अपडेटेड 20 January 2025 at 23:22 IST
'हाउडी मोदी' से 'नमस्ते ट्रंप' तक... जब US राष्ट्रपति और PM मोदी की दिखी केमिस्ट्री, Trump 2.0 से भारत पर क्या होगा असर
PM मोदी संग डोनाल्ड ट्रंप की बॉन्डिंग काफी अच्छी है। 'हाउडी मोदी' हो या फिर 'नमस्ते ट्रंप'... दोनों के बीच गजब की केमिस्ट्री दुनिया ने देखी है।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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Donald Trump Oath Ceremony: अमेरिका में फिर से ट्रंप युग की शुरुआत हो गई हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले ली हैं। US में एक बार ट्रंप की वापसी से इसका भारत पर काफी असर होने की संभावना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संग डोनाल्ड ट्रंप की बॉन्डिंग काफी अच्छी है। दोनों नेताओं के बीच अच्छी दोस्ती भी नजर आती है। 'हाउडी मोदी' हो या फिर 'नमस्ते ट्रंप'... PM मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच गजब की केमिस्ट्री दुनिया ने देखी है।
जब दिखीं PM मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की केमिस्ट्री
PM मोदी और डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और अमेरिका के बीच व्यापार, रक्षा, और रणनीतिक साझेदारी को एक नया आयाम दिया है। कई कई मौकों के बीच अच्छे संबंध देखने को मिले। 6 साल पहले टेक्सास के ह्यूस्टन में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम किया गया था, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी दोनों ने साथ में मंच साझा किया। इस कार्यक्रम में डोनाल्ड ट्रंप ने PM मोदी की तारीफ में कहा था कि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सबसे अच्छे नेता हैं। इस इस इवेंट ने दोनों नेताओं की दोस्ती को एक नई ऊंचाई दी। साथ ही भारत-अमेरिका संबंधों को भी मजबूत किया।
एक-दूसरे की खूब तारीफ करते हैं दोनों दिग्गज
'हाउडी मोदी' के बाद भारत में भी ऐसा ही एक कार्यक्रम साल 2020 में आयोजित किया गया। गुजरात के अहमदाबाद, गुजरात में आयोजित विशाल कार्यक्रम ‘नमस्ते ट्रंप’ में डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप शामिल हुए। कार्यक्रम में मोदी और ट्रंप ने एक दूसरे की सराहना की। अमेरिकी चुनावों में ट्रंप की जीत के बाद भी पीएम मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए 'दोस्त' कहा था।
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ट्रंप के आने से भारत पर क्या असर?
अब बड़ा और अहम सवाल यह उठता है कि डोनाल्ड ट्रंप की इस नई पारी से भारत पर क्या असर पड़ने वाला है? इससे भारत को फायदा होगा या फिर नुकसान भी हो सकता है? आइए जानते हैं...
ट्रंप के इस दूसरे कार्यकाल में दोनों देशों के बीच के रक्षा संबंध और मजबूत होने की संभावना जताई जा रही है। वैसे तो भारत और चीन के बीच हालात सुधरे हैं। फिर भी चीन को नियंत्रित करने के लिए अमेरिका अपना अहम सहयोगी भारत को मानता है। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से सहयोग और मजबूत होगा। अपने पहले कार्यकाल में भी ट्रंप ने क्वाड को मजबूत करने में काफी दिलचस्पी दिखाई थी।
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डोनाल्ड ट्रंप हमेशा से 'अमेरिका फर्स्ट' नीति पर जोर देते हैं। वहीं, PM मोदी ने अमेरिका के साथ-साथ भारत के हितों को संतुलित करने की कोशिश की। वहीं, ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में ट्रंप ने उन देशों की आलोचना की जिन्होंने अमेरिकी वस्तुओं पर उच्च टैरिफ लगाए। कुछ अमेरिकी वस्तुओं पर भारत के टैरिफ भी लंबे समय से उनके लिए विवाद का विषय रहे। टैरिफ पर असहमति एक चुनौती बन सकता है।
इमिग्रेशन पॉलिसी का मुद्दा
इसके अलावा इमिग्रेशन पॉलिसी भी भारत-अमेरिका संबंधों में विवादास्पद मुद्दा रहा है। ट्रंप ने पहले H-1B वीजा के लिए सख्ती दिखाी थीं। अमेरिका में बड़ी संख्या में भारतीय काम करते हैं। ज्यादातर भारतीय H-1B वीजा पर ही वहां नौकरी करते हैं। ट्रंप का रवैया भारतीयों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है।
आतंकवाद पर क्या है रूख?
आतंकवाद के खिलाफ डोनाल्ड ट्रंप काफी मुखर हैं। आतंकवाद के मुद्दे पर अपने पहले कार्यकाल में ट्रंप ने भारत को मजबूत समर्थन दिया था। आतंकवाद को लेकर दोनों ट्रंप और पीएम मोदी के विचार भी मेल खाते हैं। ऐसे में भारत को पाकिस्तान प्रयोजित आतंकवाद के मामले में अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अमेरिका का सहयोग मिल सकता है।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 20 January 2025 at 23:19 IST