अपडेटेड 8 July 2025 at 00:03 IST
Bihar Election: बिहार में वोटर लिस्ट पर क्यों बरपा सियासी हंगामा? किन वोटरों पर संकट, किन दस्तावेजों से होगा वेरिफिकेशन; जानिए सबकुछ
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले भारी हंगामा जारी है। दरअसल, यह हंगामा वोटर लिस्ट को लेकर चुनाव आयोग की तरफ से साझा जानकारी के बाद विपक्ष ने शुरू किया है।
विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में वोटर लिस्ट को लेकर हंगामा मचा हुआ है। चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट को अपडेट करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है। EC के इस अभियान के तहत 2 करोड़ 93 लाख वोटरों को अपनी जानकारी वेरिफाई करनी होगी। इसके लिए वोटरों को कुछ डॉक्यूमेंट्स जमा करने होंगे। इसमें जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, शैक्षिक प्रमाण पत्र जैसे डॉक्यूमेंट्स शामिल है।
EC के इस फैसले के बाद से विपक्षी दलों ने बिहार में हंगामा शुरू कर दिया है। विपक्ष लगातार चुनाव आयोग के इस फैसले का विरोध कर रहा है। विपक्ष ने EC पर आरोप लगाया है कि यह फैसला गरीबों और वंचित वर्गों के मतदान के अधिकार को छीनने के लिए किया गया है। वहीं विपक्ष ने आयोग के इस फैसले में भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की साजिश का आरोप लगाया है।
विपक्ष के आरोपों को EC ने किया खारिज
वहीं विपक्ष के इन आरोपों पर चुनाव आयोग का बयान भी सामने आया है। EC ने कहा है कि यह फैसला वोटर लिस्ट को पारदर्शी बनाने के लिए लिया गया है। बता दें, आयोग ने एक बात साफ कर दिया है कि जिन लोगों का नाम 2003 की वोटर लिस्ट में है, उन्हें किसी भी तरह के दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं है। वहीं जिनका नाम 2003 की लिस्ट में नहीं है, उन्हें भी सहूलियत मिलेगी। दरअसल, जिन लोगों का जन्म 1987 के बाद हुआ है और उनके माता-पिता का नाम 2003 की लिस्ट में है, उन्हें कोई भी डॉक्यूमेंट नहीं दिखाना होगा। बस उन्हें जानकारी साझा करनी होगी।
इन दस्तावेजों की होगी जरूरत
आयोग की तरफ से साझा जानकारी में कई दस्तावेजों के बारे में बताया गया है। वेरिफिकेशन के लिए आपके जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय से प्राप्त शैक्षिक प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र जैसे डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ेगी। वोटरों को अपने या अपने माता-पिता के इन डॉक्यूमेंट्स के साथ फॉर्म जमा करना होगा।
30 सितंबर 2025 तक नई वोटर लिस्ट होगी तैयार
बिहार में 7 करोड़ 90 लाख के करीब वोटर्स हैं। आयोग के आदेश के बाद करीब 2 लाख 93 करोड़ वोटरों को अपनी जानकारी वेरिफाई करानी होगी। वोरिफिकेशन के बाद ही वोटर लिस्ट में इन दो लाख 93 करोड़ वोटरों का नाम जुड़ सकेगा। इसका मतलब है कि जब तक वेरिफिकेशन नहीं होता है, करीब 37% मतदाता तब तक अपना वोट नहीं डाल सकेंगे। हालांकि, आयोग का कहना है कि इस प्रक्रिया को लागू करने के लिए 28 जून से फॉर्म बांटने शुरू हो चुके हैं और 30 सितंबर 2025 तक नई वोटर लिस्ट तैयार होगी।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 7 July 2025 at 23:52 IST