अपडेटेड 25 July 2024 at 10:16 IST
अमेरिका तक पहुंचा यूपी का नेमप्लेट विवाद, US प्रवक्ता ने पाकिस्तानी पत्रकार का ऐसे किया मुंह बंद!
कांवड़ यात्रा रूट पर 'नेमप्लेट' लगाने वाले मुद्दे पर अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी। अमेरिका ने संबंधित मामले में पाक पत्रकार को मुंहतोड़ जवाब दिया है।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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US on Nameplate Controversy: यूपी समेत कई अन्य राज्यों में नेमप्लेट लगाने का विवाद अब इंटरनेशनल बनता नजर आ रहा है। भले ही सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी हो, लेकिन भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान इस मुद्दे को लेकर अमेरिका तक पहुंच गया है। हालांकि पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने उसे सुप्रीम कोर्ट का आदेश याद दिला दिया।
दरअसल, कांवड़ यात्रा रूट पर 'नेमप्लेट' लगाने वाले मुद्दे पर अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी। अमेरिका ने संबंधित मामले में याद दिलाते हुए कहा कि भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने इस पर पहले ही अंतरिम रोक लगा दी है। इसलिए वे वास्तव में प्रभावी नहीं हैं।
पाक पत्रकार को मिला ये जवाब
कांवड़ यात्रा मार्ग पर नेमप्लेट लगाने के मुद्दे पर एक पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा- 'हमने वो रिपोर्ट देखी है। हमने वो रिपोर्ट भी देखी है कि भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई को उन नियमों के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक लगा दी है। इसलिए वे वास्तव में प्रभावी नहीं हैं। सामान्य रूप से कहें तो, हम दुनिया में कहीं भी सभी के लिए धर्म और आस्था की स्वतंत्रता के अधिकार के लिए सार्वभौमिक सम्मान को बढ़ावा देने और उसकी रक्षा करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध हैं और हमने सभी धर्मों के सदस्यों के लिए समान व्यवहार के महत्व पर अपने भारतीय समकक्षों के साथ बातचीत की है...'
क्या है नेमप्लेट विवाद?
बता दें कि मुजफ्फरनगर पुलिस के इस मॉडल को पूरे उत्तर प्रदेश में लागू किया गया था। 19 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अहम कदम उठाते हुए आदेश दिया गया था कि पूरे प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर 'नेमप्लेट' लगानी होगी। हालांकि इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी ने कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया था, लेकिन निर्देश दिए थे कि पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान रास्तों पर लगने वाली दुकानों पर नेमप्लेट लगानी होगी। निर्देश में कहा गया कि दुकानों पर संचालक मालिक का नाम और पहचान लिखनी होगी। बताया गया कि कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए फैसला लिया गया। निर्देश ये भी दिए गए थे कि हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। खैर, इस पर अब सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होनी है।
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Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 25 July 2024 at 09:35 IST