अपडेटेड 10 July 2025 at 18:14 IST
Bihar: वोटर वेरिफिकेशन को हरी झंडी लेकिन सुप्रीम कोर्ट का आयोग को सुझाव- आधार और वोटर आईडी को भी मानें प्रूफ, सुनवाई में क्या-क्या हुआ?
Bihar: बिहार चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने बिहार वोटर सर्वे को लेकर स्टे लगाने से मना कर दिया है। वहीं EC को सुझाव भी दिया है।
- चुनाव न्यूज़
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बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची को लेकर बवाल मचा हुआ है। SIR को लेकर विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस बीच SC ने स्पेशल इंटेंशिव रिवीजन पर रोक लगाने से मना कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने इस प्रक्रिया के चुनाव से कुछ महीने पहले होने को लेकर सवाल जरूर उठाया है। SC के जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने इस मामले में फैसला सुनाया है। वहीं उन्होंने इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ECI) से कहा है कि वेरिफिकेश के लिए आधार, वोटर कार्ड
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एक महत्वपूर्ण सुनवाई में, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से यह स्पष्ट करने पर विचार करने को कहा कि क्या प्रक्रिया के दौरान आधार, ईपीआईसी (मतदाता पहचान पत्र) और राशन कार्ड को वैध दस्तावेजों के रूप में स्वीकार किया जा सकता है।
28 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
जस्टिस सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची के बेंच ने साफ किया कि सर्वेक्षण की संवैधानिक प्रक्रिया को इस स्तर पर रोका नहीं जा सकता और अगली सुनवाई 28 जुलाई के लिए निर्धारित की। बता दें, 1 अगस्त को डॉफ्ट रोल पब्लिश करने की डेडलाइन है। ऐसे में कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि अगली सुनवाई तक ड्राफ्ट को पब्लिश नहीं किया जाएगा।
कानूनी प्रक्रिया के तहत हो कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से यह स्पष्ट करने पर विचार करने को कहा कि क्या प्रक्रिया के दौरान आधार, ईपीआईसी (मतदाता पहचान पत्र) और राशन कार्ड को वैध दस्तावेजों के रूप में स्वीकार किया जा सकता है। हालांकि, चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया कि इससे नामांकन के दौरान कई गलतियां और अवैधताएं हो रही है। इसपर कोर्ट ने कहा है कि हम आपको रोक नहीं रहे, केवल कानूनी नियम के तहत काम करने की गुजारिश कर रहे।
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Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 10 July 2025 at 18:14 IST