अपडेटेड 7 December 2025 at 16:21 IST
India forex reserves: देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार दूसरे हफ्ते गिरावट, घटकर 686 अरब डॉलर पर आया; सोने के भंडार में हुई बढ़त
India forex reserves: विदेशी मुद्रा भंडार, या एफएक्स भंडार, किसी देश के केंद्रीय बैंक या मौद्रिक प्राधिकरण द्वारा रखी गई परिसंपत्तियां (Assets) हैं, जो मुख्य रूप से आरक्षित मुद्राओं जैसे अमेरिकी डॉलर में होती हैं और जिनका छोटा हिस्सा यूरो, जापानी येन और पाउंड स्टर्लिंग में होता है।
India forex reserves: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 1.88 अरब डॉलर की गिरावट देखी गई है, जबकि स्वर्ण भंडार में बढ़ोतरी हुई है। यह गिरावट लगातार दूसरे हफ्ते भी जारी है। देश के केंद्रीय बैंक यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के द्वारा जारी लेटेस्ट साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार यह जानकारी सामने आई है।
इसमें बताया गया है कि 28 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.877 अरब डॉलर घटकर 686.227 अरब डॉलर रह गया है। मालूम हो कि इससे पिछले सप्ताह (21 नवंबर) में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4.472 बिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 688.104 बिलियन डॉलर अमेरिकी डॉलर रह गया था।
स्वर्ण भंडार 1.613 बिलियन डॉलर बढ़ा
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, पिछले कई सप्ताहों से विदेशी मुद्रा बाजार में गिरावट का रुख रहा है। आरबीआई के 'साप्ताहिक सांख्यिकीय अनुपूरक' आंकड़ों से पता चला है कि भारत की विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (FCA), जो विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक है, 3.569 बिलियन अमरीकी डॉलर घटकर 557.031 बिलियन अमरीकी डॉलर रह गईं।
दिलचस्प बात यह है कि चालू रिपोर्टिंग सप्ताह के दौरान स्वर्ण भंडार 1.613 बिलियन बढ़कर 105.795 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। हाल के महीनों में सुरक्षित निवेश परिसंपत्ति सोने की कीमत में तेजी से वृद्धि हुई है, जो संभवतः बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं और मजबूत निवेश मांग के कारण है।
आंकड़ों के अनुसार, विशेष आहरण अधिकार (SDR) 63 मिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 18.628 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गए। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में देश का आरक्षित भंडार 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 4.772 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
क्या होता है विदेशी मुद्रा भंडार?
विदेशी मुद्रा भंडार या एफएक्स भंडार, किसी देश के केंद्रीय बैंक या मौद्रिक प्राधिकरण द्वारा रखी गई परिसंपत्तियां (Assets ) हैं, जो मुख्य रूप से आरक्षित मुद्राओं जैसे अमेरिकी डॉलर में होती हैं और जिनका छोटा हिस्सा यूरो, जापानी येन और पाउंड स्टर्लिंग में होता है।
2023 में भारत ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 58 बिलियन अमेरिकी डॉलर जोड़े, जबकि 2022 में इसमें 71 बिलियन अमेरिकी डॉलर की गिरावट होगी। 2024 में, भंडार 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर से थोड़ा अधिक बढ़ जाएगा।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 7 December 2025 at 16:21 IST