अपडेटेड 8 December 2025 at 14:50 IST

‘दादा तबीयत ठीक है न…?’, वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर PM मोदी ने ऐसा क्या कहा, संसद में जोर-जोर से लगने लगे ठहाके

पीएम मोदी वंदे मातरम से जुड़ी कई बातों का जिक्र कर ही रहे थे कि एक विपक्षी सांसद ने उनका ध्यान खींच लिया। इसी दौरान एक मजेदार वाकया हुआ कि सदन में मौजूद सांसद अपनी हंसी रोक नहीं पाए।

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PM Modi in Parliament | Image: YT/Grab

PM Modi: लोकसभा में देश के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर आज विशेष चर्चा हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम्' पर चर्चा की शुरुआत की। इसी दौरान एक मजेदार वाकया हुआ कि सदन में मौजूद सांसद अपनी हंसी रोक नहीं पाए। चर्चा के दौरान पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा।

पीएम मोदी वंदे मातरम् से जुड़ी कई बातों का जिक्र कर ही रहे थे कि वरिष्ठ तृणमूल सांसद सौगत राय ने उनका ध्यान खींच लिया। इस पर प्रधानमंत्री ने उनसे पूछ लिया कि दादा आपकी तबीयत तो ठीक है न। उन्होंने आगे मुस्कुराते हुए विपक्षी सांसद से कहा कि कभी-कभी इस उम्र में ऐसा हो जाता है।

हम सभी इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी- PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन को संबोधित करते हुए कहा, 'जिस मंत्र ने, जिस जयघोष ने देश के आजादी के आंदोलन को ऊर्जा और प्रेरणा दी थी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया था, उस वंदे मातरम् का पुण्य स्मरण करना इस सदन में हम सबका बहुत बड़ा सौभाग्य है। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे हो रहे हैं और हम सभी इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं।'

यहां कोई पक्ष-प्रतिपक्ष नहीं- पीएम मोदी

उन्होंने आगे कहा, 'यही वंदे मातरम् है जिसने 1947 में देश को आजादी दिलाई। स्वतंत्रता संग्राम का भावात्मक नेतृत्व इस वंदे मातरम् के जयघोष में था। यहां कोई पक्ष-प्रतिपक्ष नहीं है, हम सबके लिए यह रण स्वीकार करने का अवसर है, जिस वंदे मातरम् के कारण हमारे लोग आजादी का आंदोलन चला रहे थे उसी का परिणाम है कि आज हम सब यहां बैठे हैं।'

'दुर्भाग्य से एक काला कालखंड इतिहास में उजागर…'

पीएम मोदी ने निशाना साधते हुए कहा, 'वंदे मातरम् 150 की यह यात्रा अनेक पड़ावों से गुजरी है लेकिन वंदे मातरम् को जब 50 वर्ष हुए तब देश गुलामी में जीने के लिए मजबूर था और वंदे मातरम् के जब 100 साल हुए तब देश आपातकाल की जंजीरों में जक़ड़ा हुआ था। जब वंदे मातरम् 100 साल का हुआ तब देशभक्ति के लिए जीने-मरने वाले लोगों को सलाखों के पीछे बंद कर दिया गया था। जिस वंदे मातरम् के गीत ने देश को आजादी की ऊर्जा दी थी उसके जब 100 साल हुए तो दुर्भाग्य से एक काला कालखंड हमारे इतिहास में उजागर हो गया। 150 वर्ष उस महान अध्याय को, उस गौरव को पुनर्स्थापित करने का अवसर है।'

'…तब ईंट का जवाब पत्थर से दिया'

वह आगे कहते हैं, 'वंदे मातरम् की शुरुआत बंकिम चंद्र चटोपाध्याय ने 1875 में की थी, यह गीत उस समय लिखा गया था जब 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद अंग्रेज सल्तनत बौखलाई हुई थी, भारत पर भांति-भांति के दबाव डाल रही थी, भांति-भांति के जुल्म कर रही थी। उस समय उनके राष्ट्र गीत को घर-घर तक पहुंचाने का षड्यंत्र चल रहा था, ऐसे समय में बंकिम चंद्र चटोपाध्याय ने ईंट का जवाब पत्थर से दिया और उसमें से वंदे मातरम् का जन्म हुआ।'

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 8 December 2025 at 13:09 IST