अपडेटेड 9 February 2025 at 20:35 IST
Delhi Election Results: दिल्ली में शर्मनाक रिकॉर्ड बनाने के करीब कांग्रेस, याद आया शीला दीक्षित का वो दौर
कांग्रेस के लिए यह चुनाव अस्तित्व की लड़ाई था और कांग्रेस रुझानों में खाता भी नहीं खोल पाई है। 2015 के चुनाव से दिल्ली में कांग्रेस का पतन शुरू हुआ था।
Delhi Election Results: दिल्ली विधानसभा चुनाव मतगणना में निर्णायक बढ़त मिलते ही भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली मुख्यालय पर जश्न की शुरुआत हो गई है। BJP समर्थकों ने ढोल बजाकर डांस किया और पार्टी के झंडे लहराए। BJP के चुनाव चिह्न कमल के ‘कटआउट’ पकड़े हुए समर्थकों ने एक-दूसरे को भगवा रंग भी लगाया। BJP पक्ष में जहां जश्न मनाया जा रहा है तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में मायूसी छा गई है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में 3 बड़ी पार्टियां आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) थी। दिल्ली की सत्ता में तीनों ही पार्टियां रह चुकी हैं। सबसे पहले सत्ता संभालने वाली कांग्रेस के लिए यह चुनाव अस्तित्व की लड़ाई था। विधानसभा की बहाली के बाद सरकार बनाने वाली BJP को 27 साल से सत्ता का इंतजार है और सत्ताधारी AAP लगातार चौथी बार सरकार बनाने के दावे कर रही थी।
शर्मनाक रिकॉर्ड बनाने के करीब कांग्रेस
2013 में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने पहली बार चुनाव लड़ा और 28 सीटों पर जीत मिली। इस चुनाव में BJP-31 और कांग्रेस ने 8 सीट जीती। अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई, लेकिन 49 दिन बाद इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 2015 से दिल्ली में कांग्रेस का पतन शुरू हुआ।
2015 के चुनाव में AAP ने 70 में से 67 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया था। BJP सिर्फ 3 सीटों पर सिमट गई और कांग्रेस 8 से शून्य पर आ आई। अरविंद केजरीवाल दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। इसके बाद 2020 में AAP की लगातार दूसरी बड़ी जीत हुई। AAP ने 62 सीटें जीतीं, BJP को 8 सीटें और कांग्रेस को फिर से 0 सीटें मिलीं। अरविंद केजरीवाल तीसरी बार मुख्यमंत्री बने।
- 2015 - कांग्रेस 00
- 2020 - कांग्रेस 00
- 2025 - कांग्रेस 00
कांग्रेस का स्वर्णिम युग
दिल्ली में शीला दीक्षित के राज को कांग्रेस का स्वर्णिम युग माना जाता है। शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक लगातार तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। दिल्ली के विकास में उनका विशेष योगदान रहा है। यह कांग्रेस के लिए सबसे स्थिर और सफल दौर माना जाता है।
शीला दीक्षित का दौर
1952 में पहला विधानसभा चुनाव हुआ, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने बहुमत हासिल किया। कांग्रेस की जीत के बाद दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्म प्रकाश बने। इसके बाद 1956 में, राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत दिल्ली की विधानसभा भंग कर दी गई और इसे केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया। 1956 से 1993 तक दिल्ली में राष्ट्रपति शासन रहा।
विधानसभा की बहाली के बाद 1993 में हुए पहले चुनाव में BJP ने 70 में से 49 सीटें जीती थी। इसके बाद 1998 से शिला दीक्षित का दौर शुरू हुआ। कांग्रेस की 52 सीटों पर जीत हुई और शीला दीक्षित मुख्यमंत्री बनीं। 1998 से 2013 तक शीला दीक्षित 15 साल दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। 2003 के चुनाव में कांग्रेस को 47 और BJP को मात्र 20 सीटें मिलीं। 2008 में कांग्रेस 43 सीट जीतकर तीसरी बार सत्ता में आई और BJP को 23 सीट मिली।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 8 February 2025 at 13:42 IST