अपडेटेड 13 November 2025 at 00:07 IST

तेजस्वी की अग्नि परीक्षा तो PK की साख दांव पर... बिहार चुनाव में किसी गठबंधन को नहीं मिला स्पष्ट बहुमत तो कौन बनेगा किंग मेकर?

Bihar election 2025 : लोकसभा सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी बिहार में अपनी किस्मत पर दांव लगाया है। उनकी पार्टी बिहार में 25 सीटों पर चुनाव लड़ी है। पिछली बार 5 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जो बाद में राजद में मिल गए थे।

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बिहार चुनाव में किसी गठबंधन को नहीं मिला स्पष्ट बहुमत तो कौन बनेगा किंग मेकर? | Image: Official X Handle (Twitter)

Bihar election 2025: बिहार की कुल 243 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में मतदान संपन्न हो चुके हैं। पहले चरण में 121 सीटों के लिए 6 नवंबर को वोटिंग हुई थी, इसमें 65 फीसदी से अधिक मतदान हुआ था। वहीं, 11 नवंबर को दूसरे चरण में 122 सीटों पर वोटिंग हुई थी, जो 67 फीसदी से अधिक हुई। वहीं, इसके नतीजे 14 नवंबर को आएंगे।

विभिन्न एजेंसियों के एग्जिट पोल्स में संभावनाएं जताई गईं हैं कि बिहार में एक बार फिर से एनडीए की सरकार बन सकती है। वहीं, महागठबंधन विपक्ष की भूमिका में रह सकता है। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि एग्जिट पोल्स हमेशा सही ही साबित हों, कई बार ये गलत भी पड़ जाते हैं। खैर, 14 नवंबर को रिजल्ट आने के बाद यह साफ हो जाएगा कि बिहार में किसकी सरकार बनने वाली है।

इस बीच सवाल यह है कि अगर एनडीए और महागठबंधन को बहुमत (122 सीटों पर जीत) नहीं मिल पाता है तो क्या होगा? इस चुनाव में सीएम नीतीश के अलावा तेजस्वी की अग्नि परीक्षा तो PK की साख दांव पर भी लगा देखा जा रहा है। इस बीच सवाल यह है कि बिहार चुनाव में किसी गठबंधन को नहीं मिला स्पष्ट बहुमत तो कौन बनेगा किंग मेकर? आइए इसके बारे में जानते हैं...

एनडीए और महागठबंधन के बीच मुकाबला

राजनीतिक जानकार मानते हैं कि बिहार चुनाव में एनडीए और महागठबंधन में जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला है और यह नतीजे वाले दिन भी दिख सकता है। 
यहां हम सत्ताधारी एनडीए की बात करें तो इसमें भारतीय जनता पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं।
एनडीए एक बार फिर से यह चुनाव सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा है।

वहीं, विपक्षी महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (सीपीआई-एमएल), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीएम) और मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शामिल हैं।
महागठबंधन इस चुनाव में सीएम का चेहरा तेजस्वी यादव को बनाया है तो उप मुख्यमंत्री का चेहरा मुकेश सहनी को बनाया है।

क्या कहता है Exit Poll?

विभिन्न Exit Polls ने एक ओर जहां महागठबंधन की टेंशन बढ़ा दी है तो वहीं, दूसरी ओर NDA इससे गदगद दिखा है। Chanakya Strategies ने बिहार में NDA को बहुमत दिया है। Chanakya Strategies के Exit Poll में NDA 130-138 सीट, महागठबंधन को 100-108 और अन्य को 3-5 सीट मिलने का अनुमान है। वहीं,  MATRIZE-आईएएनएस के एग्जिट पोल में NDA को 147-167 सीट मिल सकती है, जबकि विपक्ष के महागठबंधन को 70-90 सीट से संतोष करना पड़ सकता है।

हम यहां करीब 11 एजेंसियों के एग्जिट पोल्स के Poll of Polls की बात करें तो इसमें साफ दिखा है कि एनडीए एक बार फिर से बिहार में सरकार बना सकता है। वहीं, महागठबंधन सत्ता से दूर दिख रहा है। Poll of Polls के अनुसार, एनडीए को 146-162 सीटें, महागठबंधन को 75-90 सीटें और अन्य के खाते में 2-6 सीटें जाती दिख रही हैं।

किंग मेकर की कौन-कौन सी पार्टियां निभा सकती हैं भूमिका?

सवाल यह है कि अगर किसी भी गठबंधन को बहुमत नहीं मिल पाता है और अन्य दलों को अच्छी-खासी सीटें मिल जाती हैं तो बिहार में सत्ता बनाने के लिए किंग मेकर की कौन-कौन सी पार्टियां भूमिका निभा सकती हैं?

यहां इन पार्टियों में तीन दलों का नाम आता है। 

  • प्रशांत किशोर की पार्टी - जन सुराज
  • तेज प्रताप यादव की पार्टी - जनशक्ति जनता दल
  • असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी - ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM)

प्रशांत किशोर की पार्टी - जन सुराज

प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने बिहार के करीब सभी विधानसभा सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारा है। अगर इनको 15 से 20 सीटें भी मिल जाती हैं, तो किसी भी गठबंधन के लिए पीके किंग मेटर बन सकते हैं। हालांकि, विभिन्न एग्जिट पोल्स में प्रशांत किशोर की पार्टी को 0 से 5 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।

तेज प्रताप यादव की पार्टी - जनशक्ति जनता दल

किंग मेकर के रूप में दूसरा नाम तेज प्रताप यादव का हो सकता है। इनकी पार्टी जनशक्ति जनता दल ने सबसे पहले 21 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। उसके बाद एक और लिस्ट आई थी। करीब 44 सीटों पर तेज प्रताप ने अपने उम्मीदवारों को उतारा था। हाल ही में उन्होंने दावा किया था कि उनकी पार्टी 10 से 15 सीटें जीत सकती है।

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी - AIMIM

लोकसभा सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी बिहार में एक बार फिर से अपनी किस्मत पर दांव लगाया है। उनकी पार्टी बिहार में 25 सीटों पर चुनाव लड़ी है। पिछली बार इनकी पार्टी को 5 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जो बाद में राजद में मिल गए थे।

तो अगर बिहार विधानसभा चुनाव में किसी भी गठबंधन को बहुमत नहीं मिल पाता है तो ये तीन पार्टियां किंग मेकर की भूमिका निभा सकती है। इसके साथ ही कुछ दिग्गज और बागी निर्दलीय भी चुनावी मैदान में थे। जीत के बाद ये भी किसी गठबंधन को साथ दे सकते हैं। 

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 13 November 2025 at 00:07 IST