अपडेटेड 12 June 2025 at 11:02 IST
3000 रुपये से ज्यादा के UPI पेमेंट पर लगेगा चार्ज? वित्त मंत्रालय ने किया साफ
UPI Payment: दावा किया जा रहा है कि यूपीआई पेमेंट अब मुफ्त नहीं रहेगा। सरकार की तैयारी 3 हजार से ज्यादा के लेनदेन पर शुल्क लगाने की है। इन दावों में कितनी सच्चाई है? सरकार ने बता दिया।
UPI Payment Charges: UPI या डिजिटल पेमेंट अब हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गया है। 5-10 रुपये के लेकर हजारों-लाखों का लेनदेन आजकल बड़ा ही आसान हो गया है। अब न तो लोगों को अपने साथ कैश रखने की झंझट रही और न ही पैसा निकालने के लिए ATM की लाइन में लगने की टेंशन। बस जेब में से फोन निकाला, QR कोड स्कैन किया और कुछ ही सेकेंड के अंदर पेमेंट हो जाता है। ये ट्रांजेक्शन बिल्कुल फ्री होते हैं। यानी पैसों का लेन-देन करने के लिए हमें कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं देना पड़ता। लेकिन तब क्या हो जब इन्हीं पेमेंट पर चार्ज लगने लगे?
दरअसल, ऐसी खबरें बीते कई दिनों से सामने आ रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि सरकार 3000 रुपये से ज्यादा के UPI लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) या शुल्क लगाने की तैयारी में है। क्या वाकई ऐसा होने जा रहा है? इस दावे में कितनी सच्चाई है? वित्त मंत्रालय ने इस पर अपना रूख साफ कर दिया।
वित्त मंत्रालय ने क्या कहा?
मंत्रालय ने बताया कि UPI लेनदेन पर किसी भी तरह का कोई चार्ज लगाने की सरकार तैयारी नहीं कर रही है। एक बयान जारी किया गया, "UPI लेनदेन पर MDR चार्ज किए जाने की अटकलें और दावे पूरी तरह से झूठे, निराधार और भ्रामक हैं। इस तरह की निराधार और सनसनी पैदा करने वाली अटकलें हमारे नागरिकों के बीच अनावश्यक अनिश्चितता, भय और संदेह पैदा करती हैं। सरकार UPI के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।"
किए गए थे ये दावे
दरअसल रिपोर्ट्स में बताया जा रहा था कि पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया यानी PCI ने बड़े व्यापारियों (जिनका टर्नओवर ज्यादा है) उन पर 0.3% MDR लगाया जाने का सुझाव दिया था। जिसके बाद ही यह दावा किया जाने लगा था कि सरकार 3000 रुपये से अधिक के लेनदेन पर चार्ज लागू कर सकती है। दावा ये भी था कि मुफ्त UPI पेमेंट से डिजिटल भुगतान में भारत दुनिया में नंबर वन बना गया है, लेकिन इसके साथ ही बैंकों और पेमेंट प्रोवाइडर्स को घाटे से बचाने के लिए बड़े लेनदेन पर शुल्क लगाने की जरूरत है। हालांकि वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि उनकी ऐसी कोई योजना नहीं है।
यहां यह भी जानना जरूरी है कि जनवरी 2020 से UPI लेनदेन पर 'जीरो MDR' नीति लागू है, जिसका मतलब है कि व्यापारियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।
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Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 12 June 2025 at 11:02 IST