अपडेटेड 6 June 2025 at 11:23 IST
होम लोन-कार लोन की EMI भरने वालों के लिए गुड न्यूज, RBI ने रेपो रेट में की 50 बीपीएस की कटौती, जानिए कितनी कम हो जाएगी किस्त
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने तीसरी बार रेपो रेट में कटौती की है। मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन चली बैठक के बाद आज आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बैठक में लिए गए फैसलों की घोषणा की।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने तीसरी बार रेपो रेट में कटौती की है। मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन चली बैठक के बाद आज आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बैठक में लिए गए फैसलों की घोषणा की। रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट (bps) की कटौती की है। इस कटौती के साथ रेपो रेट अब घटकर 5.50 फीसदी रह गया है। आपको बता दें कि रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई कमर्शियल बैंकों को लोन देता है। इसके कम होने से आपके होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन की ईएमआई कम हो जाती है। इससे लोगों के पास खर्च करने के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे और अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।
आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में रेपो रेट में कटौती का फैसला लिया गया। आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वैश्विक स्थिति नाजुक, विभिन्न देशों में आर्थिक परिदृश्य कमजोर बना हुआ है। वैश्विक स्तर पर कमजोर आर्थिक परिदृश्य के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। आरबीआई ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.50 प्रतिशत घटाकर 5.50 प्रतिशत किया।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि काफी तेजी से रेपो दर में एक प्रतिशत की कटौती के बाद अब मौद्रिक नीति में वृद्धि को समर्थन देने के लिए सीमित गुंजाइश रह गई है। एमपीसी ने साथ ही अपना रुख अकोमोडेटिव से न्यूट्रल कर दिया है। उन्होंने साथ ही कहा कि अब एमपीसी भविष्य की नीति तैयार करने के लिए आय के आंकड़ों और उभरते परिदृश्य का सावधानीपूर्वक आकलन करेगी।
इसके अलावा आरबीआई ने कैश रिजर्व रेशियो (CRR) यानी नकद आरक्षित अनुपात में 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती करने का ऐलान किया है। इसका सीधा मतलब है कि अब बैंकों को अपनी जमा राशि का कम हिस्सा आरबीआई के पास रखना होगा, जिससे उनके पास अधिक पैसा उपलब्ध रहेगा और वे अधिक लोन बांटने में सक्षम होंगे।
GDP ग्रोथ अनुमान में कोई बदलाव नहीं
इसके साथ, आरबीआई ने 2025-26 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। वहीं चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को चार प्रतिशत से घटाकर 3.7 कर दिया गया है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, 'इस वर्ष 2025-2026 के लिए वास्तविक जीडीपी ग्रोथ रेट 6.5% रहने का अनुमान है, जो हमारे पहले के पूर्वानुमान के अनुसार जारी रहेगी, जिसमें पहली तिमाही 6.5%, दूसरी तिमाही 6.7%, तीसरी तिमाही 6.6% और चौथी तिमाही 6.4% रहेगी। जोखिम समान रूप से संतुलित हैं।'
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 6 June 2025 at 10:35 IST