अपडेटेड 26 October 2025 at 16:02 IST
अपने MLC से एक कदम आगे निकले तेजस्वी यादव, बोले- सरकार बनी तो कूड़ेदान में फेंक दूंगा वक्फ बिल; सुलग गई बिहार की सियासत
तेजस्वी ने कहा, "मैं वादा करता हूं कि वे जो वक्फ कानून लाए हैं, एक बार जब हम सत्ता में आएंगे तो मैं इसे कूड़ेदान में फेंक दूंगा।"
महागठबंधन के बिहार में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को कहा कि अगर वह सत्ता में आते हैं तो वक्फ कानून को कूड़ेदान में फेंक देंगे।
कटिहार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए, तेजस्वी ने कहा, “जब लालू यादव और राबड़ी देवी की सरकार थी, तब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने बिहार आने और भाइयों के बीच अराजकता पैदा करने की हिम्मत नहीं की। हमने कभी घुटने नहीं टेके। लालू यादव ने हमेशा भारतीय जनता पार्टी (BJP) से लड़ाई लड़ी है, और हम भी ऐसा ही कर रहे हैं। अगर बीजेपी किसी से डरती है, तो वह लालू यादव हैं।'' उन्होंने कहा, "मैं वादा करता हूं कि वे जो वक्फ कानून लाए हैं, एक बार जब हम सत्ता में आएंगे तो मैं इसे कूड़ेदान में फेंक दूंगा।"
कारी सुहैब ने भी कही थी ये बात
हाल ही में, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें राजद नेता कारी सुहैब खगड़िया में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए दिखाई दिए थे। उन्होंने कहा, "मैं समाज के सभी वर्गों से अपील करता हूं, सब कुछ भूल जाओ, किसी के प्रभाव में मत आओ... जिन लोगों ने वक्फ कानून पास किया है, उन्हें इलाज की जरूरत है," । उन्होंने कहा,"बिहार और हमारे देश को बचाने के लिए, NDA को हराएं, और महागठबंधन सरकार को वोट दें। एक बार जब तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बन जाएंगे, तो ऐसे सभी बिल फाड़ दिए जाएंगे और फेंक दिए जाएंगे, चाहे वह वक्फ बिल हो या कोई अन्य बिल," ।
सुहैब ने कहा था, "राजद को वोट दें और तेजस्वी भाई को बिहार का मुख्यमंत्री बनाएं। वह हमारे विरोधियों को उचित इलाज देंगे। वक्फ जैसे बिल लाने वालों का सही इलाज होगा और इन बिलों को खत्म कर दिया जाएगा।"
बीजेपी का रिएक्शन
इस मामले पर बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने कहा, “आज भी, लोग जानते हैं कि वक्फ बिल पहले ही संसद में पारित हो चुका है। इसके खिलाफ बोलने वाले केवल जनता को उकसाने की कोशिश कर रहे हैं। आपराधिक तत्व उनके साथ जुड़े हुए हैं, और वे शुद्ध वोट-बैंक की राजनीति में लिप्त हैं। यह बिल सभी राजनीतिक दलों के सहयोग से पारित किया गया था, इसलिए इसका विरोध करने वाले लोगों को गुमराह कर रहे हैं।"
हालिया सुप्रीम कोर्ट की रोक
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के कुछ प्रावधानों पर रोक लगा दी थी। भारत के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति ए जी मसीह की एक पीठ ने कानून के कई खंडों पर रोक लगाने का आदेश दिया। उनमें धारा 3(1)(r) भी शामिल है, जिसमें यह अनिवार्य है कि वक्फ बनाने के लिए किसी व्यक्ति का पांच साल तक इस्लाम को मानने वाला होना आवश्यक है। न्यायालय ने निर्देश दिया कि यह प्रावधान तब तक स्थगित रहेगा जब तक कि राज्य सरकारें शर्त के अनुपालन को निर्धारित करने के लिए नियम नहीं बनातीं।
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम की उस धारा पर भी रोक लगा दी, जिसमें कहा गया था कि वक्फ संपत्ति को तब तक ऐसा नहीं माना जाएगा जब तक कि सरकार द्वारा नामित अधिकारी इस पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करता कि भूमि पर अतिक्रमण किया गया था या नहीं।
कोर्ट ने धारा 3C(3) पर भी रोक लगा दी, जिसमें प्रावधान था कि “यदि नामित अधिकारी संपत्ति को सरकारी संपत्ति निर्धारित करता है, तो वह राजस्व रिकॉर्ड में आवश्यक सुधार करेगा और इस संबंध में राज्य सरकार को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा”।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों के नामांकन की अनुमति देने वाले प्रावधान पर रोक नहीं लगाई। कोर्ट ने टिप्पणी की कि, जहां तक संभव हो, बोर्डों के पदेन सदस्य मुस्लिम होने चाहिए। कोर्ट ने आगे कहा कि केंद्रीय वक्फ परिषद में चार से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होने चाहिए, जबकि राज्य वक्फ बोर्डों में तीन से अधिक नहीं होने चाहिए।
पंचायत प्रतिनिधियों के लिए ऐलान
इससे पहले दिन में, तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर इंडिया गठबंधन राज्य में सत्ता में आता है, तो बिहार की पंचायती राज व्यवस्था के प्रतिनिधियों के भत्ते दोगुने कर दिए जाएंगे। उन्होंने उनके लिए ₹50 लाख का बीमा कवर और पेंशन की भी घोषणा की।
पंचायती राज व्यवस्था में शासन के तीन स्तर होते हैं – जिला परिषद, पंचायत समिति, और ग्राम पंचायत। अध्यक्षों को 'मुखिया' (ग्राम पंचायत), 'प्रमुख' (पंचायत समिति), और 'अध्यक्ष' (जिला परिषद) के रूप में जाना जाता है। तेजस्वी ने मीडिया से कहा, "अगर इंडिया गठबंधन सत्ता में आता है, तो हम राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के वितरकों की प्रति क्विंटल मार्जिन राशि में भी काफी वृद्धि करेंगे।"
उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा, हम राज्य में नाई, मिट्टी के बर्तन के व्यवसाय में लगे लोगों और बढ़ई को ₹5 लाख का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करेंगे।” बिहार के लिए विकास और नौकरियों का वादा करते हुए, तेजस्वी ने कहा कि वह भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के युग को समाप्त करेंगे।
मालूम हो कि 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा के लिए दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को चुनाव होंगे, जिसके नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
Published By : Subodh Gargya
पब्लिश्ड 26 October 2025 at 16:02 IST