अपडेटेड 3 November 2024 at 10:13 IST

अमेरिका में नवंबर के पहले मंगलवार को ही क्यों होता है राष्ट्रपति चुनाव? काफी रोचक है इतिहास

अमेरिकी चुनाव के लिए महज दो दिन से भी कम का समय बचा है। इस बीच गौर करने वाली बात ये है कि वहां हमेशा नवंबर के पहले मंगलवार को ही चुनाव क्यों होता है?

Kamala Harris Donald Trump
कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप | Image: AP/ @KamalaHarris-FB

US Election Day: अमेरिका में नए राष्ट्रपति के लिए चल रही चुनावी रेस में अब महज दो दिन से भी कम का समय बचा है। 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव (US elections 2024) के लिए वोट डाले जाएंगे। इस चुनाव के दोनों ही उम्मीदवार उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ( Kamala Harris ) और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump ) कांटे की टक्कर में हैं। इस बीच गौर करने वाली बात ये है कि अमेरिका में हमेशा नवंबर के पहले मंगलवार को ही चुनाव क्यों होता है?

दरअसल, अमेरिका में मंगलवार को चुनाव होने की प्रथा 170 सालों से चली आ रही है। इस साल (2024) 5 नवंबर (मंगलवार) को राष्ट्रपति चुनाव है। वहीं 2028 में 7 नवंबर (मंगलवार) को वोटिंग होगी। इसी तरह से 2032 में 2 नवंबर (मंगलवार) को वोट डाले जाएंगे। अमेरिका में हर चार साल पर राष्ट्रपति का चुनाव होता है। इसमें अमेरिकी नागरिक राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनते हैं। उपराष्ट्रपति का कार्यकाल भी 4 साल की होता है।

कौन हैं अमेरिकी उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार?

जान लें कि रिपबल्किन पार्टी (Republican Party) की ओर से इस बार उपराष्ट्रपति पद के लिए जेडी वेंस (JD Vance) मैदान में हैं जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी (Democratic Party) ने टीम वाल्ज (Tim Walz) को उम्मीदवार बनाया गया है।

अमेरिका और भारत में 5 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की टाइमिंग में अंतर है। जहां अमेरिका में 5 नवंबर को चुनाव होगा तो वहीं यह दिन भारत में 6 नवंबर हो जाएगा। बता दें कि नई अमेरिकी  सरकार का कार्यकाल जनवरी 2025 में शुरू होगा। नए राष्ट्रपति 20 जनवरी को पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। हालांकि अगर 20 जनवरी को रविवार पड़ता है तो नए राष्ट्रपति का कार्यकाल अगले दिन यानी कि 21 जनवरी से शुरू होता है।

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इलेक्शन डे नवंबर में ही क्यों?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग हर बार नवंबर के महीने में पड़ने वाले पहले मंगलवार को ही होती है। जानकारी के अनुसार, जब 1875 में अमेरिका में सभी राज्यों में एक साथ चुनाव कराने का कानून बना था, उस वक्त ज्यादातर लोग खेतीबाड़ी का काम किया करते थे। ऐसे में नवंबर के शुरूआती दिनों में किसानों के पास फुर्सत रहती थी। यही वजह रही कि मतदान के लिए नवंबर का महीना तय कर दिया गया। 

मंगलवार को ही क्यों होता है राष्ट्रपति चुनाव?

इसके बाद वोटिंग डे को लेकर सोच-विचार किया गया। रविवार के दिन लोग प्रेयर के लिए चर्च जाया करते थे। ऐसे में वोटिंग के लिए रविवार का दिन रिजेक्ट कर दिया गया।वहीं शुरूआती दिनों में बुधवार का दिन अमेरिकी लोगों के लिए मार्केट का दिन रहा करता था इसलिए इस दिन को भी दरकिनार कर दिया गया। इसके बाद वोटिंग के लिए मंगलवार का दिन चुना गया। सोमवार का दिन इसलिए नहीं चुना गया ताकि उस दिन लोग यात्रा करके मतदान केंद्र तक पहुंच पाए। मालूम हो कि उस दौर में गाड़ियां नहीं होती थी, ऐसे में लोगों को मीलों दूर पैदल ही यात्रा तय करनी पड़ती थी। इसके अलावा मतदान केंद्र भी लोगों के घरों से काफी दूर हुआ करते थे। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए नवंबर का पहला मंगलवार वोटिंग के लिए चुन लिया गया। इसी तरह से अमेरिका में वोटिंग की यह प्रथा 1875 से चली आ रही है।

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राष्ट्रपति पद की दौड़ जीतने के लिए 270 ‘इलेक्टोरल वोट’ की जरूरत

फिलहाल दुनिया के शक्तिशाली देश कहे जाने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव पर सबकी नजरें हैं। अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला और सैन्य रूप से सबसे ताकतवर देश है। साथ ही यह कई अंतरराष्ट्रीय सामरिक गठबंधनों, आर्थिक और वित्तीय प्रणालियों और दुनिया के कई महत्वपूर्ण संस्थानों का केंद्र है। यह अमेरिकी इतिहास का एक बहुत ही महत्वपूर्ण चुनाव है। इस चुनाव से यह तय होगा कि देश का शासन कैसे चलेगा। साथ ही इस चुनाव का मध्य-पूर्व में जारी जंग और यूक्रेन-रूस युद्ध खत्म होने के बाद की व्यवस्था पर भी बड़े पैमाने पर प्रभाव पड़ सकता है। बता दें कि व्हाइट हाउस की दौड़ जीतने के लिए सफल उम्मीदवार को 538 में से 270 ‘इलेक्टोरल वोट’ हासिल करने होंगे।

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Published By : Priyanka Yadav

पब्लिश्ड 3 November 2024 at 10:08 IST