अपडेटेड 6 October 2025 at 08:29 IST
Jaipur: SMS अस्पताल में आग लगने से ICU में भर्ती 8 मरीजों की मौत, परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप; CM भजनलाल ने दिए जांच के आदेश
Jaipur SMS Hospital Fire: जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल (SMS Hospital) में ट्रॉमा सेंटर के सेकेंड फ्लोर के ICU वॉर्ड में लगने से बड़ा हादसा हो गया, जिसमें अबतक 7 मरीजों की जान चली गई। CM भजनलाल शर्मा ने अस्पताल पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। साथ ही हादसे की जांच के लिए कमेटी का गठन भी कर दिया है।
Jaipur SMS Hospital Fire news: राजस्थान के जयपुर में सवाई मान सिंह अस्पताल (SMS Hospital) के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने से बड़ा हादसा हो गया। आग ट्रॉमा सेंटर के सेकेंड फ्लोर के ICU वॉर्ड में लगी थी। जिस वक्त ये हादसा हुआ वहां कई मरीज भर्ती थी, जो इसकी चपेट में आ गए। दर्दनाक हादसे में तीन महिलाओं समेत अबतक 8 लोगों की मौत हुई है, जबकि कई लोग घायल भी बताए जा रहे हैं। उनका इलाज जारी है। घटना की जानकारी मिलते ही CM भजनलाल शर्मा अस्पताल पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
शॉर्ट सर्किट से लगी आग
आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है। SMS अस्पताल ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज अनुराग धाकड़ ने बताया कि हमारे ट्रॉमा सेंटर में दूसरी मंजिल पर दो ICU हैं- एक ट्रॉमा ICU और एक सेमी-ICU। हमारे वहां 24 मरीज थे; 11 ट्रॉमा आईसीयू में और 13 सेमी-आईसीयू में। ट्रॉमा आईसीयू में शॉर्ट सर्किट हुआ और आग तेजी से फैल गई, जिससे जहरीली गैसें निकलीं। ज्यादातर गंभीर मरीज बेहोशी की हालत में थे।
उन्होंने बताया कि हमारी ट्रॉमा सेंटर टीम, नर्सिंग ऑफिसर और वार्ड बॉय ने तुरंत उन्हें ट्रॉलियों पर बचाया और जितने मरीजों को हम ICU से बाहर निकाल सकते थे, उन्हें दूसरे जगह पर ले गए। उनमें से छह मरीज बहुत गंभीर थे; हमने उन्हें सीपीआर से होश में लाने की बहुत कोशिश की, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। पांच मरीज अभी भी गंभीर हैं।
हालांकि अब मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 8 हो गया है। जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने घटना पर कहा कि हमारी FSL टीम की जांच से आग लगने के कारणों का पता चलेगा। पहली नजर में यह शॉर्ट सर्किट लग रहा है, लेकिन अंतिम कारण FSL जांच के बाद ही पता चलेगा।
अस्पताल पहुंचकर CM भजनलाल शर्मा ने लिया जायजा
SMS अस्पताल में आग लगने की सूचना मिलने पर सीएम भजनलाल शर्मा मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया। सीएम ने घटना पर दुख जताते हुए कहा, "जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। अस्पताल पहुंचकर चिकित्सकों और अधिकारियों से जानकारी ली और त्वरित राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मरीजों की सुरक्षा, इलाज और प्रभावित लोगों की देखभाल के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। प्रभु श्रीराम दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान दें। राज्य सरकार प्रभावित परिवारों के साथ है और उन्हें हर संभव सहयोग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।"
जांच के लिए बनाई कमेटी
साथ ही उन्होंने जांच के लिए एक कमेटी का भी गठन कर दिया है। समिति की अध्यक्षता चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त इकबाल खान करेंगे। समिति आग के कारणों, अस्पताल प्रबंधन की प्रतिक्रिया, ट्रॉमा सेंटर और एसएमएस अस्पताल में अग्निशमन व्यवस्था, आग लगने की स्थिति में मरीजों की सुरक्षा और निकासी और भविष्य में ऐसी आग की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए अस्पताल को सुरक्षित रखने के उपायों की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट देगी।
अशोक गहलोत ने भी जताया दुख
राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भी घटना पर दुख जताया। उन्होंने कहा, "SMS अस्पताल के ट्रामा सेंटर के ICU में आग लगने से 7 लोगों की मृत्यु बहुत दुखी करने वाली है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि इस हादसे में कम से कम जनहानि हो। प्रभु दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं घायलों को शीघ्र स्वस्थ करें। राज्य सरकार इस घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाकर यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में कहीं भी ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो सके।"
मरीजों के परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
वहीं, घटना को लेकर मरीजों के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। एक मरीज के रिश्तेदार पूरन सिंह ने आंखों देखा हाल बताया। उन्होंने कहा, "जब चिंगारी निकली, तो उसके बगल में एक सिलेंडर रखा था। धुआं पूरे ICU में फैल गया, जिससे सभी घबराकर भाग गए। कुछ लोग अपने मरीजों को बचाने में कामयाब रहे, लेकिन मेरा मरीज कमरे में अकेला रह गया। जैसे ही गैस और फैली, उन्होंने दरवाज़ा बंद कर दिया।"
एक और रिश्तेदार नरेंद्र सिंह ने कहा, "ICU में आग लग गई थी और मुझे पता भी नहीं चला। मैं उस समय खाना खाने नीचे आया था। वहां आग बुझाने का कोई उपकरण भी नहीं था- कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी। मेरी मां वहां भर्ती थीं।"
ओम प्रकाश नाम के शख्स ने बताया, "रात लगभग 11:20 बजे धुआं फैलने लगा और मैंने डॉक्टरों को आगाह किया कि इससे मरीजों को परेशानी हो सकती है। जब तक धुआं बढ़ता, डॉक्टर और कंपाउंडर भाग चुके थे। सिर्फ 4-5 मरीजों को ही निकाला जा सका।" उन्होंने बताया कि इस हादसे में उनके रिश्तेदार की जान चली गई।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 6 October 2025 at 08:28 IST