अपडेटेड 9 April 2024 at 20:17 IST

दिल्ली CM केजरीवाल को फिर झटका, HC ने गिरफ्तारी को ठहराया जायज; याचिका खारिज

Arvind Kejriwal Plea Verdict: दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल की याचिका पर फैसले को हाई कोर्ट ने 3 अप्रैल को सुरक्षित रखा था।

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अरविंद केजरीवाल | Image: PTI

Arvind Kejriwal Plea Verdict: दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ( Arvind Kejriwal ) ने हाई कोर्ट में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। इस पर फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट ने दिल्ली के CM केजरीवाल को बड़ा झटका दिया है। आपको बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को जायज ठहराया है। कोर्ट ने कहा कि ईडी के पास पर्याप्त सामग्री थी, जिसके आधार पर उन्होंने केजरीवाल को गिरफ्तार किया। केजरीवाल द्वारा जांच में शामिल न होना, उनके द्वारा की गई देरी का असर न्यायिक हिरासत में बंद लोगों पर भी पड़ रहा है। हाईकोर्ट ने कहा कि जो दस्तावेज ED ने अदालत में दिए हैं, इसके हिसाब से सभी नियम का पालन किया गया है।

इससे पहले सुनवाई करते हुए जज ने पहले ED की दलीलों को पढ़ा। कोर्ट ने कहा कि ईडी ने जो तथ्य रखे हैं, उसके मद्देनजर केजरीवाल इस घोटाले की साजिश में शामिल हैं। ईडी के मुताबिक केजरीवाल पार्टी के संयोजक हैं। ईडी का आरोप है कि पैसे का इस्तेमाल गोवा चुनाव मे हुआ।

Arvind Kejriwal Plea Verdict: किसी को भी कोई विशेष विशेषाधिकार नहीं दिया जा सकता

वहीं, हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि केजरीवाल ( Arvind Kejriwal ) के पास ये अधिकार है कि वो गवाहों को क्रॉस इक्जामिन कर सकें, लेकिन निचली अदालत में न कि हाई कोर्ट में। हाई कोर्ट ने कहा कि जांच किसी व्यक्ति के सुविधा के अनुसार नहीं चल सकती है। जांच के दौरान एजेंसियां किसी के भी घर जा सकती हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि हम ट्रायल कोर्ट के काम में दखल नहीं दे सकते हैं। गवाहों के कंडक्ट और उनकी विश्वसनीयता देखने का काम ट्रायल कोर्ट का है। मुख्यमंत्री समेत किसी को भी कोई विशेष विशेषाधिकार नहीं दिया जा सकता। हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता मनी लॉन्ड्रिंग केस मामले में गिरफ्तार हुए हैं। 

Arvind Kejriwal Plea Verdict: अदालत बिना राजनीति से प्रभावित हुए कानून के हिसाब से काम करती है

कोर्ट ने कहा कि जांच और पूछताछ के मामले में कोई व्यक्ति भले ही सीएम क्यों न हो, उसे विशेष छूट नहीं दी जा सकती है। हाईकोर्ट ने केजरीवाल ( Arvind Kejriwal ) की उस दलील को नकार दिया कि उनसे पूछताछ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भी हो सकती थी। कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी सही है या गलत, ये कानून के आधार पर तय होता है। चुनाव है या नहीं, इसपर निर्भर नहीं होता। हाई कोर्ट ने कहा कि अदालत बिना राजनीति से प्रभावित हुए कानून के हिसाब से काम करती है। ये कहना गलत होगा कि चुनाव के वक्त ईडी ने जानबूझकर गिरफ्तारी की है। 

हाई कोर्ट के कहा कि कोर्ट का केवल एक काम है- कानून को लागू करना। अदालत राजनीतिक प्रतिद्वंदिता को दूर करने की जगह नहीं। राजनीति से सरकार का कामकाज प्रभावित होता है, अदालतें नहीं। कोर्ट किसी बाहरी कारणों से प्रभावित नहीं होती है, या दबाव में काम नहीं करती है। 

Arvind Kejriwal Plea Verdict: केजरीवाल की याचिका में क्या था?

केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के अलावा ED की हिरासत में भेजे जाने को भी चुनौती दी थी। ईडी की हिरासत के बाद केजरीवाल ( Arvind Kejriwal ) को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया और वर्तमान में वह तिहाड़ जेल में बंद हैं। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक ने एजेंसी द्वारा उनकी गिरफ्तारी के ‘‘समय’’ पर सवाल उठाया था और कहा था कि यह लोकतंत्र, निष्पक्ष चुनाव और समान अवसर सहित संविधान की बुनियादी संरचना का उल्लंघन है।

Arvind Kejriwal Plea Verdict: ईडी ने किया था याचिका का विरोध

ईडी ने याचिका का विरोध किया और दलील दी कि केजरीवाल चुनाव के आधार पर गिरफ्तारी से ‘‘छूट’’ का दावा नहीं कर सकते क्योंकि कानून उन पर और किसी भी आम नागरिक पर समान रूप से लागू होता है।

ईडी ने आबकारी नीति ‘घोटाले’ से जुड़े धन शोधन मामले में 21 मार्च को केजरीवाल ( Arvind Kejriwal ) को गिरफ्तार किया था। ईडी की हिरासत की अवधि समाप्त होने पर निचली अदालत में पेश किए जाने के बाद आप नेता को एक अप्रैल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार और धन शोधन से संबंधित है। यह नीति रद्द की जा चुकी है।

Arvind Kejriwal Plea Verdict: ED ने केजरीवाल के पीए, आप विधायक से पूछताछ की

इससे पहले ED ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ( Arvind Kejriwal ) के निजी सहायक (पीए) बिभव कुमार और आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक दुर्गेश पाठक से आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में सोमवार को पूछताछ की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि कुमार का बयान धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत दर्ज किया जा रहा है। ईडी इस मामले में इन दोनों से पहले भी पूछताछ कर चुकी है। सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल की गतिविधियों और कार्यक्रमों के सिलसिले में कुमार से पूछताछ जरूरी है। मुख्यमंत्री केजरीवाल (55), आप के राष्ट्रीय संयोजक भी हैं और उन्हें पिछले महीने इस मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं।

एजेंसी ने अपने पहले के आरोपपत्रों में आरोप लगाया था कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कुमार सहित कम से कम 36 आरोपियों ने कथित घोटाले में हजारों करोड़ रुपये की "रिश्वत" के सबूत छुपाने के लिए 170 फोन "नष्ट किए, इस्तेमाल किए या बदल दिए।’’

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 9 April 2024 at 16:02 IST