अपडेटेड 9 February 2025 at 22:51 IST
क्या होता है जमानत जब्त? दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 67 नेताओं समेत 80 प्रतिशत उम्मीदवारों की नहीं बची जमानत
दिल्ली चुनाव में 70 में कांग्रेस के केवल 3 उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में कामयाब रहे। चुनाव लड़ने वाले हर 10 में से 8 उम्मीदवारों की जमानत जब्त।
Delhi Assembly Elections: दिल्ली विधानसभा चुनाव में BJP ने 70 में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि AAP को 22 सीट मिली और कांग्रेस फिर से खाता भी नहीं खोल पाई। BJP ने करीब 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की। लेकिन इस चुनाव नतीजे में एक हैरान कर देने वाला आंकड़ा भी सामने आया है। दिल्ली चुनाव में 80 प्रतिशत उम्मीदवार अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए और इसमें कांग्रेस के 67 नेता शामिल हैं।
दिल्ली विधानसभा की सिर्फ 3 सीट छोड़कर सभी 67 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है। कुल मिलाकर दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने वाले 80 प्रतिशत उम्मीदवारों (निर्दलीय समेत) की जमानत जब्त हुई है। आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दल जनता दल (यूनाइटेड) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सभी उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में कामयाब रहे।
कांग्रेस की इन प्रत्याशियों ने बचाई लाज
इस बार दिल्ली चुनाव में कुल 699 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें से 555 (79.39 प्रतिशत) प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है। कांग्रेस के लिए यह बहुत ही परेशान करने वाली स्थिति है कि वह न केवल लगातार तीसरी बार एक भी सीट नहीं जीत पाई बल्कि उसके 67 उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई। दिल्ली की सत्ता में लगातार 3 बार 2013 तक शासन करने वाली कांग्रेस ने सभी 70 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार खड़े किए थे।
कांग्रेस के केवल 3 उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में कामयाब रहे जिसमें कस्तूरबा नगर से अभिषेक दत्त, नांगलोई जाट से रोहित चौधरी और बादली से देवेंद्र यादव शामिल हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने दो सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें ओखला सीट से चुनाव लड़े प्रत्याशी शिफा-उर-रहमान खान अपनी जमानत बचाने में सफल रहे।
जमानत जब्त क्या होता है?
भारत में चुनाव के दौरान, हर उम्मीदवार को नामांकन दाखिल करते समय जमानत राशि (Security Deposit) जमा करनी होती है। यदि कोई उम्मीदवार निर्धारित न्यूनतम मत प्राप्त नहीं करता, तो उसकी यह जमानत राशि जब्त कर ली जाती है। इसे ही 'जमानत जब्त होना' कहते हैं। साफ शब्दों में कहें तो कम वोट पाने वाले उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो जाती है, जिससे यह साबित होता है कि जनता ने उन्हें पूरी तरह नकार दिया है। इससे उम्मीदवार की राजनीतिक साख को नुकसान होता है और पार्टी की लोकप्रियता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
जमानत राशि कितनी होती है?
यह प्रावधान जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (1951) के अनुसार-
- लोकसभा चुनाव: सामान्य उम्मीदवार के लिए 25 हजार रुपये और SC/ST उम्मीदवार के लिए 12 हजार 500 रुपये
- विधानसभा चुनाव: सामान्य उम्मीदवार के लिए 10 हजार रुपये और SC/ST उम्मीदवार के लिए 5 हजार रुपये
कब होती है जमानत जब्त?
भारत के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में, किसी उम्मीदवार को कुल वैध मतों के कम से कम 1/6 (16.67%) वोट प्राप्त करने होते हैं। यदि उम्मीदवार इतनी वोटें हासिल नहीं कर पाता है, तो उसकी जमानत राशि सरकार के पास चली जाती है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 9 February 2025 at 22:51 IST