अपडेटेड 14 August 2025 at 20:49 IST
भारत पर 'टैरिफ बम' फोड़ने वाले डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका से ही लगा झटका, 18 साल बाद भारत की बढ़ी क्रेडिट रेटिंग, झुकेगा नहीं आगे बढ़ेगा इंडिया
S&P Global Ratings: वित मंत्रालय ने कहा - भारत सरकार, एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स द्वारा भारत की दीर्घकालिक सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को 'बीबीबी-' से 'बीबीबी' और अल्पकालिक रेटिंग को 'ए-3' से 'ए-2' करके स्थिर दृष्टिकोण के साथ अपग्रेड करने के निर्णय का स्वागत करता है। एसएंडपी ने पिछली बार जनवरी 2007 में भारत की रेटिंग को 'बीबीबी-' किया था, इसलिए यह रेटिंग अपग्रेड 18 साल के अंतराल के बाद आया है।
S&P Global Ratings: देशवासियों के लिए एक खास और बड़ी खबर अमेरिका से आई है। भारत पर 50 फीसदी का टैरिफ लगाकर 'टैरिफ बम' फोड़ने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका से ही झटका लगा है। वहीं, यह खबर भारत के लिए खुशखबरी है। जी हां, अमेरिका की ग्लोबल रेटिंग एजेंसी S&P ग्लोबल ने भारत की लॉन्ग-टर्म क्रेडिट रेटिंग को ‘BBB-’ से बढ़ाकर ‘BBB’ कर दिया है। इसके अलावा इसने देश की अल्पकालिक रेटिंग को ‘A-3’ से बढ़ाकर ‘A-2’ तक बढ़ा दिया है। देश के वित्त मंत्रालय ने इस S&P Global Ratings का स्वागत किया है।
मंत्रालय ने कहा है कि यह अपग्रेड 18 वर्षों बाद हुआ है, S&P ने आखिरी बार जनवरी 2007 में भारत की रेटिंग बढ़ाई थी। वित्त मंत्रालय ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक पोस्ट के माध्यम से कहा कि यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था की स्थिरता, सक्रियता और मजबूती को पुनः प्रमाणित करता है। वहीं, इंडियन इकोनॉमी को लेकर आउटलुक स्टेबल रखा गया है।
S&P Global Ratings: अगले तीन वर्षों में जीडीपी में सालाना 6.8% की वृद्धि होगी
एसएंडपी ग्लोबल ने कहा है कि आर्थिक लचीलेपन (Economic Resilience) और सतत राजकोषीय समेकन (Sustained Fiscal Consolidation) के आधार पर भारत की रेटिंग 'बीबीबी' हुई है। एसएंडपी ग्लोबल ने अपनी इस रेटिंग में भारत के लिए कहा है कि भारत दुनिया की सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है। इसने महामारी से उल्लेखनीय वापसी की है और वित्त वर्ष 2022 (वर्षांत 31 मार्च) से वित्त वर्ष 2024 तक वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर औसतन 8.8% रही, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे अधिक है।
एजेंसी ने कहा - हमें उम्मीद है कि मध्यम अवधि में भी यह वृद्धि जारी रहेगी, और अगले तीन वर्षों में जीडीपी में सालाना 6.8% की वृद्धि होगी। राजकोषीय घाटा अभी भी व्यापक होने के बावजूद, इसका सरकारी ऋण और जीडीपी के अनुपात पर एक मध्यम प्रभाव पड़ता है। हमारा मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव प्रबंधनीय होगा। भारत व्यापार पर अपेक्षाकृत कम निर्भर है और इसकी लगभग 60% आर्थिक वृद्धि घरेलू खपत से आती है। हमारा अनुमान है कि यदि भारत को रूसी कच्चे तेल के आयात से हटना पड़ता है, तो राजकोषीय लागत, यदि पूरी तरह से सरकार द्वारा वहन की जाती है, तो रूसी कच्चे तेल और वर्तमान अंतरराष्ट्रीय मानकों के बीच कम मूल्य अंतर को देखते हुए, मामूली होगी।
एसएंडपी ने पिछली बार जनवरी 2007 में भारत की रेटिंग को 'बीबीबी-' किया था - वित्त मंत्रालय
देश के वित मंत्रालय ने भारत के लिए S&P Global Ratings का स्वागत किया है। मंत्रालय ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा है - भारत सरकार, एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स द्वारा भारत की दीर्घकालिक सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को 'बीबीबी-' से 'बीबीबी' और अल्पकालिक रेटिंग को 'ए-3' से 'ए-2' करके स्थिर दृष्टिकोण के साथ अपग्रेड करने के निर्णय का स्वागत करता है। एसएंडपी ने पिछली बार जनवरी 2007 में भारत की रेटिंग को 'बीबीबी-' किया था, इसलिए यह रेटिंग अपग्रेड 18 साल के अंतराल के बाद आया है। मंत्रालय ने आगे लिखा है, "रेटिंग में यह सुधार इस बात की पुष्टि करता है कि प्रधानमंत्री श्री @narendramodi के नेतृत्व में, स्थिरता प्रदान करते हुए, भारत की अर्थव्यवस्था वास्तव में चुस्त, सक्रिय और लचीली है।"
मंत्रालय ने अपने इस एक्स पोस्ट में लिखा है, "भारत ने अपने मज़बूत बुनियादी ढाँचे के निर्माण अभियान और समावेशी विकास के दृष्टिकोण को बनाए रखते हुए, राजकोषीय समेकन को प्राथमिकता दी है, जिसके कारण यह उन्नयन संभव हुआ है। भारत अपनी तेज़ विकास गति को जारी रखेगा और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आगे और सुधारात्मक कदम उठाएगा। एस एंड पी द्वारा इस वर्ष किया गया यह दूसरा सॉवरेन रेटिंग संशोधन है। डीबीआरएस ने हाल ही में भारत को बीबीबी दर्जा दिया था।"
Published By : Amit Dubey
पब्लिश्ड 14 August 2025 at 20:49 IST