अपडेटेड 14 May 2024 at 20:15 IST
राम राज्य का आशय जनता में कर्तव्य बोध के संचार से है, किसी 'थियोक्रेटिक स्टेट' से नहीं: राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अपने एक अहम बयान में कहा कि राम राज्य का आशय किसी 'थियोक्रेटिक स्टेट' से नहीं है।
Lok Sabha Election: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अपने एक अहम बयान में कहा कि राम राज्य का आशय किसी 'थियोक्रेटिक स्टेट' (किसी एक धर्म आधारित शासन व्यवस्था वाला देश) से नहीं है। राम राज्य का मतलब जन सामान्य के अंदर एक जिम्मेदारी की भावना या कर्तव्य बोध का संचार करने से है।
लखनऊ से सांसद और इसी सीट से लगातार तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार राजनाथ सिंह ने यहां आयोजित प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन को संबोधित किया।
राम हमारी आस्था के केंद्र हैं- राजनाथ सिंह
इस दौरान उन्होंने राम मंदिर का जिक्र करते हुए कहा, ''हम लोगों ने कहा था कि राम हमारी आस्था के केंद्र हैं। हमको बहुमत मिलेगा तो अयोध्या की धरती पर राम का भव्य मंदिर बनेगा। आपने देखा कि वह काम भी हो गया। मुझे तो अब लगने लगा है कि भगवान राम अपनी झोपड़ी से निकाल कर अपने महल में प्रवेश कर चुके हैं, इसलिये भारत में राम राज्य का आगाज होकर रहेगा। मुझे इसका पक्का विश्वास है।''
राम राज्य का मतलब कर्तव्य का बोध उत्पन्न हो- राजनाथ सिंह
उन्होंने कहा, ''यदि मैं राम राज्य की बात करता हूं तो इसका मतलब किसी ‘थियोक्रेटिक स्टेट’ से नहीं है। राम राज्य का मतलब यह होता है कि जन सामान्य के अंदर एक जिम्मेदारी की भावना उत्पन्न हो, कर्तव्य का बोध उत्पन्न हो। जब लोगों के बीच कर्तव्य बोध उत्पन्न नहीं होगा और केवल अधिकार बोध ही उत्पन्न होगा, तब राम राज्य नहीं आ सकता।''
सिंह ने रामायण का जिक्र करते हुए कहा कि कैकयी के अंदर कर्तव्य बोध नहीं था, बल्कि एक अधिकार बोध था जिसके कारण सारा संकट पैदा हुआ और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम को वनवास के लिए जाना पड़ा था।
'राजनीति का अर्थ एक ऐसी व्यवस्था समाज को सन्मार्ग की ओर ले जाए'
रक्षा मंत्री ने कहा कि राजनीति का अर्थ एक ऐसी राजनीतिक व्यवस्था से है जो समाज को सन्मार्ग की ओर ले जाए, लेकिन विडंबना यह है कि आजाद भारत में राजनीति शब्द अपना अर्थ और भाव खो चुका है।
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान को ऐसे राजनीतिज्ञों की आवश्यकता है जो ‘राजनीति’ शब्द के खोए हुए अर्थ एवं भाव को पुनः भारत की राजनीति में स्थापित कर सकें।
उन्होंने किसी का नाम लिये बगैर कहा, ''राजनीति के क्षेत्र में मैं यह मानता हूं कि विश्वसनीयता का संकट किसी भी सूरत में पैदा नहीं होना चाहिए। नेताओं की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं होना चाहिए। नेता जो कहे, उसे वह पूरा करे, तभी भारत की राजनीति में विश्वास का संकट नहीं पैदा होगा।''
हमने जो वादे किए थे उन्हें हमने पूरा किया- रक्षा मंत्री
सिंह ने कहा, ''जिस दल से मैं आता हूं, उसके बारे में मैं कह सकता हूं कि भारत की राजनीति में विश्वसनीयता का संकट जो पैदा हुआ था उसे हम लोगों ने ना केवल एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया, बल्कि हमने इस पर विजय की प्राप्त की। यह बात मैं इसलिए कह रहा हूं कि कोई हमारे चुनाव घोषणा पत्र को उठाकर देख ले। उसमें जो भी हमने वादे किए थे उन्हें हमने पूरा किया है।''
भाजपा सरकार द्वारा तीन तलाक व्यवस्था को खत्म किये जाने का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि ‘तीन तलाक’ के विषय पर बहुत लोग यही कहेंगे कि आप दूसरे धर्म के मामले में क्यों हस्तक्षेप कर रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘प्रश्न धर्म का नहीं है। मैं यह मानता हूं कि हिंदू हो, मुस्लिम हो, सिख हो, ईसाई हो, यहूदी हो, कोई भी हो। सबकी मां, बहन, बेटी हमारी भी मां, बहन, बेटी है... चाहे वह किसी भी धर्म के मानने वाले लोग हों। अगर हमें यह महसूस होगा कि उसके साथ जुल्म हो रहा है तो हम उस बहन-बेटी की रक्षा के लिए खड़े होंगे। इसीलिए हमने तीन तलाक की प्रथा को समाप्त किया था।’’
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 14 May 2024 at 20:15 IST