अपडेटेड 8 December 2025 at 23:43 IST
'भारत में रहना है तो वंदे मातरम् गाना होगा... ये संविधान के खिलाफ है', लोकसभा में जमकर बरसे ओवैसी, कहा- हमें वफादारी का सर्टिफिकेट...
Asaduddin Owaisi in Lok Sabha: AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में वंदे मातरम् पर 150 वर्षगांठ पर चर्चा में भाग लिया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् को अगर हम टेस्ट बनाते हैं वफादारी का तो फिर मान लीजिए कि ये गांधी, अंबेडकर, टैगोर, बोस और लाखों आजादी के सिपाहियों की सोच को छोड़कर गोडसे की सोच की इख्तियार करेंगे
Asaduddin Owaisi in Lok Sabha: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आज, 8 दिसंबर को लोकसभा को संबोधित किया। वंदे मातरम् की 150 वर्षगांठ को लेकर संसद में चल रही बहस में उन्होंने भी अपने विचार रखे। ओवैसी ने कहा कि देशभक्ति को किसी एक धर्म या पहचान से जोड़ना, ये संवैधानिक सिद्धांतों के खिलाफ है। इससे सामाजिक विभाजन बढ़ेगा।
ओवैसी ने लोकसभा में यह भी कहा कि मुसलमानों से बार-बार वफादारी का सर्टिफिकेट मांगना बंद किया जाए। AIMIM प्रमुख ने कहा कि हमारे संविधान की शुरुआत We The People से होती है, न कि किसी देवी-देवता के नाम से। इसका आगाज भारत माता से नहीं होता। ‘भारत माता’ के नारे पर आपत्ति जताते हुए ओवैसी ने कहा कि अगर हम भारत माता को एक देवी के रूप में संबोधित कर रहे हैं, तो हम इसमें धर्म को ला रहे हैं।
‘देवी-देवता की इबादत के लिए मजबूर…’
उन्होंने कहा कि विचार, अभिव्यक्ति और इबादत की आजादी ही लोकतंत्र का मूल है। तो किसी नागरिक को किसी खुदा, देवी-देवता की इबादत या सज्दा करने के लिए मजबूर कैसे किया जा सकता है? यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है और किसी को अपनी मान्यता थोपने का अधिकार नहीं है। ये कह रहे हैं कि अगर भारत में रहना होगा तो वंदे मातरम् कहना होगा, ये संविधान के खिलाफ है।
‘वंदे मातरम् को अगर हम वफादारी का टेस्ट बनाते हैं तो…’
उन्होंने आजादी के आंदोलन में मुसलमान, सिख, हिन्दू और अन्य समुदायों के योगदान का जिक्र किया और जोर देते हुए कहा कि देश के लिए कुछ लोगों की कुर्बानी और उनकी वतन के लिए भक्ति को भुलाया नहीं जाना चाहिए। जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया, वो भी वतन के सच्चे प्रेमी थे। वतन की मोहब्बत को किसी एक सामूहिक पहचान का नाम नहीं दिया जा सकता।
ओवैसी ने कहा कि वंदे मातरम् को अगर हम टेस्ट बनाते हैं वफादारी का तो फिर मान लीजिए कि ये गांधी, अंबेडकर, टैगोर, बोस और लाखों आजादी के सिपाहियों की सोच को छोड़कर गोडसे की सोच की इख्तियार करेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि हुकूमत इस पर जोर जबर नहीं करे, ये मेरा अधिकार। मुझे मालूम है कि वंदे मातरम् आजादी के समय का नारा था, लेकिन अगर आप जबर करेंगे, तो ये संविधान के खिलाफ है। वफादारी का सर्टिफिकेट हमसे मत लीजिए।
तो वो माली जल्लाद कहलाएगा- ओवैसी
उन्होंने कहा कि वतन मेरा है और हम वतन को छोड़कर नहीं जाएंगे। भारत एक चमन है, जहां हर फूल को खिलना चाहिए। अगर माली यह कहेगा कि सिर्फ एक ही फूल मिलेगा तो वो माली माली नहीं रहेगा, वो जल्लाद कहलाएगा।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 8 December 2025 at 23:43 IST