अपडेटेड 6 November 2024 at 11:00 IST

अमेरिका चुनाव में हुई ट्रंप की जीत तो भारत को कितना फायदा? इन लोगों का तो नुकसान होना तय; जानिए गणित

ऐसे में अगर डोनाल्ड ट्रंप चुनाव जीतते हैं तो भारत पर इसका असर पड़ना तय है। क्‍योंकि डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और US के संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई

Donald Trump, US Elections 2024
Republican Presidential nominee Donald Trump | Image: AP

अमेरिका के राष्‍ट्रपति चुनाव (US President Election) का काउंट डाउन थोड़ी देर में रुक जाएगा। वहां के व्‍हाइट हाउस में कमला हैरिस ( Kamala Harris ) बैठेंगी या फिर डोनाल्‍ड ट्रंप ( Donald Trump ) ये भी चंद घंटों में साफ हो जाएगा। अभी तक के जो नतीजे सामने आए हैं उनमें डोनाल्ड ट्रंप बहुमत की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं। हालांकि कमला हैरिस भी बराबर का टक्कर दे रही हैं। दोनों ही नेता अपनी-अपनी इकोनॉमिक पॉलिसी को लेकर मुखर रहे हैं।

ऐसे में अगर डोनाल्ड ट्रंप चुनाव जीतते हैं तो भारत पर इसका असर पड़ना तय है। क्‍योंकि डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और US के संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई है। दिवाली के खास मौके पर ट्रंप ने सोशल मीडिया साइट X पर पोस्ट करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना दोस्त बताया था। साथ ही उन्‍होंने अपनी सरकार आने पर दोनों देशों के बीच की साझेदारी को और आगे बढ़ाने का वादा किया है।

रक्षा और सुरक्षा पर मेल खाती है ट्रंप और भारत की नीति

चीन को लेकर भारत की जो भी चिंताएं हैं, वह डोनाल्ड ट्रंप के रुख से मेल खाता है। ट्रंप प्रशासन के नेतृत्व में भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग और बेहतर और मजबूत होने की संभावनाएं हैं। पिछली बार ट्रंप के ही कार्यकाल में ही  इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीनी प्रभाव का मुकाबला करने के लिए अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच सुरक्षा साझेदारी क्वाड को मजबूत किया गया था। चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के साथ तनाव के बीच अतिरिक्त संयुक्त सैन्य अभ्यास, हथियारों की बिक्री और टेक्नोलॉजी का हस्तांतरण भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत कर सकते हैं।

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ट्रंप की वीजा पॉलिसी से हो सकता है थोड़ा नुकसान

डोनाल्ड ट्रंप ने इस बारे अपने चुनाव प्रचार के दौरान पिछली बार की तरह सिर्फ इमीग्रेशन कानून के सख्त पालन की बात नहीं की है। बल्कि इस बार वह ऐसे 1.1 करोड़ लोगों को देश से बाहर या उनके देश वापस भेजने की बात करते रहे हैं, जो बिना सही दस्तावेज के अमेरिका में रहे हैं।

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इतना ही नहीं इस बार उनके चुनाव प्रचार में ये भी कहा गया है कि अगर वह सत्ता में वापसी करते हैं, तो अमेरिकी धरती पर जन्म लेने वालों के बच्चों को ही नागरिकता का अधिकार देंगे। यानी जो लोग वीजा या लंबे समय से अमेरिका में रहने के बाद नागरिकता पाने के अधिकारी होते हैं, उनसे ये अधिकार छीन लेंगे। हालांकि इसके लिए उनके सामने संवैधानिक चुनौती आ सकती है।

भारत का आईटी, फ़ार्मास्यूटिकल्स और टेक्सटाइल क्षेत्र बढ़ेगा आगे?

डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाला प्रशासन साफतौर पर अमेरिका केंद्रित ट्रेड पॉलिसीज पर ही जोर देगा। साथ ही भारत पर व्यापार बाधाओं को कम करने और टैरिफ का सामना करने का दबाव डालेगा। ऐसे में भारत का आईटी, फ़ार्मास्यूटिकल्स और टेक्सटाइल क्षेत्र का निर्यात बड़े स्तर पर प्रभावित हो सकता है।

इसी साल सितंबर में ट्रंप ने आयात शुल्क के मामले में भारत को एब्यूजर यानी दोहन करने वाले की संज्ञा दी थी। इसके बावजूद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की  तारीफ करते हुए उन्हें शानदार व्यक्ति बताया था। मिशिगन के फ्लिंट में एक टाउन हॉल के दौरान, व्यापार और शुल्कों पर चर्चा करते हुए ट्रंप ने कहा था कि इस मामले में भारत एक बहुत बड़ा एब्यूजर है। ये लोग सबसे चतुर लोग हैं। वे पिछड़े नहीं हैं। भारत आयात के मामले पर शीर्ष पर है, जिसका इस्तेमाल वह हमारे खिलाफ करता है।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 6 November 2024 at 11:00 IST