अपडेटेड 9 September 2025 at 19:29 IST

Brain-Eating Amoeba: क्या है ब्रेन खाने वाला अमीबा, इस बीमारी का इलाज करना बहुत मुश्किल; केरल में अब तक 5 मौतें

केरल में इन दिनों एक अमीबा से लोग डरे हुए हैं। ये नाक के रास्ते शरीर में घुसता है और फिर दिमाग में चला जाता है। वहां लाखों अमीबा पैदा करता है, जो दिमाग को हर जगह से खा जाते हैं। अगर ये दिमाग में पहुंच गया तो बचना मुमकिन नहीं होता। इसी अमीबा से प्रभावित 11 लोगों का इलाज केरल के कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है।

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इस अमीबा का नाम नाएग्लेरिया फॉवलेरी है। इसके दिमाग में पहुंचने पर अमीबिक मेनिन्जोएन्सेफलाइटिस नामक बीमारी होती है।

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ये मुख्य रूप से गर्म मीठे पानी के श्रोतों में पाया जाता है, जैसे झीलें, नदियां, गर्म झरने। यह ठंडे या समुद्री पानी में नहीं पाया जाता है।

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इसका पता लगाने के लिए लैब स्तर का टेस्ट किया जाता है। पानी के नमूने को माइक्रोस्कोप देखकर इस अमीबा की मौजूदगी के बारे में पता लगता है।

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सिरदर्द, बुखार, उल्टी, गर्दन में अकड़न ये इस बीमारी के लक्षण हैं। इसके लिए नाक में पानी ना जाने दें। नदी में नहाते वक्त ये नाक के रास्ते दिमाग तक पहुंच सकते हैं।

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इस बीमारी का इलाज बहुत मुश्किल है। कुछ मामलों में ही दवाएं काम करती हैं। अगर शुरुआती चरण में पता नहीं चला तो बीमारी घातक हो जाती है।

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दिमाग में पहुंचने के बाद 9 दिनों के अंदर लक्षण दिखने लगते हैं। यह मुख्यतः मस्तिष्क के न्यूरॉन्स को खाता है। बिना इलाज के 1-2 हफ्ते में मरीजों की मौत हो जाती है।

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46 डिग्री सेंटीग्रेड से ज्यादा तापमान पर ये अमीबा जिंदा नहीं रहता। 

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 9 September 2025 at 19:29 IST