अपडेटेड 22 October 2025 at 20:41 IST

RD vs FD: अपनी सेविंग को कैसे रख सकते हैं सुरक्षित, जानें FD और RD में कौन सा ऑपशन देगा ज्यादा रिटर्न

FD बेहतर है अगर आपके पास एक बड़ी रकम है और आप उसे लंबे समय के लिए एक बार में निवेश करके थोड़ी अधिक ब्याज दर का लाभ लेना चाहते हैं। RD बेहतर है अगर आप नियमित रूप से मासिक बचत करना चाहते हैं और अपनी आय को प्रभावित किए बिना किसी लक्ष्य (जैसे यात्रा, शिक्षा या इमरजेंसी फंड) के लिए बचत करना चाहते हैं।

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Rs 200 notes | Image: Shutterstock

अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखने के लिए आजकल बाज़ार में कई तरह के इन्वेस्टमेंट ऑप्शन मौजूद हैं। कुछ लोग जल्दी मुनाफा कमाने के लिए स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं, जबकि अन्य लंबी अवधि के लिए बैंक एफडी (FD) और आरडी (RD) जैसी योजनाओं को एक बेहतर और सुरक्षित विकल्प मानते हैं। आइए, आज हम जानते हैं कि फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और रेकरिंग डिपॉजिट (RD) क्या हैं, इनकी मुख्य विशेषताएं क्या हैं और आपकी आर्थिक स्थिति के अनुसार कौन सा विकल्प आपके लिए सबसे अच्छा रहेगा।

फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) क्या है?

एफडी (FD) यानी फिक्स्ड डिपॉजिट एक ऐसा निवेश विकल्प है, जिसमें आप एक बार में एक बड़ी राशि बैंक में जमा करते हैं और उसे एक निश्चित समय अवधि के लिए वहीं रहने देते हैं। इस दौरान, बैंक आपको एक तयशुदा ब्याज दर देता है, जिससे आपको गारंटीड रिटर्न मिलता है।

आप अपनी जरूरत के हिसाब से एफडी की अवधि चुन सकते हैं, जो 7 दिन से लेकर 10 साल तक हो सकती है। मैच्योरिटी (परिपक्वता) पर आपको आपकी पूरी जमा राशि ब्याज सहित वापस मिल जाती है। इसी कारण, एफडी को कम जोखिम वाला और सुरक्षित निवेश माना जाता है।

FD क्यों है लोगों की पसंद?

  • निश्चित और गारंटीड रिटर्न: एफडी में रिटर्न तय होता है, इसलिए यह सुरक्षित है।
  • अवधि में लचीलापन (Flexibility): आप 7 दिन से लेकर 10 साल तक के लिए निवेश कर सकते हैं।
  • जोखिम-मुक्त (Risk-Free): इसमें आपका पैसा सुरक्षित रहता है।
  • ब्याज प्राप्त करने के विकल्प: आप मासिक, त्रैमासिक (क्वार्टरली) या मैच्योरिटी पर ब्याज ले सकते हैं।
  • टैक्स-सेविंग: 5 साल की लॉक-इन अवधि वाली एफडी टैक्स बचाने का अच्छा विकल्प है।
  • लोन की सुविधा: जरूरत पड़ने पर एफडी के बदले लोन भी लिया जा सकता है।

ध्यान रखें: मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालने पर जुर्माना (पेनल्टी) लग सकती है।

रेकरिंग डिपॉजिट (RD) क्या है?

आरडी (RD) उन लोगों के लिए एक बेहतरीन निवेश विकल्प है जो हर महीने थोड़ी-थोड़ी रकम बचाकर फिक्स्ड रिटर्न पाना चाहते हैं। इसमें आपको हर महीने एक तय राशि बैंक में जमा करनी होती है। जब स्कीम की अवधि पूरी होती है, तब आपको आपकी जमा पूंजी के साथ ब्याज भी मिलता है। यह उन लोगों के लिए खास तौर पर अच्छा है, जिनके पास एक साथ बड़ी रकम नहीं होती, लेकिन वे अनुशासन के साथ बचत करना चाहते हैं।

आरडी की अवधि 6 महीने से लेकर 10 साल तक हो सकती है। इसकी ब्याज दर एफडी की तरह ही फिक्स होती है। यह भी एक सुरक्षित और जोखिम-मुक्त निवेश माना जाता है। अगर आप आरडी को मैच्योरिटी से पहले बंद करते हैं, तो आपको कम ब्याज मिलता है और जुर्माना लग सकता है।

FD और RD में क्या हैं समानताएं?

  • सुरक्षित निवेश: दोनों ही सुरक्षित माने जाते हैं और निश्चित रिटर्न देते हैं।
  • टैक्सेबल ब्याज: दोनों में निवेश पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है।
  • नॉमिनी सुविधा: दोनों में नॉमिनी जोड़ा जा सकता है।
  • प्री-मैच्योर विड्रॉल पर पेनल्टी: जरूरत से पहले पैसा निकालने पर दोनों स्कीम्स में जुर्माना लग सकता है।

FD और RD में अंतर

विशेषताFDRD
जमा करने का तरीकाएक बार में बड़ी राशि जमा करनामासिक आधार पर छोटी-छोटी राशि जमा करना।
ब्याज की गणनाब्याज पूरी जमा राशि पर एक साथ काम करता हैजमा राशि बढ़ने के साथ ब्याज भी बढ़ता है
ब्याज का भुगतानमासिक/त्रैमासिक या मैच्योरिटी पर मिल सकता हैआमतौर पर ब्याज और जमा राशि मैच्योरिटी पर ही मिलते हैं
नियमिततामैच्योरिटी के बाद आप फिर से निवेश कर सकते हैंइसे नियमित रूप से चालू रखना जरूरी होता है

कौन-सा विकल्प आपके लिए बेहतर हो सकता है?

FD बेहतर है अगर आपके पास एक बड़ी रकम है और आप उसे लंबे समय के लिए एक बार में निवेश करके थोड़ी अधिक ब्याज दर का लाभ लेना चाहते हैं। RD बेहतर है अगर आप नियमित रूप से मासिक बचत करना चाहते हैं और अपनी आय को प्रभावित किए बिना किसी लक्ष्य (जैसे यात्रा, शिक्षा या इमरजेंसी फंड) के लिए बचत करना चाहते हैं।

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Published By : Subodh Gargya

पब्लिश्ड 22 October 2025 at 20:41 IST