अपडेटेड 28 March 2024 at 14:01 IST

कांग्रेस ने 8 लिस्ट कर दीं जारी, फिर भी रायबरेली-अमेठी से नहीं ढूंढ पाई उम्मीदवार, कहां फंसा पेच?

कांग्रेस लोकसभा चुनावों के लिए 8 बार में 190 सीटों के लिए नामों की घोषणा कर चुकी है, लेकिन गांधी परिवार के गढ़ रायबरेली और अमेठी में उम्मीदवार नहीं उतारे हैं।

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सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी | Image: INC/File

Lok Sabha Elections: क्या कांग्रेस को रायबरेली में सोनिया गांधी के बदले कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं मिल रहा है, क्या अमेठी से राहुल गांधी चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, अगर नहीं तो क्या उनका विकल्प भी कांग्रेस ढूंढ नहीं पाई है? सवाल इसलिए हैं कि रायबरेली और अमेठी सीट को लेकर कांग्रेस पार्टी के भीतर सन्नाटा छाया हुआ है। वो इसलिए भी कि कांग्रेस लोकसभा चुनावों के लिए 8 बार में 190 सीटों के लिए नामों की घोषणा कर चुकी है, लेकिन गांधी परिवार के ही सबसे मजबूत गढ़ में उम्मीदवार नहीं उतारे गए हैं।

कांग्रेस की बुधवार देर शाम एक और लिस्ट आई। नई लिस्ट में 4 राज्यों में 14 उम्मीदवार उतारे गए। इस लिस्ट में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की 4 सीटों पर भी प्रत्याशियों को खड़ा किया। उत्तर प्रदेश के लिए कांग्रेस ने जिन 4 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, उनमें गाजियाबाद से डॉली शर्मा, बुलंदशहर से शिवराम वाल्मिकी, सीतापुर से नकुल दुबे और महराजगंज से वीरेंद्र चौधरी शामिल हैं। अहम ये कि रायबरेली और अमेठी का नाम 8वीं लिस्ट में भी नहीं आया।

अमेठी-रायबरेली पर कहां फंसा पेच?

अमेठी-रायबरेली दोनों ऐसी सीटें हैं, जहां से गांधी परिवार ज्यादातर चुनाव लड़ता रहा है। पिछले चुनाव में हार के बावजूद राहुल गांधी को अमेठी के कार्यकर्ता फिर से अपने क्षेत्र में लड़ते हुए देखना चाहते हैं। इस बार चर्चाएं ये भी चलीं कि सोनिया गांधी की जगह रायबरेली से प्रियंका गांधी एंट्री ले सकती हैं। राहुल और प्रियंका को लेकर कांग्रेस के नेता अविनाश पांडे कहते हैं- 'रायबरेली-अमेठी की जनता चाहती है कि गांधी परिवार से ही कोई चुनाव लड़े। यहां की जनता की तरफ से एक चिट्ठी लिखी गई है कि वो वहां से चुनाव लड़ें।' यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने भी कहा था- 'अमेठी और रायबरेली गांधी परिवार की पुरानी सीट है, उसका प्रस्ताव हमने दिया है।'

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हालांकि पिछले दिनों सूत्रों ने बताया कि 'राहुल गांधी ने अमेठी वापस आने से इनकार कर दिया है। राहुल की बहन प्रियंका गांधी ने रायबरेली में चुनाव लड़ने से इनकार किया है।' इस बीच बुधवार, 27 मार्च 2024 को कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट को लेकर चर्चा ही नहीं हुई। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस पार्टी रायबरेली और अमेठी में प्रत्याशियों पर विचार नहीं कर पा रही है। ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि कांग्रेस अपने ही गढ़ में अखाड़े में आने से बच रही है। शायद इसीलिए कांग्रेस अभी तक उम्मीदवार नहीं ढूंढ पाई है।

सोनिया ने रायबरेली छोड़ा, राहुल वायनाड से लड़ेंगे

अमेठी में पिछले चुनाव में बीजेपी की उम्मीदवार स्मृति ईरानी से राहुल गांधी को हार का सामना करना पड़ा था, जबकि रायबरेली से सोनिया गांधी पहले ही हट चुकी है। लंबे समय तक रायबरेली का प्रतिनिधित्व करने वालीं सोनिया गांधी ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया और उन्होंने राज्यसभा के जरिए संसद में पहुंचने का सेफ रास्ता चुना। राहुल को केरल के वायनाड से पहले ही उम्मीदवार घोषित किया जा चुका है, लेकिन उनके विकल्प के तौर पर कांग्रेस का कोई नेता आगे नहीं आया है।

कांग्रेस को घेरने उतरी बीजेपी

अभी तक रायबरेली और अमेठी से प्रत्याशी नहीं उतारे जाने पर भारतीय जनता पार्टी भी तंज कस रही है। शिवराज सिंह चौहान कहते हैं- 'सोनिया गांधी ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया और बैक डोर उनकी राज्यसभा में एंट्री हुई। अब जिसके सर्वोच्च नेता का ही आत्मविश्वास हिल गया हो, उस पार्टी का क्या होगा ये कल्पना की जा सकती है। 2019 में राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस ने चुनाव लड़ा था और अमेठी से खुद राहुल गांधी चुनाव हार गए थे।'

शिवराज सिंह आगे कहते हैं- 'अभी अगर इतिहास देखें तो एक के बाद एक लगभग 50 चुनाव कांग्रेस ने हारे हैं। कई उनके मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्रीयों ने कांग्रेस छोड़ दी और कई जगह उनको चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार नहीं मिल रहे।' बीजेपी नेता शिवराज सिंह ने कहा- 'कांग्रेस ऐसा दल बन गई है, जिसके पास ना तो अब सेना बची है और ना सेनापति। चुनाव लड़ने वालों का टोटा पड़ा हुआ है। जब मैडम चुनाव नहीं लड़ रहीं तो बाकी बड़े नेताओं ने हाथ उठा दिए।'

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Published By : Amit Bajpayee

पब्लिश्ड 28 March 2024 at 13:18 IST