अपडेटेड 10 March 2025 at 19:13 IST

तनुश्री दत्ता मामले में नाना पाटेकर व गणेश आचार्य के वकील ने जारी किया ऑफिशियल स्टेटमेंट

नाना पाटेकर, गणेश आचार्य के वकील पद्मा शेकटकर ने अभिनेत्री तनुश्री दत्ता यौन उत्पीड़न मामले पर एक ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी किया।

Nana Patekar | Image: Pinterest

नाना पाटेकर, गणेश आचार्य के वकील पद्मा शेकटकर ने अभिनेत्री तनुश्री दत्ता यौन उत्पीड़न मामले पर एक ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी किया। उन्होंने कहा कि “अदालत ने मामले का संज्ञान नहीं लिया है, क्योंकि एफआईआर दर्ज करने में देरी के कारण इसे बैन कर दिया गया।” इस बयान में कहा गया है कि तनुश्री वकील पद्मा शेकटकर के क्लाइंट को निशाना बना रही थीं। बयान में कहा गया, "शिकायतकर्ता अभिनेत्री तनुश्री दत्ता द्वारा साल 2010 में ओशिवारा पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई एफआईआर में साल 2008 की एक घटना का उल्लेख है, जो मेरे मुवक्किलों को निशाना बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया एक झूठ है। साल 2018 में किए गए सामी सिद्दीकी के स्ट्रिंग ऑपरेशन को लेकर अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि उनके क्लाइंट निर्दोष हैं।"

बयान के अनुसार…

बयान के अनुसार, "ओशिवारा पुलिस अधिकारियों ने मामले की जांच की और अंधेरी मजिस्ट्रेट अदालत में रिपोर्ट दायर की। अदालत ने मामले का संज्ञान नहीं लिया क्योंकि एफआईआर दर्ज करने में देरी के कारण लिमिटेशन एक्ट ने इसे बैन कर दिया था।"

वकील ने उल्लेख किया, "शिकायतकर्ता देरी के लिए माफी आवेदन दाखिल करने में विफल रहे और अदालत ने उनके मामले को खारिज कर दिया। अभिनेत्री के पास पर्याप्त सबूत नहीं थे, जबकि शूटिंग के दौरान सेट पर 100 से ज्यादा लोग मौजूद थे। मेरे मुवक्किल इन झूठे आरोपों के पीछे की वजह को समझने में विफल रहे। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण की वजह से उनके बहुत सारे प्रशंसक हैं और मौजूदा आरोप सिर्फ मेरे मुवक्किलों की छवि खराब करने के लिए लगाए गए हैं, जिसके पीछे कोई छिपा हुआ मकसद है।”

उन्होंने आगे कहा, “कुछ महिलाएं कानून का फायदा उठाती हैं और इंडस्ट्री के बड़े नामी लोगों को निशाना बनाती हैं, जो गलत और अनैतिक है, जिससे दिग्गजों का करियर डूब जाता है।”

वकील के बयान में यह भी कहा गया है कि उनके “मुवक्किलों ने इन 7 सालों में बहुत कुछ झेला है और उन्हें बहुत ज्यादा मानसिक आघात, तनाव और तकलीफों से गुजरना पड़ा है और मैंने इसे व्यक्तिगत रूप से देखा है। मजिस्ट्रेट कोर्ट ने शिकायतकर्ता के मामले को खारिज करते हुए फैसला सुनाया है। यह मामला निश्चित रूप से उन सभी पुरुषों के लिए एक रोशनी की किरण है, जिन्हें ‘मी टू’ के नाम पर निशाना बनाया जा रहा है। हमें कानून-व्यवस्था और न्यायपालिका पर भरोसा था और आज मामले के नतीजे से हम खुश हैं।”

ये भी पढ़ें - Amla Power: क्या हम रोजाना गर्म पानी के साथ आंवला पाउडर ले सकते हैं?

Published By : Garima Garg

पब्लिश्ड 10 March 2025 at 19:13 IST