अपडेटेड 7 June 2024 at 14:45 IST

NDA संसदीय दल के नेता चुने जाने पर बोले मोदी- ये भावुक करने वाला पल, विश्वास ही सबसे बड़ी पूंजी

भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को NDA के संसदीय दल का नेता चुना गया। इसे लेकर उन्होंने कहा कि ये बहुत भावुक कर देने वाला पल है।

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संसदीय दल के नेता चुने गए नरेंद्र मोदी। | Image: Narendra Modi-Facebook

भारत के भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को NDA के संसदीय दल का नेता चुना गया। बता दें, राजनाथ सिंह ने NDA के संसदीय दल के नेता के रूप में नरेंद्र मोदी का नाम प्रस्तावित किया। NDA के घटक दलों ने राजनाथ सिंह के प्रस्ताव का समर्थन किया। संसदीय दल का नेता चुने जाने पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये बहुत भावुक कर देने वाला पल है।विश्वास ही सबसे बड़ी पूंजी है।

नरेंद्र मोदी ने कहा, “NDA सबसे सफल ALLIANCE है। इस बात को राजनीति के जो विशेषज्ञ है वो सोचेंगे तो पाएंगे की NDA की सरकार चलाने का कुछ दलों का जमावड़ा नहीं है। NDA की अलायंस नेशन फर्स्ट के लिए कमिटेड है। NDA में एक कॉमन चीज नजर आती है, वो है गुड गवर्नेंस। NDA का पर्यावाची है गुड गवर्नेंस।”

पीएम मोदी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं का किया धन्यवाद

उन्होंने कहा, “मेरे लिए खुशी की बात है कि इतने बड़े समूह को आज यहां स्वागत करने का मौका मिला। जिन लाखों कार्यकर्ताओं ने दिन-रात परिश्रम किया, और इतनी भयंकर गर्मी में हर दल के कार्यकर्ताओं ने जो पुरुषार्थ किया है, मैं आज संविधान सदन के सेंट्रल हॉल से सिर झुकाकर प्रणाम करता हूं। मेरा सौभाग्य है कि NDA के नेता के रूप में आप सभी साथियों ने मुझे एक नया दायित्व दिया है।”

नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज देश में 22 राज्यों में लोगों ने हमें सरकार बनाकर सेवा करने का मौका दिया है। हमारा ये अलायंस सच्चे अर्थ में भारत की असली आत्मा, भारत की जड़ों में रचा बसा है, उसका एक प्रतिबिंब है। हमारे देश में 10 ऐसे राज्य हैं, जहां हमारे आदिवासी बंधुओं की आबादी ज्यादा है। हम सबके बीच विश्वास का सेतु मजबूत है, ये अटूट रिश्ता विश्वास की मजबूत धरातल पर है और ये सबसे बड़ी पूंजी होता है ये पल मेरे लिए भावुक करने वाले भी हैं आप सबका जितना धन्यवाद करूं उतना कम है।”

उन्होंने कहा कि 4 जून के पहले ये लोग (इंडी गठबंधन) ईवीएम को लगातार गाली दे रहे थे और ये लोग तय करके बैठे थे कि भारत के लोकतंत्र की प्रक्रिया के प्रति लोगों का विश्वास ही उठ जाए।  मुझे तो लगता था कि इस बार ये लोग ईवीएम का अर्थी जुलूस निकालेंगे, लेकिन 4 जून को शाम आते-आते उनको ताले लग गए... ईवीएम ने उनको चुप कर दिया। ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 7 June 2024 at 13:19 IST