रय गृह में एक बच्चे सहित 14 लोगों की मौत हो गई थी। मौतों की जांच के अनुरोध वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने मामले को सात अगस्त को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, आशा किरण आश्रय गृह में फिलहाल बच्चों और महिलाओं समेत 980 ‘विक्षिप्त’ लोग रह रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, इस आश्रय गृह में फरवरी से लेकर अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है।

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Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 5 August 2024 at 14:37 IST