अपडेटेड 25 November 2025 at 23:47 IST
पाकिस्तान को धुआं-धुआं करने वाली ब्रह्मोस के लिए लाइन में दुनिया, जल्द मित्र देशों को सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल सौंपेगा भारत, 450 मिलियन में सौदा
आवाज की गति से भी तेज ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भारत के लिए शान है। यह मिसाइल जमीन से लेकर हवा और समुद्र से भी लॉन्च की जा सकती है। इस मिसाइल को लेकर भारत बहुत जल्द ही मित्र देशों के साथ 450 मिलियन की डील फाइनल करने जा रहा है।
Brahmos Missile: भारत अपने मित्र देशों के साथ बहुत जल्द 450 मिलियन डॉलर का रक्षा समझौता को अंतिम रूप देने वाला है। इस डिफेंस डील के तहत भारत अपने मित्र देशों को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल देने वाला है। ब्रह्मोस वही सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जिसका इस्तेमाल ऑपरेशन सिंदूर में किया गया था। ब्रह्मोस मिसाइल हमले के बाद पाकिस्तान इतना डर गया था कि वह युद्ध विराम की मांग करने लगा। भारत का यह रक्षा सौदा अब अंतिम चरण में है और बहुत जल्द इसके ऊपर मुहर लगने वाली है।
450 मिलियन की डील
डिफेंस सूत्रों ने ANI को बताया, "करीब 450 मिलियन की डील्स जल्द ही साइन होने की उम्मीद है और ये फाइनल स्टेज पर हैं। इस डील्स के बाद और भी डील्स होने की उम्मीद है, क्योंकि दुनिया भर के कई दूसरे देशों में ब्रह्मोस में काफी दिलचस्पी है।" भारतीय रक्षा मंत्रालय ने भी भारतीय नौसेना के युद्धपोतों के लिए बड़ी संख्या में ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीद के लिए एक बड़े आदेश को मंजूरी दे दी है।
दुबई एयर शो में दिखाया गया
इस मिसाइल को हाल ही में दुबई एयर शो में प्रदर्शित किया गया था, जहां कई देशों ने इसमें भारी रुचि दिखाई थी। इन सौदों के बाद कई और रक्षा सौदे होने की उम्मीद है, क्योंकि दुनिया के कई देशों ने भारत की मिसाइल में रुचि दिखाई है।
ऑपरेशन सिंदूर में किया गया था इस्तेमाल
गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ इसी मिसाइल का इस्तेमाल किया गया था, जिसके बाद पाकिस्तान की हालत एकदम खराब हो गई थी और वो रोते-रोते युद्ध विराम की भीख मांगने लगा था। ब्रह्मोस मिसाइलों के हमलों से पाकिस्तानी एयर बेस को बहुत नुकसान हुआ था। भारत के हमले से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी हेडक्वार्टर भी तबाह हो गए थे।
ब्रह्मोस क्यों खास है?
ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। यह एक ऐसी मिसाइल है, जिसे जमीन से लेकर हवा और समुद्र से भी लॉन्च किया जा सकता है। इसका निशान भी एकदम सटीक होता है और इसका प्रमाण ऑपरेशन सिंदूर में भी देखा गया था।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 25 November 2025 at 23:47 IST