अपडेटेड 21 October 2025 at 20:50 IST
PAK के सीने पर लोटेगा सांप, ऑपरेशन सिंदूर में गेम चेंजर बने S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर भारत रूस से कर सकता है 10000 करोड़ का सौदा
S-400 air defence systems: बता दें कि भारत और रूस के बीच घनिष्ठ सैन्य संबंध हैं और भारतीय वायु सेना की मारक क्षमता का एक बड़ा हिस्सा रूसी मूल का है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी दिसंबर में भारत की यात्रा पर आएंगे, जहां दोनों पक्ष अपने सैन्य हार्डवेयर सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा करेंगे।
- डिफेंस न्यूज
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India AND Russia, S-400 air defence systems: पाकिस्तान और आतंकियों के खिलाफ भारत के द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर को दुनिया ने देखा और सूना था। इसमें भारत के द्वारा S-400 air defence systems का इस्तेमाल भी किया गया था।
S-400 से 6-7 पाकिस्तानी लड़ाकू और जासूसी विमानों को मार गिराने के बाद, भारत अपने एस-400 वायु रक्षा प्रणाली के लिए रूस से लगभग 10,000 करोड़ रुपये की बड़ी संख्या में मिसाइलें खरीदने पर विचार कर रहा है। यह डील पाकिस्तान के सीने पर सांप लोटने के लिए काफी है।
23 अक्टूबर को होने वाली है रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक
न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायुसेना की एस-400 वायु रक्षा प्रणाली ने चार दिन के संघर्ष (ऑपरेशन सिंदूर)के दौरान पाकिस्तान के भीतर 300 किलोमीटर से अधिक दूरी पर पांच से छह पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों और एक जासूसी विमान को मार गिराया और इसे भारतीय वायुसेना ने गेम चेंजर करार दिया है।
रक्षा सूत्रों ने एएनआई को बताया, " भारतीय वायु सेना अपनी वायु रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए बड़ी संख्या में मिसाइलें खरीदने पर विचार कर रही है। इस संबंध में रूसी पक्ष के साथ चर्चा पहले से ही चल रही है।" सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्रालय 23 अक्टूबर को होने वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में भारतीय वायु सेना के प्रस्ताव को मंजूरी के लिए उठा सकता है।
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भारत और रूस ने 2018 में एस-400 को लेकर किया था समझौता
रिपोर्ट के अनुसार, भारत और रूस ने 2018 में एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली के पांच स्काडून खरीदने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। भारत अपनी सूची में एस-400 के और अधिक स्क्वाड्रन जोड़ने पर विचार कर रहा है तथा रूस से मिसाइल प्रणालियों के शेष दो स्क्वाड्रन की आपूर्ति करने का अनुरोध कर रहा है, जिनमें से तीन पहले ही शामिल किए जा चुके हैं और उनका संचालन शुरू हो चुका है।
तीन स्क्वाड्रन निर्धारित समय पर वितरित कर दिए गए, लेकिन चौथे स्क्वाड्रन की आपूर्ति से ठीक पहले रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ गया। दोनों पक्षों ने विभिन्न स्तरों पर और अधिक एस-400 और एस-500 वायु रक्षा प्रणालियों को शामिल करने की भारत की योजनाओं पर भी चर्चा की है। भारत अपनी दृश्य सीमा से परे की क्षमता को बढ़ाने के लिए रूस से नई हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें खरीदने के विकल्प पर भी विचार कर रहा है। भारत और रूस ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों और उनके विभिन्न प्रकारों की क्षमताओं को और बढ़ाने पर भी चर्चा की है।
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दिसंबर में भारत आ रहे हैं रूसी प्रेसिडेंट पुतिन
बता दें कि भारत और रूस के बीच घनिष्ठ सैन्य संबंध हैं और भारतीय वायु सेना की मारक क्षमता का एक बड़ा हिस्सा रूसी मूल का है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी दिसंबर में भारत की यात्रा पर आएंगे, जहां दोनों पक्ष अपने सैन्य हार्डवेयर सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा करेंगे।
Published By : Amit Dubey
पब्लिश्ड 21 October 2025 at 20:50 IST