अपडेटेड 12 October 2025 at 23:22 IST
Bihar Election: 2005 से 2025 तक... बिहार चुनाव में ऐसे घटती गई नीतीश कुमार की पार्टी की सीटें, 30 सालों के इतिहास में पहली बार हुआ कुछ ऐसा
Bihar Election: बिहार चुनाव का बिगुल बज चुका है। सभी पार्टियां अपने-अपने नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने को तैयार है। इसी बीच NDA ने सीटों का बंटवारा कर दिया है, जिसमें बीजेपी और जदयू को एक समान सीटें मिली हैं।
Bihar Election: बिहार चुनाव का बिगुल बज चुका है। सभी पार्टियां अपने-अपने नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने को तैयार है। इसी बीच NDA ने सीटों का बंटवारा कर दिया है, जिसमें बीजेपी और जदयू को एक समान सीटें मिली हैं।
अगर आप आंकड़ों को गौर से देखें तो बिहार चुनाव में नीतीश की पार्टी 'बड़े भाई' के किरदार से धीरे-धीरे दूर होती जा रही है। साल 2005 से लेकर अब तक बिहार चुनाव में जदयू की सीटें घटी हैं।
आपको बता दें कि 30 सालों के इतिहास में ये पहली बार हो रहा है जब नीतीश कुमार की पार्टी इतने कम सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसपर नीतीश कुमार का अभी तक कोई रिएक्शन नहीं आया है।
ये हैं आंकड़ें
2005 का विधानसभा चुनाव
- जदयूः 139 सीटें
- बीजेपीः 102
2010 का विधानसभा चुनाव
- जदयूः 142
- बीजेपीः 102
2020 का विधानसभा चुनाव
- जदयूः 115
- बीजेपीः 110
2025 का विधानसभा चुनाव
- जदयूः 101
- बीजेपीः 101
नीतीश कुमार के यू-टर्न ने बदली सियासत?
दल बदलने के लिए नीतीश कुमार देशभर में फेमस हैं। 2015 में जब नीतीश कुमार ने दल बदला था तो उन्होंने तर्क दिया था कि जनता उन्हें इसलिए वोट करती है, क्योंकि नीतीश कुमार अब भी बिहार की स्टीयरिंग अपने हाथ में रखते हैं। इस तर्क का इस्तेमाल जदयू ने हर चुनाव में किया, लेकिन इस बार मामला बदल गया है।
NDA की सीट शेयरिंग से ये साफ पता लगता है कि बिहार में अब नीतीश की पार्टी और बीजेपी एक बराबर खड़ी है। ऐसे में कई लोगों को कन्फ्यूजन है कि इस बार बिहार की स्टीयरिंग किसके हाथ में है? कई लोगों ने सीट बंटवारे में बीजेपी और जदयू के एक समान सीटों पर ये भी राय रखी है कि इस बार नीतीश नहीं, बल्कि पीएम मोदी का चेहरा ही बिहार फतह की चाबी बनेगा।
NDA की सीट शेयरिंग के बाद विपक्ष की ओर से भी कई बयान सामने आए हैं। सांसद पप्पू यादव ने कहा, "नीतीश कुमार खत्म हो गए हैं। सभी दलों को मिलाकर बीजेपी 142 सीट पर लड़ रही है। 101 पर नीतीश कुमार। चुनाव के बाद नीतीश कुमार को इधर आना पड़ेगा। अब उधर उनका कुछ नहीं होगा।
सबसे बड़ा बदलाव तो उस वक्त देखा गया था, जब बिहार चुनाव में मुख्यमंत्री को बड़ा फायदा पहुंचाने वाली योजना यानी 75 लाख महिलाओं के खाते में दस हजार रुपये भेजने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंच पर आए थे। तब से ही ये कयास लगाए जाने लगे कि नीतीश कुमार का कद बिहार में घटने लगा है और इस बार का विधानसभा चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ा जाएगा। हालांकि, बीजेपी और NDA के नेता इस बात पर हमेशा जोर देते हैं कि बिहार में नीतीश कुमार ही सीएम फेस हैं। लेकिन, एक सच ये भी है कि बिहार चुनाव में सीएम फेस की वास्तविकता तो चुनाव के बाद ही साफ हो पाएगी।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 12 October 2025 at 23:22 IST