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अपडेटेड 2 April 2024 at 20:41 IST

अरविंद केजरीवाल जिद पर अड़े, अगर नहीं देते इस्तीफा तो क्या हैं विकल्प; बन सकती है स्पेशल जेल?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में जानें के बाद भी अपने पद से इस्तीफा देने को तैयार नहीं हैं। क्या जेल में रहते हुए सरकारी कामकाज कर सकते हैं?

Reported by: Sagar Singh
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Arvind Kejriwal resign
अरविंद केजरीवाल जिद पर अड़े | Image: Republic

Delhi Liquor Scam : दिल्ली के शराब घोटाले (Delhi Liquor Scam) में गिरफ्तारी के दलदल में फंसी आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए मंगलवार का दिन बड़ी राहत मिली लेकर आया। 6 महीने से जेल में बंद AAP के सांसद संजय सिंह को जमानत मिल गई। सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत पर सुनवाई के दौरान ED ने विरोध नहीं किया, जिसके बाद अरंविद केजरीवाल के साथी संजय सिंह की रिहाई का रास्ता साफ हो गया। संजय सिंह को भली ही सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है, लेकिन अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में अपने दिन गुजार रहे हैं।

लोकसभा चुनाव से ऐन पहले लड़खड़ाती टीम अरविंद केजरीवाल को संजय सिंह के बाहर आने से राहत की उम्मीद है, अदालत ने दो टूक कह दिया कि संजय सिंह को जमानत वाले आदेश को किसी दूसरे मामले में नजीर ना मानें। यानि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सतेंद्र जैन की फिलहाल बाहर आने की कोई उम्मीद नहीं है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में जानें के बाद भी अपने पद से इस्तीफा देने को तैयार नहीं हैं। AAP का कहना है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ही रहेंगे, लेकिन अब सवाल ये उठ रहा है कि तिहाड़ जेल में रहते हुए केजरीवाल सरकारी कामकाज कैसे करेंगे?

जेल से कैसे चलेगी सरकार?

अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में आम कैदी की रह रहे हैं। उन्हें जेल मैनुअल का पालन करना पड़ रहा है। तिहाड़ जेल जेल मैनुअल के हिसाब से उन्हें कभी-कभी चिट्ठी लिखने की इजाजत होगी, लेकिन लगातार चिट्ठी नहीं लिख पाएंगे। जेल के अंदर से उनके लिए कोई आदेश जारी करना संभव नहीं होगा, वो फाइल भी नहीं मांग सकते हैं। जेल में मुलाकात भी हफ्ते में केवल दो ही बार संभव है और कैबिनेट बैठक की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती है। जेल मैनुअल में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। इसका विकल्प ये है कि कोई सीनियर मंत्री बैठक ले सकता है।

जेल में अगर कैबिनेट बैठक हो भी जाती है तो LG तक फाइल कैसे पहुंचेगी? AAP के लिए सिर्फ कैबिनेट बैठक करना ही चुनौती नहीं है। कैबिनेट बैठक में पास हुए आदेश की फाइल LG के पास जाती है, लेकिन फाइल पर सीएम का सिग्नेचर जरूरी है और दिल्ली के सीएम जेल में हैं।

जेल में हो सकती है कैबिनेट बैठक?

जेल मैनुअल के हिसाब से सबसे पहली जिम्मेदारी जेल और उसमें बंद कैदियों की सुरक्षा है। अगर कोर्ट अरविंद केजरीवाल से अधिक लोगों के मिलने की इजाजत देती है, तो सुरक्षा के लिहाज से जेल प्रशासन के लिए बड़ी मुसीबत हो जाएगी। कैबिनेट की बैठक अगर जेल में होती है और उसमें लिए गए फैसलों की फाइल पर सीएम अरविंद केजरीवाल सिग्नेचर करते हैं, तो फाइल जेल अधीक्षक को दिखानी होगी। ऐसा करना सरकारी गोपनीयता के लिहाज से ठीक नहीं होगा।

क्या बन सकती है स्पेशल जेल?

अरविंद केजरीवाल के पास एक विकल्प स्पेशल जेल भी है। यह हो सकता है कि सुरक्षा के लिहाज से दिल्ली सीएम के लिए एक स्पेशल जेल तैयार जी जाए। LG के पास यह अधिकार है कि वो किसी बिल्डिंग को जेल घोषित कर सकते हैं। ऐसा एक बार पहले भी हो चुका है। साल 2000 में पूर्व पीएम नरसिम्हा राव को जब एक विशेष अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी, तो उनकी सुरक्षा के लिहाज से एक अलग जेल तैयार की गई थी। नरसिम्हा राव के लिए यह स्पेशल जेल ITPB की मेस को बनाया गया था। हालांकि इस मामले नरसिम्हा राव को दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई थी। 

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पब्लिश्ड 2 April 2024 at 20:41 IST