अपडेटेड 18 February 2025 at 21:39 IST

1984 Anti-Sikh Riots: कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की बढ़ेगी मुश्किलें, दिल्ली पुलिस ने कर डाली फांसी की मांग, बताया ये कारण

1984 सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की मुश्किल बढ़ने वाली है। दिल्ली पुलिस ने फांसी की मांग की है।

Follow :  
×

Share


1984 Anti-Sikh Riots: दिल्ली पुलिस ने सज्जन कुमार के लिए फांसी की मांग की। | Image: ANI

1984 Anti-Sikh Riots: 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की मुश्किलें बढ़ेंगी। दरअसल, दिल्ली पुलिस ने सरस्वती इलाके में दो सिखों की हत्या से जुड़े मामले में लिखित दलील देकर सज्जन कुमार की फांसी की मांग की है।

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दाखिल लिखित दलील में कहा, "ये मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर की कैटेगरी में आता है। सज्जन कुमार फांसी की सजा का हकदार है। यह मामला निर्भया केस भी कहीं ज्यादा संगीन है। निर्भया केस में एक महिला को टारगेट किया गया। यहां पर एक समुदाय विशेष के लोगों को टारगेट किया गया।"

1984 का दंगा एक समुदाय का जनसंहार था: दिल्ली पुलिस

दिल्ली पुलिस ने दलील में आगे लिखा कि इस अपराध  का प्रभाव इतना बड़ा था कि ये एक समुदाय के खिलाफ अपराध था। 1984 का दंगा एक समुदाय विशेष का जनसंहार था। इस तरह की घटनाएं सामाजिक तानेबाने को तोड़ती है। इन दंगों की वजह से बड़ी तादाद में सिख समुदाय के लोगों को विस्थापन झेलना पड़ा। अपने रोजगार और जिंदगी से वंचित होना पड़ा।

1984 से 2016 तक कानून को चकमा देता रहा सज्जन: दिल्ली पुलिस

आगे लिखा गया है कि घटना के वक्त सज्जन कुमार इलाके का सांसद था। बेसहारे लोगों की मदद करने के बजाए उसने खुलेआम कानून को तोड़ा। वो इतना रसूखदार था कि 1984 से लेकर 2016 तक कानून को चकमा देता रहा। 2016 में सरकार ने SIT बनाई। गवाहों के सही तरह से बयान दर्ज हुए। तब जाकर पीड़ितों के साथ इंसाफ हो पाया।

1984 के दंगे में 3 हजार से ज्यादा सिखों की हुई हत्या

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को दिए दलील में कहा है कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान अकेले दिल्ली में तीन हजार से ज्यादा सिखों का कत्ल हुआ, गुरुद्वारों में आग लगा दी गई। घरों में लूटपाट हुई, घरों को नष्ट कर दिया। 1984 में सिखों का कत्लेआम मानवता के खिलाफ अपराध है। एक समुदाय विशेष को इसमे टारगेट किया गया। इस दंगों ने समाज की चेतना को झकझोर कर रख दिया। सरस्वती विहार का मामला जिसमें सज्जन कुमार को दोषी ठहराया गया है, इसी मामले से जुड़ा है।

समाज की चेतना को झकझोर देगा 1984 दंगे का सच

दिल्ली पुलिस ने कहा है कि सज्जन कुमार के खिलाफ ये मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर की कैटेगरी में आता है। सज्जन कुमार ने भीड़ के साथ मिलकर बिना किसी उकसावे के समुदाय विशेष के लोगों को टारगेट किया। बिना किसी कारण के चार असहाय महिलाओं को बुरी तरह पीटा गया।18 साल के युवक और 50 साल के उसके पिता को बिना किसी उकसावे के जिंदा जला दिया गया। जसवंत सिंह और तरुणदीप सिंह का मर्दर जिस निर्दयतापूर्वक अंजाम दिया गया, वो समाज की सामुहिक चेतना को झकझोर देने वाला है। इस घटना का चश्मदीद पीड़ित महिलाओं के मन पर जो असर पड़ा है, वो इस बात को समझा जा सकता है कि 39 साल बाद भी जब उनके बयान दर्ज हुए तो वो लगातार रो रही थी। इस घटना के चलते उनको गम्भीर शारीरिक और मानसिक आघात झेलने पड़े। उन्हें अपना घर छोड़ना पड़ा।

इसे भी पढ़ें: CM ममता के महाकुंभ वाले बयान पर भड़के मनजिंदर सिंह सिरसा, बोले- 'क्या इस्लाम के पर्व पर वो बोल सकती हैं ऐसा?'

Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 18 February 2025 at 21:39 IST