अपडेटेड 14 July 2025 at 16:18 IST

Bihar: एक गलती महागठबंधन को पड़ेगी भारी? राहुल-तेजस्वी की गाड़ी पर 'नो एंट्री' से गरमाई सियासत, पप्पू यादव को लेकर अटकलें तेज

एक तरफ बिहार चुनाव से पहले वोटर लिस्ट को लेकर बवाल मचा हुआ है, वहीं पप्पू यादव खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं। बिहार बंद के दिन जो हुआ, उसके बाद से पप्पू यादव के जन सुराज में जाने को लेकर अटकलें लगने लगी।

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बिहार में पप्पू यादव को लेकर अटकलें तेज। | Image: sansad tv

बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर इन दिनों भारी हंगामा शुरु है। विपक्ष ने बीते 9 जुलाई को बिहार बंद का ऐलान किया, जिसका कुछ-कुछ जिलों में असर भी देखने को मिला। वहीं विपक्षी एकता मंच पर कुछ ऐसा हुआ जो चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, महागठबंधन अपना विरोध दिखाने के लिए एक मंच पर साथ आया। हालांकि, तेजस्वी और राहुल गांधी की मौजूदगी में जब कांग्रेस नेता पप्पू यादव और कन्हैया कुमार ने मंच पर चढ़ने की कोशिश की तो उन्हें रोक दिया गया। अब इसे लेकर एक पत्रकार ने कुछ ऐसा ट्वीट कर दिया है, जिसके बाद इस बात को लेकर अटकलें तेज हो गई कि कहीं पप्पू यादव पार्टी छोड़ तो नहीं रहे।

दरअसल, वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने 9 जुलाई की घटना के बाद पप्पू यादव को लेकर लिखा, "पप्पू यादव छोड़ सकते हैं कांग्रेस! आज प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में हो सकते हैं शामिल! कल राहुल-तेजस्वी के साथ मंच पर नहीं बुलाए जाने से हैं आहत!" इसके बाद से पप्पू यादव को लेकर अटकलें तेज हो गई। हालांकि, इसपर कांग्रेस नेता की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई। कांग्रेस नेता का कहना है कि वह कांग्रेस को छोड़कर कहीं नहीं जा रहे।

विपक्षी एकता दिखाना चाहता था महागठबंधन

मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ विपक्ष ने एक साथ मंच पर आकर विरोध किया। इस विरोध के जरिए महागठबंधन अपनी एकता दिखाना चाहता था। हालांकि, अब जो तस्वीरें आई, वह कुछ और ही बयां करती नजर आ रही है। विरोध के दौरान कन्हैया कुमार और पप्पू यादव को मंच पर चढ़ने से मना कर दिया गया। जो तस्वीरें और वीडियो सामने आया है, उसमें दोनों कांग्रेस नेताओं को मंच पर जाने से रोका जा रहा है। इतना ही नहीं, पप्पू यादव को तो धक्का भी दिया गया।

तेजस्वी का रवैया गठबंधन को कमजोर करेगा: पप्पू यादव

दरअसल, पप्पू यादव 2015 में राजद का साथ छोड़ दिया। इसके बाद 2024 में उन्होंने पूर्णिया सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा। उन्होंने राजद नेता बीमा भारत को हराया। ऐसे में जब आज पप्पू यादव को मंच पर चढ़ने नहीं दिया गया, तो उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव का यह रवैया गठबंधन को कमजोर करेगा। मैं जनता के लिए लड़ता हूं, मंच की जरूरत नहीं। तेजस्वी यादवों के साथ अन्याय कैसे बर्दाश्त करते हैं? कांग्रेस और हमारे नेताओं से इतनी नफरत क्यों?

महागठबंधन की एकता पर उठ सकता है सवाल

वहीं अगर कन्हैया कुमार की बात करें तो, वह हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए। उन्होंने राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा में भी हिस्सा लिया था। वहीं पार्टी में शामिल होने के बाद कांग्रेस पार्टी ने बिहार में पलायन रोको नौकरी दो रैली की कमान कन्हैया कुमार को दी थी। कन्हैया कुमार की इस रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी शामिल हुए। हालांकि, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की मुलाकात के बाद से पार्टी में कन्हैया कुमार की सक्रियता कम देखने को मिली। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के नेताओं का इग्नोर होना महागठबंधन के लिए एक प्रश्नचिन्ह खड़े कर सकता है।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 10 July 2025 at 23:27 IST