अपडेटेड 27 October 2025 at 21:46 IST
दुश्मनों के उड़ेंगे होश, भारतीय वायुसेना और इजरायली कंपनी के बीच होगा बड़ा सौदा, फाइटर जेट को लेकर 8000 करोड़ की हो सकती है ये डील!
India and Israel Defence Deal News: भारतीय वायु सेना छह रूसी मूल के IL-78 मध्य-हवा में ईंधन भरने वाले विमानों के बेड़े का संचालन कर रही है, जो आगरा में स्थित हैं और भारतीय वायु सेना और नौसेना के सभी प्रकार के लड़ाकू विमान संचालन को सहायता प्रदान करते हैं। भारतीय वायु सेना ने पिछले 15 वर्षों में छह और उड़ान ईंधन भरने वाले विमान खरीदने के लिए कई प्रयास किए हैं।
India and Israel Defence Deal News: पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर में अपने अदम्य साहस का परिचय दिया था। देश की वायुसेना के जवानों ने अपने फाइटर जेटों से दुश्मन के छक्के छुड़ा दिए थे। अब भारतीय वायु सेना अपनी ताकत और खासकर के आसमान में विमानों के टीके रहने की ताकत को और भी मजबूत करने वाली है। इससे देश के दुश्मनों के होश उड़ जाएंगे।
न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, लंबे समय से हवा के बीच में ईंधन भरने वाले नए विमानों को जोड़ने की कोशिश कर रही भारतीय वायुसेना इजरायल सरकार के स्वामित्व वाली एक फर्म से छह हवाई टैंकर विमानों की खरीद के लिए डील कर सकती है।
लगभग 8,000 करोड़ रुपये की डील
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायुसेना इजरायल सरकार के स्वामित्व वाली एक फर्म से छह हवाई टैंकर विमानों की खरीद के लिए डील कर सकती है। बताया गया कि ये डील लगभग 8,000 करोड़ रुपये की हो सकती है, जो एक सिंगल वेंडर के रूप में उभरी है।
रक्षा सूत्रों ने एएनआई को बताया कि यदि इजरायली कंपनी इजरायल एयरक्राफ्ट इंडस्ट्रीज (IAI) को यह अनुबंध मिलता है तो वह छह पुराने और सेकेंड हैंड बोइंग 767 वाणिज्यिक विमानों को संशोधित कर उन्हें टैंकर विमान में बदल देगी और फिर उन्हें भारतीय वायुसेना को आपूर्ति करेगी। उन्होंने बताया कि आईएआई प्रतिस्पर्धी बोली में सिंगल वेंडर के रूप में उभरा है, जहां उसने सौदे में शामिल ऑफसेट के माध्यम से लगभग 30 प्रतिशत भारत में निर्मित सामग्री की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की है।
सूत्रों ने एएनआई को बताया कि कुछ वर्ष पहले शुरू की गई इस प्रतियोगिता में रूसी और यूरोपीय कंपनियों ने भी भाग लिया था, लेकिन आईएआई ही इस दौड़ में बची थी। वहीं, अन्य कंपनियां आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर रही थीं, जिसमें सेकेंड हैंड विमानों में 3-30 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री की आवश्यकता भी शामिल थी।
भारतीय वायु सेना में छह रूसी मूल के IL-78 मध्य-हवा में ईंधन भरने वाले विमान
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायुसेना छह रूसी मूल के IL-78 मध्य-हवा में ईंधन भरने वाले विमानों के बेड़े का संचालन कर रही है, जो आगरा में स्थित हैं और भारतीय वायुसेना और नौसेना के सभी प्रकार के लड़ाकू विमान संचालन को सहायता प्रदान करते हैं। भारतीय वायु सेना ने पिछले 15 वर्षों में छह और उड़ान ईंधन भरने वाले विमान खरीदने के लिए कई प्रयास किए हैं, लेकिन कई कारणों से ऐसा करने में असफल रही है।
इसने हाल ही में एक टैंकर विमान को भी लीज़ पर लिया है, लेकिन अपनी बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए उसे और ज्यादा विमानों की जरूरत होगी। भारतीय वायुसेना अपने पुराने विमानों को चरणबद्ध तरीके से हटाने की प्रक्रिया में है, और इसका नया बेड़ा हवा में ही ईंधन भरकर लंबे समय तक उड़ान भर सकता है।
Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 27 October 2025 at 21:46 IST