अपडेटेड 13 May 2025 at 18:04 IST
एक साथ 100 टार्गेट को भेदने में सक्षम... जानिए पाकिस्तान को धूल चटाने वाले S-400 से कितना अपग्रेडेड है S-500 मिसाइल सिस्टम
S-500 एयर डिफेंस सिस्टम S-400 की तुलना में कहीं अधिक शक्तिशाली मानी जाती है और इसकी मारक क्षमता, प्रतिक्रिया समय, और बहु-स्तरीय सुरक्षा विशेषताएं इसे दुनिया की सबसे अपडेटेड डिफेंस सिस्टम में शामिल करती हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे हालिया तनाव के दौरान भारत की एयर डिफेंस प्रणाली ने अपनी प्रभावशीलता का जबरदस्त प्रदर्शन किया है। पाकिस्तान की ओर से भेजे गए ड्रोन और मिसाइलों को भारतीय रक्षा प्रणाली ने हवा में ही इंटरसेप्ट करके नष्ट कर दिया। पाकिस्तान की लाख कोशिशों के बावजूद वह भारत की रक्षा प्रणाली को भेदने में नाकाम रहा। इस सफलता के पीछे रूस से मिले S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस प्रणाली ने तुर्की और चीन द्वारा पाकिस्तान को दिए गए ड्रोन को लक्ष्य बनाकर हवा में ही तबाह कर दिया। S-400 की इस सफलता ने रूस को भी प्रभावित किया है। अब रूस ने भारत को इससे भी अपडेटेड और मॉर्डेनाइज्ड एयर डिफेंस सिस्टम S-500 के लिए ज्वाइंट प्रोडक्शन (संयुक्त निर्माण) का प्रस्ताव दिया है।
S-500 एयर डिफेंस सिस्टम S-400 की तुलना में कहीं अधिक शक्तिशाली मानी जाती है और इसकी मारक क्षमता, प्रतिक्रिया समय, और बहु-स्तरीय सुरक्षा विशेषताएं इसे दुनिया की सबसे अपडेटेड डिफेंस सिस्टम में शामिल करती हैं। आइए अब समझते हैं कि S-500 आखिर कितना ज्यादा ताकतवर है और यह भारत की सुरक्षा को कैसे नई ऊंचाई पर ले जा सकता है। रूस ने भारत को S-500 एयर डिफेंस सिस्टम के संयुक्त निर्माण का प्रस्ताव दिया है। यह प्रणाली भारत की रक्षा क्षमताओं में ऐतिहासिक छलांग साबित हो सकती है।
S-400 बनाम S-500: कौन ज्यादा ताकतवर?
भारत पहले से ही S-400 एयर डिफेंस सिस्टम से लैस है, लेकिन S-500 उससे कहीं ज्यादा अपडेटेड और मल्टीलेयर सिस्टम है। S-500 को स्पेस-डिफेंस कैपेबल माना जाता है यानी यह न केवल वायुमंडल के भीतर बल्कि अंतरिक्ष में भी दुश्मन के खतरों का मुकाबला कर सकता है।
S-500 की विशेषताएं
- मल्टी लेयर्ड, मल्टी टारगेट सिस्टम: एक साथ कई दिशाओं और ऊंचाइयों से आ रहे लक्ष्यों को ट्रैक और नष्ट करने की क्षमता।
- क्रूज़ मिसाइल, फाइटर जेट, हाइपरसोनिक मिसाइल और स्पाई सैटेलाइट तक को निशाना बना सकता है।
- 200 किमी की इंटरसेप्ट रेंज, लेकिन कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक इसकी कुल रेंज 600 किमी तक हो सकती है।
- एक साथ 10 लक्ष्यों को मैक-20 की गति तक इंटरसेप्ट करने की क्षमता यानी यह दुनिया का पहला ऐसा एयर डिफेंस सिस्टम बन जाता है।
भारत के लिए रणनीतिक लाभ
अगर भारत रूस के साथ मिलकर S-500 का निर्माण करता है, तो यह न केवल आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम होगा, बल्कि भारत को अमेरिका, चीन जैसे ताकतवर देशों के समकक्ष खड़ा कर देगा। भारत की स्पेस आधारित थ्रेट्स को न्यूट्रलाइज़ करने की क्षमता इससे कई गुना बढ़ जाएगी खासकर LEO (Low Earth Orbit) में मौजूद दुश्मन के सैटेलाइट्स को समय रहते मार गिराना संभव हो पाएगा। भारत के लिए S-500 न सिर्फ एक रक्षा प्रणाली होगी, बल्कि यह रणनीतिक और तकनीकी प्रभुत्व का भी प्रतीक बन सकता है। रूस के इस प्रस्ताव पर भारत की अगली प्रतिक्रिया आने वाले दिनों में बेहद अहम होगी। रूस का S-500 एयर डिफेंस सिस्टम, उसके S-400 वर्जन से कहीं ज्यादा अपडेटेड है और यह एक मॉर्डन डफेंस सिस्टम माना जाता है। एस-400 को खासतौर पर फाइटर जेट्स, ड्रोन, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों को निशाना बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके मुकाबले, S-500 हाइपरसोनिक मिसाइलों को भी इंटरसेप्ट कर उन्हें मार गिराने की क्षमता रखता है, जो इसे और भी ज्यादा प्रभावी बनाती है।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 13 May 2025 at 18:04 IST