अपडेटेड 23 May 2025 at 18:40 IST

BSF की तारीफ कर अमित शाह ने याद दिलाई बांग्लादेश की औकात, कहा- भूलो मत तुम्हारा जन्म कैसे हुआ

अमित शाह ने 1971 के युद्ध का जिक्र करते हुए कहा, ‘1965 में बीएसएफ की स्थापना के बाद, 1971 में भारत पर थोपे गए युद्ध में इस बल के जवानों ने जो वीरता और बलिदान दिखाया, उसे न तो भारत भूल सकता है और न ही बांग्लादेश को उसे भूलना चाहिए।’

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BSF की तारीफ कर अमित शाह ने याद दिलाई बांग्लादेश की औकात, कहा- भूलो मत तुम्हारा जन्म कैसे हुआ | Image: X

Amit Shah on Bangladesh: 23 मई 2025 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बांग्लादेश को स्पष्ट और कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की अहम भूमिका को अनदेखा नहीं किया जा सकता। यह बात उन्होंने 22वें बीएसएफ अलंकरण समारोह और रुस्तमजी स्मारक व्याख्यान के दौरान कही। अमित शाह ने बीएसएफ के योगदान को याद करते हुए कहा कि यह बल न केवल भारत की सीमाओं की रक्षा करता है, बल्कि ऐतिहासिक रूप से भी क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है। उनकी इस टिप्पणी को बांग्लादेश के प्रति भारत की सुरक्षा-संबंधी चिंताओं और ऐतिहासिक संदर्भ में एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार, 23 मई 2025 को आयोजित 22वें बीएसएफ अलंकरण समारोह और रुस्तमजी स्मारक व्याख्यान में बीएसएफ की ऐतिहासिक भूमिका पर प्रकाश डालते हुए एक मजबूत बयान दिया। उन्होंने कहा, 'बीएसएफ की यात्रा जितनी कठिन रही है, उतनी ही रोमांचकारी भी रही है। इसके गठन के महज छह साल के भीतर ही इसे देश की सबसे चुनौतीपूर्ण सीमा पर युद्ध का सामना करना पड़ा।' अमित शाह ने 1971 के युद्ध का जिक्र करते हुए कहा, ‘1965 में बीएसएफ की स्थापना के बाद, 1971 में भारत पर थोपे गए युद्ध में इस बल के जवानों ने जो वीरता और बलिदान दिखाया, उसे न तो भारत भूल सकता है और न ही बांग्लादेश को उसे भूलना चाहिए।’ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बांग्लादेश के निर्माण में बीएसएफ की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही है। यह बयान सिर्फ बीएसएफ के साहस और योगदान को सम्मान देने के लिए नहीं था, बल्कि बांग्लादेश को एक स्पष्ट संदेश भी था कि इतिहास को नकारना या नजरअंदाज करना किसी के हित में नहीं होगा।

 

'ऑपरेशन सिंदूर' पर क्या बोले अमित शाह?

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति, सेना की मारक क्षमता और खुफिया एजेंसियों की सटीक सूचना संग्रहण का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई का प्रतीक है। अमित शाह ने कहा, 'पाकिस्तान ने वर्षों से भारत में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दिया, लेकिन हम सिर्फ संरक्षणात्मक रुख अपनाते रहे। हमने उस समय उचित जवाब नहीं दिया।” उन्होंने आगे कहा कि 2014 के बाद भारत की नीति में बदलाव आया है।' शाह ने आगे कहा, 'उरी हमले के बाद हमने सर्जिकल स्ट्राइक की और आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारा। पुलवामा में जब हमला हुआ, तब हमारी वायुसेना ने बालाकोट में आतंकी अड्डों को ध्वस्त कर सख्त संदेश दिया।'


अमित शाह ने की पहलगाम आतंकी हमले की चर्चा

BSF के जवानों को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले की भी चर्चा की, जिसमें पर्यटन पर गए देश के 26 निर्दोष पर्यटकों को उनकी धार्मिक पहचान पूछकर मार दिया गया था। उन्होंने बताया, 'इस बर्बर घटना के बाद बिहार से प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा था कि इसका जवाब जरूर दिया जाएगा। और वही जवाब थाऑपरेशन सिंदूर।' अमित शाह ने कहा कि भारत अब ‘नई नीति और नई रीति’ के साथ भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहा है और अब देश हर हमले का सटीक और सख्त जवाब देने के लिए सक्षम और प्रतिबद्ध है। अमित शाह ने आगे कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर बिलकुल सटीक था, हमारे इस ऑपरेशन की प्रशंसा पूरी दुनिया में हो रही है। हमारी सेना ने पाकिस्तान में 100 किमी अंदर तक घुसकर उनकी जमीन पर अपना पराक्रम दिखाया है। हमें इस पर नाज है।'
 

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 23 May 2025 at 18:35 IST