अपडेटेड 7 February 2025 at 21:40 IST

1952 से 2025 तक और कांग्रेस के स्वर्णिम युग से AAP की ऐतिहासिक जीत तक... जानें दिल्ली विधानसभा चुनाव का इतिहास

Delhi results : AAP ने 2015 और 2020 में भारी जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस का प्रदर्शन लगातार गिरा है। अब सभी को 2025 के चुनाव परिणाम का इंतजार है।

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दिल्ली विधानसभा चुनाव का इतिहास | Image: Republic

दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को खत्म हो रहा है। अगले 5 सालों के लिए दिल्ली में किस पार्टी की सत्ता होगी, ये शनिवार को साफ हो जाएगा। दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है। यह एक केंद्र शासित प्रदेश है, लेकिन इसके पास अपनी विधानसभा और सरकार है। यहां के मुख्यमंत्री के अधिकार सीमित हैं, क्योंकि कानून-व्यवस्था और भूमि पर नियंत्रण केंद्र सरकार के अधीन है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में 3 बड़ी पार्टियां आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) है। दिल्ली की सत्ता में तीनों ही पार्टियां रह चुकी हैं। सबसे पहले सत्ता संभालने वाली कांग्रेस अब अपने अस्तित्व की लड़ाई रही है। विधानसभा की बहाली के बाद सरकार बनाने वाली BJP को 27 साल की सत्ता का इंतजार है और सत्ताधारी AAP लगातार चौथी बार सरकार बनाना चाहती है।

दिल्ली चुनाव का ट्रेंड

  • 1993-1998: BJP का शासन
  • 1998-2013: कांग्रेस का शासन (शिला दीक्षित)
  • 2013-2023: AAP का शासन (अरविंद केजरीवाल)

कांग्रेस का स्वर्णिम युग

दिल्ली में शीला दीक्षित के राज को कांग्रेस का स्वर्णिम युग माना जाता है। शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक लगातार तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। दिल्ली के विकास में उनका विशेष योगदान रहा है। यह कांग्रेस के लिए सबसे स्थिर और सफल दौर माना जाता है।

AAP की ऐतिहासिक जीत

अन्ना हजारे के नेतृत्व वाले 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' आंदोलन के दौरान प्रमुखता से उभरे अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने 2015 में ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। कुल 70 सीटों में से 67 सीटें जीतकर AAP ने रिकॉर्ड बनाया था। इसके बाद दिल्ली में BJP और कांग्रेस लगभग हाशिए पर चली गईं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव का इतिहास

दिल्ली में विधानसभा चुनाव का इतिहास 1952 से शुरू होता है, जब पहली बार दिल्ली में विधानसभा का गठन हुआ था। हालांकि, दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिला और इसके प्रशासन में कई बदलाव हुए।

शुरुआती दौर (1952-1956)

1952 में पहला विधानसभा चुनाव हुआ, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने बहुमत हासिल किया। कांग्रेस की जीत के बाद दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्म प्रकाश बने। इसके बाद 1956 में, राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत दिल्ली की विधानसभा भंग कर दी गई और इसे केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया।

दिल्ली ने राष्ट्रपति शासन का लंबा दौर भी दिखा। 1956 से 1993 तक दिल्ली पर केंद्र सरकार का सीधा नियंत्रण रहा और यहां कोई विधानसभा नहीं थी। इस दौरान, दिल्ली नगर निगम (MCD) और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन दिल्ली के प्रशासन को देखता था।

विधानसभा की बहाली और नए चुनाव

साल 1991 में 69वें संविधान संशोधन के तहत दिल्ली को 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT)' का दर्जा मिला और 1993 में विधानसभा चुनाव फिर से हुए। 1993 के चुनाव में BJP ने जीत हासिल की और मदन लाल खुराना पहले मुख्यमंत्री बने। BJP दिल्ली की सत्ता में आखिरी बार 2 दिसंबर, 1993 से 3 दिसंबर, 1998 तक रही। इस दौरान 3 मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज रहे।

शिला दीक्षित का दौर

विधानसभा की बहाली के बाद 1993 में हुए पहले चुनाव में BJP ने 70 में से 49 सीटें जीती थी। इसके बाद 1998 से शिला दीक्षित का दौर शुरू हुआ। कांग्रेस की 52 सीटों पर जीत हुई और शिला दीक्षित मुख्यमंत्री बनीं। 1998 से 2013 तक शिला दीक्षित 15 साल दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं।

2003 के चुनाव में कांग्रेस को 47 और BJP को मात्र 20 सीटें मिलीं। 2008 में कांग्रेस 43 सीट जीतकर तीसरी बार सत्ता में आई और BJP को 23 सीट मिली।

AAP का उदय और पहली बार सरकार

2013 में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने पहली बार चुनाव में प्रवेश और 28 सीटों पर जीत मिली। इस चुनाव में BJP-31 और कांग्रेस ने 8 सीट जीती। अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई, लेकिन 49 दिन बाद इस्तीफा दे दिया।

AAP की प्रचंड जीत

2015 के चुनाव में AAP ने 70 में से 67 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया। BJP सिर्फ 3 सीटों पर सिमट गई और कांग्रेस 8 से शून्य पर आ आई। अरविंद केजरीवाल दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। इसके बाद 2020 में AAP की लगातार दूसरी बड़ी जीत हुई। AAP ने 62 सीटें जीतीं, BJP को 8 सीटें और कांग्रेस को फिर से 0 सीटें मिलीं। अरविंद केजरीवाल तीसरी बार मुख्यमंत्री बने। अब इंतजार 2025 विधानसभा चुनाव परिणाम का है।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 7 February 2025 at 21:40 IST