अपडेटेड 5 December 2025 at 20:20 IST
ये खबर पढ़ हिल जाएगा चीन और पाकिस्तान, पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट SU-57 का खरीदार नहीं, निर्माता बनेगा भारत
India-Russia Defence Deal : रूस ने भारत को पांचवीं पीढ़ी के Su-57 लड़ाकू विमानों के उत्पादन की बड़ी पेशकश की है। भारत में रूसी UAV उत्पादन को लेकर भी विचार चल रहा है, जिसमें लैंसेट ड्रोन भी शामिल हैं।
India-Russia Defence Deal : रूस और भारत के बीच रक्षा सहयोग में बहुत बड़ी डील होने जा रही है। रूसी सरकारी रक्षा कंपनी रोस्टेक के CEO सर्गेई चेमेजोव (Sergey Chemezov) ने घोषणा की है कि रूस ने भारत को पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट SU-57 की स्थानीय उत्पादन की पेशकश की है। इसके अलावा भारत में रूसी UAV जिसमें लैंसेट ड्रोन भी शामिल हैं, उनके स्थानीय उत्पादन पर भी विचार किया जा रहा है।
भारत और रूस लंबे समय से रक्षा क्षेत्र में साझेदार हैं। रूस की यह पेशकश दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी को मजबूत करने का संकेत है। रोस्टेक के अनुसार, SU-57 जेट की शुरुआती आपूर्ति रूस से की जाएगी, उसके बाद चरणबद्ध तरीके से भारत में उत्पादन स्थानांतरित किया जाएगा। इसमें इंजन, सेंसर, स्टील्थ सामग्री और भारतीय हथियारों के एकीकरण की लाइसेंसिंग भी शामिल है।
पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ योद्धा
सुखोई Su-57 रूस का सबसे उन्नत मल्टी-रोल स्टील्थ फाइटर है, जो हवाई श्रेष्ठता, जमीनी हमलों और समुद्री लक्ष्यों पर हमले के लिए डिजाइन किया गया है। यह विमान 1999 में शुरू हुए पर्स्पेक्टिव एयरक्राफ्ट सिस्टम फॉर फ्रंटलाइन एविएशन (PAK FA) प्रोग्राम का रिजल्ट है और 2010 में पहली उड़ान भर चुका है। SU-57 अमेरिकी F-22 रैप्टर, F-35 लाइटनिंग II और चीनी J-20 जैसे विमानों का प्रतिद्वंद्वी है।
रडार की पकड़ में आना मुश्किल
सुखोई Su-57 को रडार पर पकड़ना मुश्किल है। इसका डिजाइन रडार क्रॉस-सेक्शन (RCS) को कम करने के लिए बनाया गया है, जो लगभग 0.1 से 1 वर्ग मीटर तक है। ये SU-27 की तुलना में 10-15 गुना कम है। RCS बताता है कि कोई चीज रडार पर कितनी आसानी से पहचानी जा सकती है। अधिक RCS का मतलब है कि रडार पर आसानी से पहचान होना और कम RCS मतलब 'स्टील्थ' (छिपा हुआ) होना।
इसमें सर्पेंटाइन एयर इंटेक, रडार-अवशोषित सामग्री (Radiation-absorbent material) और आंतरिक हथियार भंडारण बे हैं, जो इसे दुश्मन रडार से छिपाने में मदद करते हैं। विमान का फ्रंटल हिस्सा विशेष रूप से स्टील्थ के लिए बनाया गया है।
इसमें NPO Saturn AL-41F1 थ्रस्ट-वेक्टरिंग टर्बोफैन इंजन लगे होते हैं। अधिकतम गति मच 2+ (लगभग 2,600 किमी/घंटा) है। इसकी लंबाई 20.1 मीटर, विंगस्पैन 14.1 मीटर, अधिकतम टेकऑफ वजन 35,000 किलोग्राम। रेंज 3,500 किमी (फेरी रेंज) है। यह 9जी बल सहन कर सकता है और सुपरमैन्यूवरेबिलिटी प्रदान करता है।
इसमें N036 बेल्का एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे रडार लगी है, जो 60 लक्ष्यों को ट्रैक और 16 पर एक साथ हमला कर सकता है। इसमें हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले (एचएमडी) भी है, जो पायलट को 360-डिग्री देखने में मदद करता है।
यह सौदा भारत की स्वदेशी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) परियोजना को मजबूत करेगा, जहां SU-57 से स्टील्थ कोटिंग्स, कंपोजिट एयरफ्रेम और थ्रस्ट-वेक्टरिंग तकनीक हस्तांतरित होगी।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 5 December 2025 at 19:57 IST