अपडेटेड 25 February 2025 at 08:51 IST
'गंदी भाषा सीख रहे, उनका हेयरस्टाइल भी...'; स्कूल के बच्चों को बिगाड़ रही Pushpa 2? टीचर्स का फूटा गुस्सा, की शिकायत
Pushpa 2: हैदराबाद के टीचर का आरोप है कि अल्लू अर्जुन की फिल्म 'पुष्पा 2' को देखकर स्कूल के बच्चे बिगड़ रहे हैं। इसे लेकर शिक्षा आयोग के साथ बैठक भी की गई।
Pushpa 2: तेलुगू फिल्म ‘पुष्पा 2’ ने अपने बॉक्स ऑफिस कलेक्शन से साउथ ही नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा में इतिहास रच दिया है। अल्लू अर्जुन (Allu Arjun) और रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna) की फिल्म को दुनियाभर के लोगों ने खूब प्यार दिया। हालांकि, हैदराबाद के टीचर ने फिल्म पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि ‘पुष्पा 2’ देखकर स्कूल के बच्चे बिगड़ रहे हैं। अब उनके दावे के साथ सोशल मीडिया पर लोगों के रिएक्शन की बाढ़ सी आ गई है।
हैदराबाद के कई स्कूल टीचर्स और सरकारी स्कूलों के हेड मास्टर ने हाल ही में शिक्षा आयोग के साथ बैठक की जिसमें ‘पुष्पा 2’ के स्कूली छात्रों पर खराब प्रभाव को लेकर चर्चा की गई। छात्रों द्वारा पुष्पाराज की नकल करने से टीचर्स तंग आ गए हैं।
स्कूल के बच्चों को बिगाड़ रही ‘पुष्पा 2’?
Gulte की एक रिपोर्ट के अनुसार, हैदराबाद के यूसुफगुडा के सरकारी स्कूल की महिला टीचर ने कथित तौर पर दावा किया है कि ‘पुष्पा 2 ने छात्रों को बिगाड़ दिया है’। प्रधानाध्यापिका ने कथित तौर पर अपनी राय रखते हुए कहा है कि सरकारी स्कूलों में छात्रों को संभालना ज्यादा मुश्किल होता जा रहा है।
खबरों की माने तो, टीचर ने कहा, “वे ढंग से बिहेव नहीं करते हैं और अपनी गलियों और घरों से गंदी भाषा सीख रहे हैं। खासकर, उनका हेयरस्टाइल भी बिगड़ चुका है और जब हम उन्हें बदलने के लिए कहते हैं तो वो हमारी एक नहीं सुनते। यहां तक कि उनके माता-पिता को भी इस चीज की चिंता नहीं है”।
"बच्चों को 12वीं फेल दिखाएं…."
‘पुष्पा 2’ के बच्चों को बिगाड़ने की खबर ने अब सोशल मीडिया पर तूल पकड़ लिया है। लोग इस बात पर अलग-अलग तरीके से रिएक्ट कर रहे हैं। एक एक्स यूजर ने भी इसे लेकर अपने विचार रखे और कहा कि अगर ‘पुष्पा 2’ देखकर वाकई बच्चे बिगड़ रहे हैं तो उन्हें खुशी है कि वो सिनेमा से प्रेरणा ले रहे हैं।
वो शख्स यहीं नहीं रुका। उसने आगे अपने पोस्ट में ये तक रिक्वेस्ट कर डाली कि “अगर फिल्मों का छात्रों पर इतना असर पड़ता है तो उन्हें हर दिन ‘12वीं फेल’, ‘सुपर 30’, ‘उड़ान’, ‘अंजलि’, ‘35 सीकेके’ और ‘स्वदेश’ जैसी फिल्में दिखाई जानी चाहिए। देखते हैं कि कितने बच्चे जादुई तरीके से उन किरदारों में बदल जाते हैं”। उसके पोस्ट पर भी लोग विरोध कर रहे हैं। एक ने लिखा कि बच्चे बुरी आदत ज्यादा जल्दी पकड़ लेते हैं तो दूसरा कमेंट करता है कि फिर अच्छी फिल्में इतना कलेक्शन क्यों नहीं करती।
Published By : Sakshi Bansal
पब्लिश्ड 25 February 2025 at 08:51 IST