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अपडेटेड 3 April 2024 at 21:20 IST

पूर्व PM राजीव गांधी हत्याकांड के तीन दोषी लौटे श्रीलंका, दर्ज कराया अपना बयान

Supreme Court ने नवंबर 2022 में सात दोषियों को रिहा कर दिया था, जिनमें ये तीनों श्रीलंकाई नागरिक भी शामिल थे।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Ruchi Mehra
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Rajiv Gandhi assassination convicts
राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी लौटे श्रीलंका | Image: PTI

Rajiv Gandhi assassination convicts: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड मामले के तीन दोषी बुधवार को श्रीलंका लौट गए और पहुंचने पर अपने बयान दर्ज कराए।

तीनों दोषी मुरुगन उर्फ श्रीहरन, जयकुमार और रॉबर्ट पायस श्रीलंका के नागरिक हैं तथा पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के मामले में तीन दशक तक जेल की सजा काटने के बाद उच्चतम न्यायालय ने करीब दो वर्ष पहले उन्हें रिहा कर दिया था।

अधिकारियों के मुताबिक मुरुगन, जयकुमार और रॉबर्ट पायस श्रीलंका के एक विमान से बुधवार को चेन्नई से कोलंबो रवाना हुए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मुरुगन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार सुबह करीब 11 बजे (स्थानीय समय) कोलंबो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे। अधिकारियों ने कहा कि उनके बयान 5 घंटे से अधिक समय तक दर्ज किए गए।

दोषी संथन की हुई मौत

इन तीनों के साथ ही चौथे दोषी संथन को 2022 में जेल से रिहा कर दिया गया था और उन्हें तिरुचिरापल्ली में एक विशेष शिविर में रखा गया था। श्रीलंका वापस भेजने के लिए उन्हें मंगलवार रात चेन्नई लाया गया था। संथन की हाल में गुर्दे की बीमारी की वजह से मौत हो गई थी। उसके शव को एक मार्च को श्रीलंका भेज दिया गया था।

सात दोषियों की हुई थी रिहाई

उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में नवंबर 2022 में सात दोषियों को रिहा कर दिया था, जिनमें ये तीनों श्रीलंकाई नागरिक भी शामिल थे। मामले में दोषी ठहराए गए और रिहा किए गए अन्य लोग पेरारिवलन, रविचंद्रन और नलिनी भारतीय हैं।

चुनावी सभा के दौरान हुई थी हत्या

प्रतिबंधित लिट्टे की एक आत्मघाती हमलावर ने चुनावी सभा के दौरान राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को श्रीपेरंबुदूर के पास हत्या कर दी थी। हत्या के लिए श्रीलंका के तमिल अलगाववादी समूह लिट्टे को दोषी ठहराया गया था।

गांधी ने 1987 में भारत-श्रीलंका शांति समझौते में अहम भूमिका निभायी थी, जिससे श्रीलंका के संविधान में 13वें संशोधन के माध्यम से नौ श्रीलंकाई प्रांतों के लिए प्रांतीय परिषद प्रणाली तैयार हुई। भारत अब भी श्रीलंका में तमिल समस्या के समाधान के रूप में 13ए के पूर्ण कार्यान्वयन पर जोर दे रहा है।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

पब्लिश्ड 3 April 2024 at 21:20 IST