अपडेटेड 3 October 2025 at 19:43 IST
EXCLUSIVE: सांस लेने के लिए तड़प रहे थे जुबीन... क्या जानबूझकर सिंगर को दिया गया जहर? रिमांड कॉपी से बड़ी साजिश का खुलासा, गवाह ने लगाए ये आरोप
रिपब्लिक टीवी को जुबीन गर्ग मौत मामले में आरोपी सिद्धार्थ शर्मा की एक्सक्लूसिव रिमांड कॉपी मिली है। जुबीन की मौत की जांच कर रही एसआईटी द्वारा तैयार किए गए रिमांड नोट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
सिंगर जुबीन गर्ग की मौत मामले में साजिश की परतें खुलने लगी हैं। रिमांड कॉपी में चश्मदीद गवाह के हवाले से बताया जा रहा है कि जुबीन गर्ग की मौत में सिद्धार्थ शर्मा और श्यामकनु महंत की संलिप्तता थी।
इससे पहले पुलिस ने संगीतकार शेखर ज्योति गोस्वामी और फीमेल सिंगर अमृतप्रभा महंत को गिरफ्तार किया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, वो दोनों उस दिन जुबीन गर्ग के साथ थे।
श्यामकानु महंत ने जानबूझकर जुबीन को जहर दिया?
रिपब्लिक टीवी को जुबीन गर्ग मौत मामले में आरोपी सिद्धार्थ शर्मा की एक्सक्लूसिव रिमांड कॉपी मिली है। जुबीन की मौत की जांच कर रही एसआईटी द्वारा तैयार किए गए रिमांड नोट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
सिद्धार्थ शर्मा पर आपराधिक साजिश, हत्या और गैर इरादतन हत्या जैसे गंभीर अपराधों में नामजद एफआईआर दर्ज है। मुख्य गवाह शेखर ज्योति गोस्वामी ने कहा कि शर्मा ने अपनी मौत से पहले जुबीन गर्ग से याट का नियंत्रण जबरन छीन लिया था और इसे एक दुर्घटना के रूप में पेश करने की साजिश रची थी।
शेखर ज्योति गोस्वामी ने आरोप लगाया कि सिद्धार्थ शर्मा और उनके सहयोगी श्यामकानु महंत ने जानबूझकर जुबीन को जहर दिया और अपनी साजिश छिपाने के लिए विदेशी शराब का इंतजाम किया।
गवाहों ने किया ये खुलासा
गवाहों ने खुलासा किया कि गर्ग के अंतिम क्षणों में जब वह सांस लेने के लिए तड़प रहा था। सिद्धार्थ शर्मा ने कथित तौर पर कहा, "जाबो दे, जाबो दे" (उसे जाने दो, उसे जाने दो), और उसकी हालत को एसिड रिफ्लक्स बताकर टाल दिया।
अभियुक्त ने गर्ग की मौत से पहले उसे शराब और महिलाओं की आपूर्ति के बारे में कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया है। रिमांड नोट में जोर दिया गया है कि प्रथम दृष्टया साक्ष्य "ज़ुबीन गर्ग की असमय मृत्यु" में सिद्धार्थ शर्मा की संलिप्तता को स्थापित करते हैं।
रिमांड कॉपी में क्या है?
- अभियुक्त, सिद्धार्थ शर्मा, आपराधिक षडयंत्र, हत्या और गैर-इरादतन हत्या जैसे गंभीर और गैर-जमानती अपराधों के लिए प्राथमिकी में नामजद अभियुक्त हैं। जांच के दौरान एकत्र किए गए भौतिक साक्ष्य, जिनमें दस्तावेजी रिकॉर्ड, वित्तीय लेनदेन और गवाहों के बयान शामिल हैं, प्रथम दृष्टया उनकी दोषसिद्धि को स्थापित करते हैं।
- गवाह शेखर ज्योति गोस्वामी के बयान, जो धारा 175 बीएनएसएस के तहत दर्ज किया गया था, से पता चला कि जुबीन गर्ग की मौत के मामले में, उनकी मौत को आकस्मिक दिखाने के लिए एक साजिश रची गई थी। उन्होंने कहा कि सिंगापुर के पैन पैसिफिक होटल के कमरा नंबर 3010 में उनके साथ ठहरे सिद्धार्थ शर्मा का आचरण संदिग्ध था।
- शेखर ज्योति गोस्वामी ने आगे बताया कि अभियुक्त ने नाविक से नौका का नियंत्रण जबरन छीन लिया, जिससे वह बीच समुद्र में खतरनाक रूप से डगमगाने लगी, जिससे सभी यात्रियों को खतरा हो गया। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि सिद्धार्थ शर्मा ने तन्मय फुकन (अनिवासी भारतीय, असम एसोसिएशन, सिंगापुर के सदस्य) को पेय पदार्थों की व्यवस्था न करने का निर्देश दिया था, यह दावा करते हुए कि वे अकेले ही पेय पदार्थ उपलब्ध कराएंगे।
- उन नाजुक क्षणों में जब जुबीन गर्ग सांस लेने के लिए हांफ रहे थे, लगभग डूबने की स्थिति में थे, सिद्धार्थ शर्मा को "जाबो दे, जाबो दे" (उसे जाने दो, उसे जाने दो) चिल्लाते हुए सुना गया। गवाह ने इस बात पर जोर दिया कि जुबीन गर्ग एक कुशल तैराक थे जिन्होंने उन्हें और अभियुक्त दोनों को ट्रेन किया था, और इसलिए डूबने से उनकी मौत नहीं हो सकती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि शर्मा और श्यामकानु महंत ने पीड़िता को जहर दिया था और अपनी साजिश छिपाने के लिए जानबूझकर एक विदेशी जगह चुनी थी। शर्मा ने उन्हें नौका के वीडियो किसी के साथ साझा न करने का भी निर्देश दिया था।
- जब जुबीन गर्ग के मुंह और नाक से झाग निकल रहा था, तो आरोपी सिद्धार्थ शर्मा ने इसे एसिड रिफ्लक्स बताकर टाल दिया और दूसरों को आश्वस्त किया कि चिंता की कोई बात नहीं है। आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के बजाय, उसने ज़ुबीन गर्ग की असमय मौत में योगदान दिया।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 3 October 2025 at 19:36 IST